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Tribal Chamber : ट्राइबल चैंबर के सहयोग से तोड़ंग संस्था ने जरूरतमंदों के बीच बांटे 120 कंबल

मारंग गोमके स्व. जयपाल सिंह मुंडा की 118वीं जयंती के अवसर पर जरुरतमंद आदिवासियों के बीच कंबल वितरण किया गया। ट्राइबल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से सामाजिक संस्था तोड़ंग ट्रस्ट ने पोटका प्रखंड के तेतला पंचायत में 120 कंबल का वितरण किया।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 05:08 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 05:08 PM (IST)
Tribal Chamber : ट्राइबल चैंबर के सहयोग से तोड़ंग संस्था ने जरूरतमंदों के बीच बांटे 120 कंबल
ट्राइबल चैंबर के सहयोग से तोड़ंग संस्था ने जरूरतमंदों के बीच बांटे 120 कंबल

जमशेदपुर : मारंग गोमके स्व. जयपाल सिंह मुंडा की 118वीं जयंती के अवसर पर जरुरतमंद आदिवासियों के बीच कंबल वितरण किया गया। ट्राइबल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से सामाजिक संस्था तोड़ंग ट्रस्ट ने पोटका प्रखंड के तेतला पंचायत में 120 कंबल का वितरण किया। 

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वितरण कार्यक्रम में मुख्य रूप से तोड़ंग ट्रस्ट के संस्थापक डा. वासवी किड़ो, ट्राईबल इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री प्रदेश अध्यक्ष बैद्यनाथ मार्डी के अलावा तेतला पंचायत की मुखिया दीपांतरी सरदार, तेतला पंचायत के ग्राम प्रधान शत्रुघ्न सरदार सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे I

अपने संबोधन में तोड़ंग ट्रस्ट के संस्थापक डा. वासवी किड़ो ने कहा कि मारंग गोमके स्वर्गीय जयपाल सिंह मुंडा एक इमानदार राजनीतिज्ञ, प्रखर वक्ता, पत्रकार एवं आदिवासी समाज के चिंतक के रूप में प्रख्यात थे I वर्ष 1928 मे भारत को ओलंपिक मे हॉकी के लिउ स्वर्ण पदक दिलाने वाले पहले ओलंपियंन थे I

अलग झारखंड राज्य की नीव मांरंग गोमके स्व. जयपाल सिंह मुंडा ने ही रखी थी लेकिन झारखंड गठन के 20 वर्ष बाद भी आदिवासियों के सपने आज भी अधूरे हैं। सभी का विकास हुआ, परंतु जिनके लिए अलग राज्य बना, वे ही अपने हक व अधिकारों से वंचित कर दिए गए। सारे विकास कार्य आदिवासियों को कुचल कर किए जा रहे हैं I उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वह कलम को अपना हथियार बनाए, आने वाला समय आपका होगा I वही, टिक्की के प्रदेश अध्यक्ष बैद्यनाथ मार्डी ने भी युवाओं को कलम और रोजगार के बदौलत आर्थिक उन्नति पर जोर दिया।

वहीं मुखिया दीपांतरी सरदार एवं ग्राम प्रधान श्री शत्रुघ्न सरदार ने भी अपने विचार रखे और आदिवासियों को उनके हक़ और अधिकारों के प्रति सजग रहने के लिये प्रेरित किया। कहा कि उन्होने भारत के संविधान मे आदिवासियों के अधिकारों के लिये अनेक अनुच्छेद व प्रावधान है। आज हमारे बच्चों को मारंग गोमके के पदचिन्हों पर चल कर कुशल राजनीतिज्ञ से लेकर खिलाड़ी तक का सफर तय करनी चाहिए ।

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए लाल सरदार, सुखलाल सरदार, मनोज सरदार, सुरेश बिरूवा, माथुर मुर्मू, नंदलाल सरदार, सुरेंद्र सरदार, रामदास उरांव, विष्णू उरांव, सुसेन मुंडा, गुरुपदो गोप सहित अन्य उपस्थित थे।


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