एक्सएलआरआइ ने डा. वर्गीज कुरियन को किया याद
एक्सएलआरआइ-जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने शनिवार को सातवां डा. वर्गीज कुरियन स्मृति व्याख्यान (मेमोरियल ओरेशन) का आयोजन किया। फादर अरुप (सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड सस्टेनेबिलिटी एक्सएलआरआई) के तत्वावधान में आयोजित आनलाइन कार्यक्रम में अमूल के संस्थापक डा. कुरियन के व्यक्तित्व व कृतित्व को याद किया गया। उन्हें द मिल्कमैन ऑफ इंडिया भी कहा जाता है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : एक्सएलआरआइ-जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने शनिवार को सातवां डा. वर्गीज कुरियन स्मृति व्याख्यान (मेमोरियल ओरेशन) का आयोजन किया। फादर अरुप (सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड सस्टेनेबिलिटी, एक्सएलआरआई) के तत्वावधान में आयोजित आनलाइन कार्यक्रम में अमूल के संस्थापक डा. कुरियन के व्यक्तित्व व कृतित्व को याद किया गया। उन्हें 'द मिल्कमैन ऑफ इंडिया' भी कहा जाता है।
मुख्य वक्ता कल्पवृक्ष के संस्थापक व प्रख्यात पर्यावरण कार्यकर्ता आशीष कोठारी थे। उन्होंने 'इको-स्वराज : न्याय और स्थिरता की दिशा में सुधार' विषय पर भाषण दिया। आशीष कोठारी ने कहा कि हर व्यक्ति को प्रकृति का सम्मान करना होगा। यह मानना होगा कि पृथ्वी पर अन्य प्रजातियों का भी अधिकार है। मान्यता है कि प्रकृति के साथ सद्भाव से रहना स्वराज का मुख्य केंद्र है। ईको-स्वराज अपने आप में एक आंदोलन नहीं है, लेकिन यह पद्धति का वर्णन करता है। जलवायु, जैव विविधता, और असमानता जैसे अन्य चल रहे वैश्विक संकटों के साथ कोविड-19 के साथ पर्यावरण-स्वराज हमें इस बात पर पुनर्विचार करने का अवसर प्रदान करेगा कि विकास का वास्तव में क्या मतलब होना चाहिए।
एक्सएलआरआइ के निदेशक फादर पी क्रिस्टी एसजे ने कहा, डा. वर्गीज कुरियन एक सरल विचारक, एक क्रांतिकारी और एक सामाजिक उद्यमी थे, जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े कृषि विकास कार्यक्रम को नया आयाम दिया। उनका जीवन और उपलब्धि आम आदमी की क्षमता में उनके विश्वास का प्रतीक है।
संयोजक प्रो. रघुराम टाटा ने कहा कि एक्सआरआरआइ में एक्सएलआरईएस की स्थापना प्रथाओं, नीतियों और संवाद को बढ़ावा देने के मिशन के साथ की गई थी, जिसका समग्र और सतत विकास पर प्रभाव है। समाज, उद्यम व सतत विकास पर डा. वर्गीज कुरियन मेमोरियल ओरेशन महान दूरदर्शी को श्रद्धांजलि देने के लिए हमारी विनम्र पहल है।
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