Weekly News Roundup Jamshedpur : वापस फिट होने की सताने लगी चिंता ,पढ़िए खेल जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur. लॉकडाउन की लंबी अवधि के बाद जेआरडी के गेट पर दोस्त उन्हें चिढ़ा रहे हैं। बोल रहे हैं- क्या यार लॉकडाउन में खा-खाकर चर्बी बढ़ा ली है।
जमशेदपुर, जितेंद्र सिंह। राज्य सरकार ने स्टेडियम को प्रैक्टिस के लिए खोलने का आदेश दिया है। यह आदेश सुनते ही एक तरफ खिलाड़ियों के चेहरे खिले तो दूसरी तरफ चिंतित भी नजर आए। जेआरडी टाटा स्पोट्र्स कांप्लेक्स में रेगुलर प्रैक्टिस करने वाले राकेश कुमार पहले से ज्यादा मोटे नजर आ रहे हैं।
लॉकडाउन की लंबी अवधि के बाद जेआरडी के गेट पर दोस्त उन्हें चिढ़ा रहे हैं। बोल रहे हैं- क्या यार, लॉकडाउन में खा-खाकर चर्बी बढ़ा ली है। अब राकेश को यह चिंता सता रही है कि पुरानी फिटनेस लाने के लिए एक बार फिर उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। प्रशिक्षक अलग चिंतित हैं। खिलाड़ियों की चर्बी घटाऊं या अपनी चिंता करूं। अपना भी तो वही हाल है। ट्रैक पर उन्हें क्या जवाब दूंगा। अभ्यास के दौरान पहले तो कोच साहब खिलाड़ियों पर चिल्ला देते थे, खा-खाकर पहलवान बन गए हो। अब तो उनका ही यही हाल है।
फोन आया और उछल पड़े खिलाड़ी
कोरोना संक्रमण के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) सहित अन्य खेल आयोजनों पर रोक है। लेकिन इसी बीच क्रिकेटरों को आइपीएल टीमों से फोन आया कि जल्द से जल्द मुंबई पहुंचें। वहां से आपको देश के बाहर प्रैक्टिस करने जाना होगा। यह सुनते ही क्रिकेटरों के चेहरे खिल उठे। शहर के अंतरराष्ट्रीय सितारा सौरभ तिवारी के तो पैर जमीन पर टिक नहीं रहे थे। आखिरकार क्यों ना हो। इसी समय का तो सभी खिलाड़ी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। सौरव ने 25 जून को मुंबई के लिए उड़ान भरी। सौरभ सहित मुंबई इंडियंस के सभी खिलाड़ी 14 दिन क्वारंटाइन में रहने के बाद सात जुलाई को श्रीलंका के लिए रवाना होंगे। श्रीलंका के कोलंबो में दो सप्ताह अभ्यास के बाद खिलाड़ी वापस लौट आएंगे। संभवत: सितंबर व अक्टूबर में आइपीएल हो और वह भी खाली स्टेडियम में। आइपीएल में सौरभ के अलावा शहर के विराट सिंह भी खेलेंगे।
जब मम्मियों की खुशी काफूर हो गई
राज्य में जैसे ही स्टेडियम खुलने के आसार दिखने लगे तो बच्चों से ज्यादा मम्मियां खुश होने लगीं। सोनारी की शशि शर्मा ने अपने बच्चों को यह खबर दी तो उनकी भी बांछे खिल गईं। पूरे तीन महीने के बाद पुराने दोस्तों से मुलाकात होगी। जेआरडी टाटा स्पोट्र्स कांप्लेक्स में धमाचौकड़ी करेंगे। शशि ने भी सोचा, चलो लंबे इंतजार के बाद ही सही, बच्चे तो बाहर निकलेंगे। कुछ तो शांति मिलेगी। एक ही जगह रहकर सब पक गए थे। शशि ने सहेलियों को भी बताया। सहेलियां भी उछल पड़ीं। अब तो घंटों शिकवा-शिकायतें होंगी अभी तक तो ऑनलाइन होती थी। जो आमने-सामने मिल बैठकर बतियाने का मजा है, वह फीलिंग्स ऑनलाइन में नहीं आती। योजना भी बन जाती है, सोमवार को चार बजे सभी को पहुंच जाना है। तभी बिटिया रश्मि शशि को बताती हैं, स्टेडियम सिर्फ पेशेवर खिलाड़ियों के लिए खुलेगा। शशि को काटो तो खून नहीं।
कनेक्ट नहीं हो पा रहा हूं सर
लॉकडाउन ने अगर किसी के जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है तो वह हैं छात्र व जूनियर खिलाड़ी। कोरोना संक्रमण काल में टाटा स्टील खेल विभाग से लेकर शहर के तमाम स्कूलों ने सभी को ऑनलाइन की राह दिखा दी। चूंकि ऑनलाइन क्लास बच्चों के लिए नई है। ऐसे में बच्चों ने भी नए-नए बहाने तलाश लिए हैं। सुबह होते ही स्कूलों में ऑनलाइन योग शुरू हो जाता है। बच्चे तो बच्चे ठहरे। सुबह उठना किसी मुसीबत से कम नहीं होता। बस क्या है- एक से एक बहाने गुरुजी के मोबाइल पर गिरने शुरू हो जाते हैं। एक ने कहा- सर कनेक्ट नहीं हो पा रहा हूं। दूसरे ने कहा- सर आज डाटा खत्म हो गया, इसलिए ऑनलाइन क्लास में जुड़ नहीं पाया। तीसरे ने कहा- नेटवर्क नहीं आ रहा सर। वाट्सएप ग्रुप में मैसेज गिराने के बाद बच्चे तो नींद के आगोश में खो जाते हैं। पर गुरुजी को तो ड्यूटी करनी है, सो बच्चों की सुनते रहे। आखिर नौकरी का जो सवाल है।