नारायणपुर में शाम से दोपहर तक फिर ब्लैक आउट
नारायणपुर (जामताड़ा) एक बार पुन नारायणपुर में पिछले 18 घंटे से ब्लैक आउट की स्थिति बनी रही। 18 घंटे बाद बिजली मिलने से लोगों को राहत मिली। शनिवार की शाम पांच बजे मौसम खराब होने व बारिश होने के बाद क्षेत्र से बिजली गुल हुई। फिर रविवार दोपहर बिजली आई। हालांकि दोपहर एक बजे तक नारायणपुर के सभी उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल पाई थी। क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बंद रहने से जनता कर्फ्यू में घर में रहनेवालों को खासी परेशानी हुई।
नारायणपुर (जामताड़ा) : एक बार पुन: नारायणपुर में पिछले 18 घंटे से ब्लैक आउट की स्थिति बनी रही। 18 घंटे बाद बिजली मिलने से लोगों को राहत मिली। शनिवार की शाम पांच बजे मौसम खराब होने व बारिश होने के बाद क्षेत्र से बिजली गुल हुई। फिर रविवार दोपहर बिजली आई। हालांकि दोपहर एक बजे तक नारायणपुर के सभी उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल पाई थी। क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बंद रहने से जनता कर्फ्यू में घर में रहनेवालों को खासी परेशानी हुई।
बारिश की वजह से बिजली विभाग की बिजली आपूर्ति व्यवस्था की कलई फिर खुल गई। जबकि रखरखाव के नाम पर विभाग महीने से घंटों लोड शेडिग करता रहा है। बिजली के अभाव में हजारों लोगों की शनिवार रात अंधेरे में ही गुजरी। लोग टीवी पर देश-दुनिया की खबर भी रविवार को नहीं देख पाए। नारायणपुर की लचर विद्युत आपूर्ति से यहां के उपभोक्ता परेशान हो गए। आंदोलन करने की बात अब करने लगे हैं।
गौरतलब है कि जामताड़ा ग्रिड से नारायणपुर के जंगलपुर स्थित विद्युत सबस्टेशन में बिजली मिलती है। फिर यहां से नारायणपुर प्रखंड के सभी गांवों में विद्युत आपूर्ति होती है। 33,000 केवीए में खराबी रहने के कारण प्रखंड क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों का रटा-रटाया सा जवाब होता है कि 33,000 केवीए में खराबी है। इसे ठीक कर क्षेत्र विद्युत आपूर्ति आरंभ कर दी जाएगी।
क्या कहते हैं उपभोक्ता : यहां के नरेश हांसदा, रंजीत साह, मनोज मंडल, मोहम्मद सनाउल, प्रमोद वैद्य आदि लोगों ने विभाग से विद्युत आपूर्ति दुरुस्त करने की मांग की है। कहा कि लाइन की यही हालत रही तो हम लोग आंदोलन को बाध्य हो जाएंगे। नारायणपुर में शायद ही कभी निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति होती है। इस दिशा में विभागीय अधिकारियों की लचर नीति से परेशानी को और बढ़ती है। विभाग को इस दिशा में पहल करनी चाहिए।
लाखों खर्च हुआ बेकार : बताते चलें कि जनवरी-फरवरी माह में विभाग ने लाखों रुपये खर्च कर 33,000 केवीए लाइन की मरम्मत करवाई थी। दो महीने तक दिन में 10 बजे बिजली काटी जाती थी और फिर शाम पांच बजे दिया जाता था। इस क्रम में 33 हजार केवीए की मरम्मत होती थी। मरम्मत में सरकार ने लाखों रुपये खर्च किए हैं। अब संकट बता रहा है कि सरकार का खर्चा बेकार ही चला गया। जरा सा मौसम खराब होने पर 33 हजार केवीए में खराबी आ जाती है। कई दिनों तक लोगों को अंधेरे में ही रहना पड़ता है। सवाल यह है कि इतनी राशि खर्च करने के बाद भी सुधार क्यों नहीं हुआ है।
--19 को भी बाधित थी बिजली : पिछले दिनों भी इस क्षेत्र में ब्लैक आउट की स्थिति थी। 19 मार्च की रात्रि नौ बजे एकाएक क्षेत्र से बिजली गुल हो गई थी। 20 मार्च की दोपहर दो बजे आपूर्ति शुरू हो पाई। 40 घंटे तक इस क्षेत्र में ब्लैक आउट की स्थिति थी। पबिया रानीडीह के पास छह पोल बिजली तार चोरी होने, दो पोल तोड़ दिए जाने के कारण विद्युत आपूर्ति बंद थी। इससे लोगों को काफी परेशानी भी हुई थी।