जीएसटी की छूट से फायदा किन्हें मिल सकेगा, आइए जानिए
Gst. जीएसटी में छूट से फायदा उन्हीं कारोबारियों को मिल सकेगा जिन्होंने अभी तक जीएसटी में निबंध नहीं कराया है या जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। आइए जानिए क्या है प्रावधान।
जमशेदपुर [वीरेंद्र ओझा]। जीएसटी Gst में छूट से फायदा उन्हीं कारोबारियों को मिल सकेगा जिन्होंने अभी तक जीएसटी में निबंध नहीं कराया है या जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। आइए जानिए क्या है एक अप्रैल से लागू होनेवाले प्रावधान की बारीकियां।
दरअसल, एक जुलाई 2017 से लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में निरंतर संशोधन किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में 32वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में छोटे व मझोले व्यापारियों के लिए कई संशोधन किए गए, जिसमें 40 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वाले कारोबारियों को निबंधन कराने या नहीं कराने का विकल्प दिया गया। छूट की यह सीमा पहले 20 लाख थी।
दूसरी छूट में कंपोजिशन स्कीम की सीमा को एक करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दिया गया, वहीं कंपोजिशन स्कीम के दायरे में सर्विस प्रोफेशनल्स और रीयल इस्टेट में लाने की बात है। ये सभी प्रावधान एक अप्रैल 2019 से प्रभावी होंगे, लेकिन अभी से यह सवाल उठने लगा है कि इस छूट से किसे फायदा होगा। विभागीय अधिकारी, चार्टर्ड एकाउंटेंट व कारोबारियों की मानें तो इस छूट का लाभ वही उठाएंगे, जिन्होंने अभी तक जीएसटी में निबंधन नहीं कराया है या जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। इसकी वजह है कि जो लोग भी जीएसटी में पंजीकृत हो गए हैं, उन्हें आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का फायदा मिल रहा है।
इनपुट टैक्स क्रेडिट का पेंच
चार्टर्ड एकाउंटेंट विवेक चौधरी बताते हैं कि जो भी कारोबारी कंपनी या किसी प्रतिष्ठान में सप्लाई करते हैं, उन्हें जीएसटी के दायरे में रहने से फायदा है। कोई भी कंपनी वैसे कारोबारी से माल नहीं लेना चाहेगी, जिसके पास जीएसटी का निबंधन ना हो। इससे कंपनी को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा। इस छूट का लाभ वही व्यापारी उठाएंगे, जो खुदरा कारोबार करते हैं। लिहाजा इस छूट का लाभ उन्हीं छोटे कारोबारियों को मिलेगा, जिनका सालाना कारोबार 40 लाख से कम है।
टैक्स का भुगतान करना होगा तिमाही
दूसरी छूट कंपोजिशन टैक्स सिस्टम को लेकर है, जिसे एक करोड़ से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ किया गया है। इसके तहत निबंधित कारोबारी को साल में एक बार रिटर्न फाइल करना होगा, लेकिन टैक्स का भुगतान तिमाही करना होगा। इसमें एक फीसद टैक्स लगता है, लेकिन इसमें आइटीसी का लाभ नहीं मिलता। इसके दायरे में सीए, वकील, डॉक्टर आदि प्रोफेशनल को भी लाया गया है, जो अब तक कंपोजिशन स्कीम में नहीं थे। चार्टर्ड एकाउंटेंट का कहना है कि इस सुविधा का लाभ वैसे प्रोफेशनल ही उठा सकते हैं, जिनकी सालाना आमदनी 50 लाख से कम है। इसमें छह फीसद टैक्स लगेगा, लेकिन एक बार फिर वही बाधा आएगी कि आइटीसी का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में जो सीए-वकील किसी कंपनी को सेवा देता है, वह कंपनी छह फीसद टैक्स का अतिरिक्त बोझ क्यों वहन करेगी। इससे बेहतर है कि 18 फीसद टैक्स देकर सेवा ले, जो पूरी तरह वापस हो जाएगी।
कोल्हान के 26 हजार कारोबारी दायरे में
कोल्हान के 26,000 कारोबारी जीएसटी के दायरे में : झारखंड राज्य कर विभाग, जमशेदपुर प्रमंडल के अंतर्गत लगभग 26,000 कारोबारी जीएसटी से निबंधित हैं। एक अनुमान के मुताबिक इतने ही कारोबारी जीएसटी से बाहर हैं, जिनमें ठेले-खोमचे वाले भी शामिल हैं। वैसे विभाग के पास इसका कोई आंकड़ा नहीं है, क्योंकि विभाग ने कोई सर्वे ही नहीं कराया। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि छूट की सीमा बढऩे के बाद कितने कारोबारी निबंधन वापस लेने का आवेदन करेंगे।
लागू करने का अधिकार राज्यों को
इस छूट से उन्हीं कारोबारियों को लाभ मिलेगा, जिनका कारोबार 20 से 40 लाख के बीच है। वैसे भी यह अप्रैल से लागू होगा। यही नहीं, केंद्र ने इसे लागू करने का अधिकार राज्यों को दिया है, इसलिए अभी कुछ कहना ठीक नहीं होगा।
- संजय कुमार प्रसाद, संयुक्त आयुक्त (प्रशासन), झारखंड राज्य कर विभाग, जमशेदपुर प्रमंडल