युवा संत के यात्रा में व्यवधान का प्रयास
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) तीन ज्योतिर्लिग का दर्शन पूर्ण कर चौथे ज्योतिर्लिग मल्लिकार्जुन आंध्रप्रदेश प्रदेश के दर्शन को गंगोत्री गोमुख से निकले दंड यात्री युवा संत लक्की मिश्र के यात्रा में शनिवार की सुबह करीब नौ बजे व्यवधान उत्पन्न हुआ। घटना नारायणपुर थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के पास मुख्य सड़क पर हुई। शनिवार की सुबह चार बजे जब संत की दंड यात्रा चितरपुर गांव से प्रारम्भ हुई और यात्रा आगे की ओर बढ़ी तो अचानक पीछे से आ रहे बाइक चालक ने इनके दंड पर मोटरसाइकिल चढ़ा दिया और इनके यात्रा में व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास किया।
मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : तीन ज्योतिर्लिग का दर्शन पूर्ण कर चौथे ज्योतिर्लिग मल्लिकार्जुन आंध्रप्रदेश प्रदेश के दर्शन को गंगोत्री गोमुख से निकले दंड यात्री युवा संत लक्की मिश्र के यात्रा में शनिवार की सुबह करीब नौ बजे व्यवधान उत्पन्न हुआ। घटना नारायणपुर थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के पास मुख्य सड़क पर हुई। शनिवार की सुबह चार बजे जब संत की दंड यात्रा चितरपुर गांव से प्रारम्भ हुई और यात्रा आगे की ओर बढ़ी तो अचानक पीछे से आ रहे बाइक चालक ने इनके दंड पर मोटरसाइकिल चढ़ा दिया और इनके यात्रा में व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास किया। हालांकि बाइक सवार को बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने थोड़ी दूरी पर चलने का आग्रह किया था, परंतु बाइक सवार लोगों को यह समझ नहीं आया और यह घटना घटित हुई। इस घटना से संत के साथ चल रहे बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने आक्रोशित होकर बाइक सवार दो लोगों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। संत के साथ चल रही भीड़ इतनी आक्रोशित थी कि लोग चालक के साथ मारपीट करने को आतुर हो गए लेकिन संत ने लोगों से ऐसा करने से रोक दिया और शांति बनाए रखने की अपील की। संत के दखल व पुलिस के पहुंचने से मामला शांत हुआ। हालांकि जिस मोटरसाइकिल से यह घटना घटित हुई उन्होंने भूल स्वीकार कर संत व भीड़ से क्षमा मांगी। मामला ज्यादा तूल नहीं पकड़े इसके लिए बाइक सवार दोनों लोग जो जगदीशपुर देवघर के रहनेवाले हैं उन्हें पुलिस अपने कस्टडी में समाचार लिखे जाने तक रखे हुए थी। इस घटना के बाद बजरंग दल के जिला संयोजक सोनू सिंह ने मामले की जानकारी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरविद उपाध्याय को दिया और दोषी के विरुद्ध कार्रवाई और संत के यात्रा के दौरान सुरक्षा देने की मांग की । ज्ञात हो संत की दंड यात्रा 28 मई 2018 को गंगोत्री उत्तराखंड से प्रारंभ हुई है। अभी हाल ही में बाबा बैद्यनाथ धाम की यात्रा पूर्ण किए हैं। उन्होंने इस यात्रा का संकल्प संत बनने के चौथे वर्ष बाद लिया है। बताया जाता है कि उक्त संत के परिवार के सभी 21 लोग केदारनाथ त्रासदी में वर्ष 2013 में गंगा नदी में बह गए थे । इनकी जान मंदिर में रहने के कारण बची थी। मृत्यु को सामने से मात देकर निकले युवा संत ने इस दंड यात्रा को 11 वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इनके इस कठोर साधना को सनातन धर्मावलंबी काफी सम्मान दे रहे हैं।
इस घटना के बाबत भाजपा प्रखंड अध्यक्ष संजय ओझा, बजरंगदल के चंदन गुप्ता, दीपक सिंह, संतोष मंडल, पांचू मंडल, दिनेश राय, कार्तिक गुप्ता, ग्रामीण रंजीत वर्मा, मुरारी रवानी, कामदेव राय ने संत के दंड यात्रा में व्यवधान पहुंचाने की घटना की कड़ी निदा की है। लोगों ने कहा कि संत हिदुओं के लिए पूजनीय हैं। वे यदि किसी महत्वपूर्ण कार्यक्रम को लेकर रास्ते में निकले हैं और उनसे किन्हीं को तकलीफ नहीं है तो उनके कार्यक्रम में व्यवधान नहीं डालना चाहिए। लोगों ने जिला प्रशासन से संत की यात्रा के दौरान सुरक्षा देने की मांग की है।