Work From Home : वर्क फ्रॉम होम को लेकर कंपनियां कर रही है ये प्लानिंग, टाटा स्टील समेत दिग्गज कंपनियां हैं इसमें शामिल
Work From Home कॉरपोरेट कंपनियों ने आपदा को अवसर में तब्दील कर दिया। कभी वर्क फ्रॉम होम सपना माना जाता है लेकिन अब यह सच्चाई बन चुकी है। कोरोना संक्रमण खत्म हो चुका है फिर भी कर्मचारी ऑफिस वापस लौटना नहीं चाहते। आखिर क्यों...
जमशेदपुर : कोविड 19 का संक्रमण और उसके बचाव के लिए हुए लॉकडाउन को शायद ही कोई भूल सकता है। लेकिन अब भारत में लगातार तीसरे वेव का प्रकोप कम हो जा रहा है। साथ ही एक्टिव केस की संख्या भी लगातार कम हो रही है। ऐसे में कर्मचारियों के मन में बस यही सवाल है कि क्या उनके ऑफिस 100 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे या फिर भविष्य में वर्क फ्रॉम होम का विकल्प बना रहेगा।
कोविड 19 में कंपनियों ने दिया था वर्क फ्रॉम होम की सुविधा
कोविड 19 के संक्रमण का खतरा कर्मचारियों पर न पड़े। इसके लिए टाटा स्टील समेत कई देशी-विदेशी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी ताकि कर्मचारी अपने स्वजनों के साथ बिना किसी परेशानी के घर से काम कर सके और कंपनी में काम भी सुचारु रूप से चलता रहे। इस दौरान कर्मचारियों ने रिमोट, हाइब्रिड और एजाइल वर्किंग मॉडल द्वारा काम करने की सहूलियत दी गई।
इन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को दी वर्क फ्रॉम होम की सुविधा
आपको बता दें कि आईटी कंपनियों से लेकर स्टील मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी। इसमें टाटा स्टील, मीशो और वैश्विक तकनीकी दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर, मेटा जैसी निजी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी। लेकिन कोविड 19 का संक्रमण कम होने के बावजूद इन कंपनियों ने 100 प्रतिशत मैनपावर के साथ ऑफिस में उपस्थिति को खारिज कर दिया है।
आपको बता दें कि टाटा स्टील ने अपने कर्मचारियों को एजाइल वर्किंग मॉडल के तहत कहीं से भी काम करने की सुविधा दी। वहीं, मीशो ने भी इस सिस्टम को अपनाया। इसके अलावा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और विप्रो ने भी हाइब्रिड मॉडल के साथ प्रयोग करना पसंद किया।
काम हुआ बेहतर, कर्मचारियो का प्रदर्शन भी सुधरा
आई एक्सिड साल्यूशन की एमडी सह को-फाउंडर योगिता तुलसियान का कहना है कि जैसे-जैसे हमारी दुनिया विकसित होती है। हमारे काम, मैनपावर, वर्क प्लेस में भी तेजी से सुधार होता है। पहले कंपनी में जाकर ही काम करना होता था लेकिन अब रिमोट, हाइब्रिड मॉडल, ग्लोबल टैलेंट पूल, वर्क शिड्यूल फ्लेक्सिबिलिटी के तहत कर्मचारी कभी भी और कहीं से भी अपना काम कर सकते हैं।
तुलसियान का कहना है कि हमें अतीत से बाहर निकलकर भविष्य की ओर सोचना होगा। हम नियमों का पालन करने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं। इससे व्यवसाय और लीडर के बीच संबंध भी मजबूत होता है और कर्मचारियों को काम करने का बेहतर विकल्प भी मिलता है। इससे कंपनी के प्रति कर्मचारियों का रूझान भी बढ़ता है। हालांकि एचआर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऑफिस में 100 प्रतिशत उपस्थिति अब अतीत की बात हो गई है। वर्क फ्रॉम होम से कर्मचारियों को अपने घर से काम करने से उनके समय में बचत होने से प्रदर्शन में भी सुधार हो रहा है।