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कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाओं को नहीं मिलती पर्याप्त सुविधा

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन काग्रेस के बैनर तले रविवार को साकची में महिला सशक्तीकरण पर सम्मेलन।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 07:52 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 07:52 PM (IST)
कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाओं को नहीं मिलती पर्याप्त सुविधा
कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाओं को नहीं मिलती पर्याप्त सुविधा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन काग्रेस के बैनर तले रविवार को साकची स्थित एक होटल में झारखंड राज्य कामकाजी महिला का सम्मेलन हुआ। इसे मुख्य अतिथि के रूप में बिहार की पूर्वी एमएलसी व एटक की राष्ट्रीय सचिव ऊषा साहनी ने भी संबोधित किया।

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उन्होंने कहा कि देश में बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा खोखला है। आज देश में जो बेटियां पढ़-लिख गई हैं, वो नौकरी के लिए दर-दर भटक रही हैं। असंगठित क्षेत्र की महिला मजदूरों को पुरुषों के बराबर मजदूरी नहीं मिलती।

सम्मानित अतिथि श्वेता कुमारी (ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाइज ए्सोसिएशन) ने महिलाओं से आह्वान किया कि संगठित होकर अपने हक की लड़ाई लड़ें।

डॉ. सुनीता सोरेन ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी महिलाओं को बराबरी का दर्जा न तो घर में मिला, ना बाहर मिला। सम्मेलन की अध्यक्षता अध्यक्षीय मंडल की सदस्य कॉम. बबिता अरकने, कॉम. मीना रानी घोषाल व कॉम. मौसमी चक्रवर्ती ने किया। इस सम्मेलन में प्रस्ताव भी पारित किए गए, जिसमें महिला के सशक्तीकरण, कार्यस्थल पर पर्याप्त सुविधा, मैटरनिटी लीव को उचित तरीके से लागू करने, समान काम के लिए समान वेतन की माग के लिये संघर्ष का रास्ता अपनाने की मांग की गई। अध्यक्षीय संबोधन में बबिता अरकाने ने घर और समाज के अंदर फैली असमानताओं को दूर करने के लिए संगठित होकर प्रयास करने का आह्वान किया। इस सम्मेलन को कॉम. मौसमी चक्रवर्ती व एटक के राष्ट्रीय सचिव कॉम पीके गागुली ने भी संबोधित किया। सम्मेलन में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए 67 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें बैंक, असंगठित क्षेत्र की महिला मजदूर, आंगनबाड़ी सेविका-सहिया शामिल थीं। सम्मेलन के संयोजक कॉम हीरा अरकने ने सम्मेलन को सफल बनाने के लिए महिला साथियों को धन्यवाद दिया।

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फोरम की संयोजक बनीं सोनिया

सम्मेलन के अंत में झारखंड राज्य कामकाजी महिला फोरम की कार्यसमिति का गठन किया गया, जिसकी संयोजक सोनिया देवी (आगनबाड़ी) बनाई गई। इनके अलावा बबिता अरकने, श्वेता कुमारी (बैंक), उर्मिला मुर्मू (आंगनबाड़ी), मौसमी चक्रवर्ती व तारकेश्वरी देवी (कॉपर माइंस), रीता देवी व बासमती हेम्ब्रम (ठेका मजदूर), मीना रानी घोषाल (होमगार्ड), राखी सोरेन (राइस मिल मजदूर), लाडो जोंको (माइंस सेक्टर), डॉ. सुनीता देवदत सोरेन (चिकित्सा) व ज्योति मलिक (शिक्षिका) शामिल हैं।


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