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jamtara news हैलो.. आपको लाटरी में कार मिली है की आवाज के बाद मजदूर के खाते से गायब हो गए रुपये

जामताड़ा जिले को साइबर ठगों का गढ़ माना जाता है लेकिन अबतक साइबर ठगों का एक वसूल रहा है कि वो लोग स्थानीय लोगों को कम ही अपना शिकार बनाते हैं। इधर कुछ दिनों से स्थानीय लोग भी इन साइबर ठगों के जाल में फंसकर अपनी संपत्ति गवां रहे हैं।

By Gautam OjhaEdited By: Published: Tue, 20 Sep 2022 04:56 PM (IST)Updated: Tue, 20 Sep 2022 04:56 PM (IST)
साइबर ठगी करने वाले ठग की प्रतिकात्मक तस्वीर।

संवाद सहयोगी, मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : साइबर ठग के गढ़ जामताड़ा में अब दैनिक मजदूरी करने वालों को भी बक्सा नहीं जा रहा है। नारायणपुर के जगवाडीह गांव के फहीम नामक एक मजदूर के साथ साइबर ठगों ने 46000 रुपये की ठगी बैंक खाते से कर ली। दरअसल, कुछ दिन पहले फहीम के मोबाइल पर फोन कर मारुति कंपनी का चार पहिया वाहन लाटरी के माध्यम से निकलने की जानकारी दी  गई थी। फोन करने वाले ने फहीम को बताया था कि आपके नाम एक चार पहिया वाहन की लाटरी लगी है। उसके लिए आपको कुछ एक प्रक्रिया पूरी करनी होंगी । यदि आप उस प्रक्रिया को पूरा कर लेते हैं तो चार पहिया वाहन को आपके घर तक भेज दिया जाएगा । ठगों के भोले भाले बातों में युवक आ गया। उन्हें यह नहीं पता था कि किसी कंपनी वाले ने यह फोन नहीं की है। बल्कि साइबर ठग के गिरोह का सदस्य हैं । उन्होंने साइबर ठगों की बातों पर हामी भर दी और साइबर ठग ने उनसे जो जानकारी मांगी उन्होंने जानकारी दे दी । इसके बाद उसके मोबाइल पर एक लिंक भेजा गया जिसके टच करते हुए उसके बैंक खाते से सारे रुपये उड़ा लिए गए ।गौरतलब हो पीड़ित युवक चेन्नई में मजदूरी किया करता है। उसके साथ यह घटना चेन्नई में ही घटित हुई। साइबर ठग कहां से ठगी का आपरेशन चला रहा है यह तो जांच का विषय है लेकिन लेकिन साइबर ठग का गढ़ कहे जाने वाले जामताड़ा के लोग भी इसके जद में आ रहे हैं। 

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बाइक लेने के लिए बैंक खाते में रखे थे रुपये : साइबर ठगी के शिकार हुए युवक के अभिभावक ने बताया मेरा बेटा बाइक लेने के लिए अपना मजदूरी का रुपया बैंक खाते में रख रहा था। उसे शौक था काम कर लौटेंगे तो दूसरे तीसरे व्यक्ति का बाइक मांग कर नहीं चलाएंगे बल्कि अपने कमाई के जरिए से जुटे धनराशि से बाइक लेंगे और उसे ही चलाएंगे। लेकिन थोड़ी सी नादानी के वजह से बाइक तो दूर साइकिल के लिए भी साइबर ठगों ने खाते में रुपये नहीं रहने दिए।


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