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भूखों को खाना, बच्चों को मुफ्त पढाना, इस इंजीनियर की कहानी के हो जाएंगे कायल

Hari singh. झुग्गियों में रहने वाले बच्चों की बेरंग जिंदगी में शिक्षा और स्नेह का रंग भर रहे हैं जमशेदपुर के बिष्टुपुर साउथ पार्क निवासी हर‍ि सिंह। वे iटाटा स्टील में इंजीनियर हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 04:55 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 05:01 PM (IST)
भूखों को खाना, बच्चों को मुफ्त पढाना, इस इंजीनियर की कहानी के हो जाएंगे कायल
भूखों को खाना, बच्चों को मुफ्त पढाना, इस इंजीनियर की कहानी के हो जाएंगे कायल

जमशेदपुर [वेंकटेश्वर राव]। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि खुद पर यकीन करो, दुनिया तुम्हारे कदमों में होगी। ये युवा इसी ध्येय वाक्य को लेकर चल रहे हैं। चाहे वह अकादमिक क्षेत्र हो या खेल, उद्यमिता, इनोवेशन, स्टार्टअप या कोई और। हर क्षेत्र में स्फूर्ति, सजगता व इंटेलिजेंस के साथ आज युवा जोश उफान मार रहा है। वे क्षमता व दक्षता को साबित कर रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्र में अपनी सोच को आगे बढ़ाते हुए मेहनत व लगन से कई युवा अलग पहचान कायम कर चुके हैं। हरि सिंह कहानी भी ऐसी है जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरक और मार्गदर्शक हैं।

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झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर के बिष्टुपुर साउथ पार्क निवासी 27 वर्षीय हरि सिंह मानव सेवा को समर्पित हैं। ये हर किसी की सहायता करते हैं। गरीबों की मदद के साथ-साथ ये कुष्ठाश्रम के करीब 40 वैसे गरीब बच्चों, जिनके माता पिता कुष्ठ रोगी हैं, को निश्शुल्क शिक्षा प्रदान करने के साथ पाठ्य सामग्री भी निशुल्क देते हैं। हरि कहते हैं कि झुग्गियों में रहने वाले बच्चों की बेरंग जिंदगियों में शिक्षा और स्नेह का रंग भरने में उन्हें काफी आनंद आता है।

पार्टियों में बचा खाना दोस्तों संग जमा करते

पिछले तीन सालों से शहर में होने वाली पार्टियों का बचा खाना भी हरि अपने दोस्तों के साथ मिलकर रोज रात को फुटपाथ में सोने वाले असहाय गरीबों को खिलाते हैं। वे शहर के गरीबों के इलाज में आने वाली परेशानियों को हर संभव मदद दिलाते हैं। इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से मुहिम चलाई थी।धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए और कारवां बन गया। अब  तो लोग पार्टियों में  खाना बचने पर तत्काल सूचना देते हैं। टीम पहुंचती है और इकट्ठा कर निकल पड़ती है उनलोगों को खिलाने जो फुटपाथ पर भूखे पेट सो रहे होते हैं।

दादाजी से मिली प्रेरणा

हरि सिंह बताते है कि उन्हें जरूरतमंदों सेवा करने की प्रेरणा उनके दादा जी से और माता-पिता से मिलती है। वे पिछले सात सालों से अपना सामाजिक दायित्व निभा रहे हैं। वह खुशनसीब हैं कि दोस्‍तों का भी इस काम में भरपूर साथ मिलता हैं।

दफ्तर से फुर्सत मिलते ही जुट जाते सेवा कार्य में

हरि अपने दफ्तर से आकर घर में रहने की जगह बेघर लोगों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। वे देर रात 1 बजे तक रोजाना फुटपाथों पर सोने वालों को अपनी सक्षमता के अनुसार घर के पुराने कपड़े,कम्बल,जूते चप्पल व खाना मुहैया करवाते हैं। ठण्ड के मौसम में भी देर रात निकल कर खुले में सोने वालों को कम्बल ओढाने में इनको काफी सुकून महसूस होता है।

पेशे से हैं टाटा स्टील में इंजीनियर

पेशे से ये टाटा स्टील में इंजीनियर हैं। हरि सिंह बताते है की उन्हें ऐसा करने की प्रेरणा उनके दादा जी से और माता-पिता से मिलती है। हरि को मानव रत्न सम्मान, सर्वश्रेष्ठ मानव सेवा सम्मान, हंगर हीरो अवार्ड, रियल हीरो अवार्ड मिल चुका है। शहर में 25 से ज्यादा जगहों पर हरि सम्मानित हो चुके हैं। क्रिकेटर गौतम गंभीर ने अपने शो में हरि सिंह का इंटरव्यू लिया था।


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