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World Snake Dayः : झारखंड में 25 तो कोल्हान में पाए जाते 19 प्रकार के सांप

रसेल्स वाइपर सांप बंबू पिट वाइपर सांप रैट स्नेक ग्रीनकील बैक सांप कॉमन कुकरी सांप चेकर्ड कीलबैक सांप बैंडेड करैत सांप बैर्ड वुल्फ सांप कॉमन सैंड बो सांप भारत का सबसे छोटा अंधा सांप कॉमन कैट फॉरेस्टन कैट ग्रीन वाइन सांप हल्का जहरीला होता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 01:36 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 04:48 PM (IST)
World Snake Dayः : झारखंड में 25 तो कोल्हान में पाए जाते 19 प्रकार के सांप
सांप का नाम सुनते ही अच्छे से अच्छे लोगों के शरीर में सिहरन दौड़ जाती है।

मनोज सिंह, जमशेदपुर।  सांप का नाम सुनते ही अच्छे से अच्छे लोगों के शरीर में सिहरन दौड़ जाती है। दुनिया भर में लगभग 2500 प्रकार के सांप पाए जाते हैं, जबकि भारत में 300 प्रकार के। अगर झारखंड की बात करें तो यहां 25 प्रकार के सांप पाए जाते हैं, वहीं कोल्हान प्रमंडल में 19 प्रकार के सांप पाए जाते हैं। इन सांपों में महज 20 प्रतिशत सांप ही जहरीले होते हैं। इसमें से दलमा में शोध कर रहे राजा घोष, अचिंतम राणा आदि लगातार जीव जंतुओं व पादपों की खोज में लगे रहते हैं।

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राजा घोष कहते हैंं कि दलमा के जंगलों में कई दुर्लभ जीव व पादप हैं, जिसकी खोज की जा रही है। वह बताते हैं कि दलमा में रसेल्स वाइपर सांप, बंबू पिट वाइपर सांप, रैट स्नेक, ग्रीनकील बैक सांप, कॉमन कुकरी सांप, चेकर्ड कीलबैक सांप, बैंडेड करैत सांप, बैर्ड वुल्फ सांप, कॉमन सैंड बो सांप, भारत का सबसे छोटा अंधा सांप, कॉमन कैट, फॉरेस्टन कैट, ग्रीन वाइन सांप हल्का जहरीला होता है। इसके अलावा करैत, बैंडेड करैत, कोबरा आदि जहरीला सांप है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 80 हजार से अधिक लोग सर्पदंश के शिकार होते हैं, जिसमें से अकेले भारत में 11 हजार लोगों की मौत हो जाती है। मौत का सबसे बड़ा कारण है समय पर समुचित इलाज नहीं मिलना।

एमजीएम अस्पताल में हर साल पहुंचते 200 से अधिक सर्पदंश के शिकार मरीज

कोल्हान के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आंकड़े को देखें तो हर साल 200 से 250 सर्प दंश के शिकार लोग इलाज कराने पहुंचते हैं। जिसमें से औसतन 60 लोगों की मौत हो जाती है। एमजीएम अस्पताल के वरीय फिजिशियन डा. बलराम झा कहते हैं कि झरखंड में कहीं भी विष जांच की सुविधा नहीं है। अनुमान से सांप काटे रोगी का इलाज करते हैं। डा. झा कहते हैं कि चाकुलिया का एक व्यक्ति को ब्लैक कोबरा काट लिया वह मछली पकड़ने वाले जाली में सांप को पकड़ कर लाया। गंभीर होने के बावजूद उसे अथक प्रयास से बचा लिया गया।

जमशेदपुर के जंगल में पाए गए सांपों की प्रजाति

बंबू पिट वाइपर सांंप - जमशेदपुर के दलमा जंगल में विलुप्त की श्रेणी में शामिल बंबू पिट वाइपर सांंप देखा गया। हरे रंग के इस सांप में हल्का काले धारियां होती है और इसका मुंह चौड़ा होता है। जहां यह सांप पाए गए वहां पर बांस के जंगल है। बांस में रहने के कारण इसे बंबू पिट वाइपर कहा जाता है। यह सांप बेहद विषैला होता है। जमशेदपुर के जंगलों में पहली बार देखे गए।

बैंडेड करैत - यह सांप यह काफी जहरीला होता है। धारीदार होने के कारण इसे बैंडेड करैंत कहते हैं। यह सांप इतना खतरनाक है कि जब इसे भूख लगती है तो यह बिना जहर वाले सांपों को खा जाता है। इस संबंध में कहा जाता है कि भारत में पाए जाने वाले चार जहरीले सांपों में से एक है। यह सांप रात में ही निकलकर अपना शिकार करते हैं। इसके दांत इतने पतले होते हैं कि रात में यदि सोते समय किसी मनुष्य को काट ले तो साेते हुए व्यक्ति को पता भी नहीं चलता, जब पता चलता है तब तक व्यक्ति की मौत हो जाती है।

रसैल वाइपर सांप - दलमा के जंगल में पाया जाने वाला यह सांप दुनिया के सबसे जहरीला सांप है। इस सांप का जहर इतना खतरनाक होता है कि अगर किसी व्यक्ति को काट ले तो कुछ ही देर में उस व्यक्ति के शरीर में क्लाट बनने लगता है और व्यक्ति की मौत हो जाती है।

ग्रीन कीलबैक सांप - दलमा के जंगलों में पहली बार ग्रीन कीलबैक सांप दिखाई दिया है। यह एक दुर्लभ सांप है। दलमा में पहली बार दिखाई दिया है। यह सांप बेहद फुर्तिला होता है और पलक झपकते ही हरे घास या झाड़ियों में छीप जाता है। इसका मुख्य आहार मेढक, चूहा और छोटे-मोटे जानवर है।

कोट

दलमा के अंदर म्यूजियम बनाया जा रहा है। जहां दलमा में पाए जाने वाले सांपों का डेमोस्ट्रेट किया जाएगा। सांप संरक्षित जीवों की श्रेणी में है। यही कारण है कि सांपों को संरक्षण के लिए दलमा के जंगलों में किसी भी प्रकार के जीव-जंतुओं का शिकार न हो इसके लिए वनकर्मी दिन रात चौकस रहती है।

- डा. अभिषेक कुमार, डीएफओ दलमा


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