सभास्थल से सड़क तक रहा पुलिस का कड़ा पहरा
जगह-जगह बैरियर लगाकर की जा रही थी वाहनों की जांच। सभा के हर प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर से ली जा रही थी तलाशी
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : बेना मैदान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री रघुवर दास की जनसभा को लेकर सभास्थल से हर सड़क पर पुलिस की कड़ी निगरानी थी। बैरियर लगाकर हर वाहन की जांच की जा रही थी। पुलिस के आला अधिकारी सभा स्थल पर खुद निगरानी की कमान संभाले हुए थे। सभा स्थल के हर प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर से जांच की जा रही थी। एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा, प्रक्षेत्र के आइजी रंजीत कुमार, डीआइजी राजकुमार लकड़ा, अखिलेश झा, एसपी अंशुमान कुमार, एसडीपीओ मनोज झा, अरविद उपाध्याय, मुधुपुर के एसडीपीओ बीएन सिंह आदि अधिकारी पूरी सभा में घूम-घूम कर हर स्थिति की निगरानी कर रहे थे।
गोविदपुर-साहिबगंज हाइवे किनारे स्थित बेना काली मंदिर मैदान में आयोजित सभा में भीड़ के नियंत्रण को जगह-जगह पुलिस के जवान मुस्तैद थे। गिरीडीह, देवघर,धनबाद, दुमका जिला के सीमावर्ती क्षेत्र में भी चौकसी बरती गई थी। मुख्य मार्गों के अलावा सभा स्थल के आस पास पर सुरक्षा एजेंसिया व एसएसबी के साथ जिला पुलिस जवान भी मुस्तैद दिखे। महिला आरक्षी भी काफी संख्या में थी। प्रमुख मार्ग में जगह जगह बांस का बेरियर स्थापित किया गया था। बेरियर में पुलिस पदाधिकारी के साथ पर्याप्त जवान प्रतिनियुक्त थे। शहर के प्रमुख चौक पर पुलिस पदाधिकारी,जवान व दंडाधिकारी मुस्तैद थे। आग से संकेत दिखाने में झुलसा जवान
सभा स्थल बेना स्थित काली मंदिर मैदान में गृह मंत्री के हेलीकाप्टर लैंड कराने को धुआं के जरिए संकेत दिखाने में आग से एक पुलिसकर्मी झुलस गया। जख्मी पुलिसकर्मी जिला पुलिस का रविदास नामक जवान था। उसे तकाल सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। . दुर्गेश झा ने उपचार किया। जवान हाथ व पीठ पर जख्म उभरा है।
आंगनबाड़ी कर्मियों को नहीं मिली एंट्री
लंबित मांग के समर्थन में अनिश्चित कालीन हड़ताल पर रही आंगनबाड़ी कर्मियों को गृहमंत्री व मुख्यमंत्री की सभा में शामिल होने नहीं दिया गया। सभा स्थल पर पहुंची सेविका रेणु कुमारी, सरस्वती देवी, मिलोनी किस्कू, आरोती पांडित, अंजना देवी, लीला पाल, रमनी देवी, अमीना खातून समेत अन्य ने बताया कि गृहमंत्री व मुख्यमंत्री के संबोधन सुनने आई है पर अंदर प्रवेश करने नहीं दिहया जा रहा है। महिला पुलिस पदाधिकारी व दंडाधिकारी ने उन्हें पंडाल के बाहर से संबोधन सुनने का सुझाव दिया। पंडाल के अंदर काला बैग लेकर भी किसी को जाने नहीं दकया गया। ऐस में अपने पर्स को लेकर महिलाए काफी परेशान दिखी।