Weekly News Roundup Jamshedpur : तुम्हारे पास क्या, मेरे पास बॉस, पढि़ए ऑफ द फील्ड खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur. हर कोई यही कह रहा है- तुम्हारे पास क्या है मेरे पास बॉस है। आखिर इंक्रीमेंट का मामला है जो सीधे पेट से जुड़ा हुआ है।
जमशेदपुर, जितेंद्र सिंह। Weekly News Roundup Jamshedpur एनुअल एप्रेजल (वार्षिक मूल्यांकन) के इस सीजन में जेआरडी टाटा स्पोट्र्स कांप्लेक्स स्थित टाटा स्टील के खेल विभाग में बॉस से नजदीकी का इजहार करने की होड़ है। अब देखिए ना, फिरोज भाई तो अपने वाट्सएप के डीपी (डिस्प्ले प्रोफाइल) में प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन की तस्वीर लगाए घूम रहे हैं। वहीं लगभग हर केबिन की दीवार पर टंगे फोटो में किसी के कंधे पर नरेंद्रन साहब हाथ रखे नजर आएंगे तो किसी से गले मिलते। फोटो देख अधिकारी इतराते हैैं। दीवार पर तस्वीर को ध्यान से देखने पर एक सज्जन ताड़ गए। उन्होंने कहा, कोई वाट्सएप में डीपी लगा चमका रहा है तो कुछ नहीं। हम तो सिर्फ फोटो टांगे हुए हैैं। अगर पूरे ऑफिस का मूड भांपने का प्रयास करें तो लगेगा हर कोई यही कह रहा है- तुम्हारे पास क्या है, मेरे पास बॉस है। आखिर इंक्रीमेंट का मामला है, जो सीधे पेट से जुड़ा हुआ है।
चुपेचाप केरला ब्लास्टर्स साफ
पिछले रविवार को जेआरडी टाटा स्पोट्र्स कांप्लेक्स में मेजबान जमशेदपुर एफसी का मुकाबला केरला ब्लास्टर्स से था। हालांकि मेजबान टीम ने दमदार प्रदर्शन करते हुए मैच को अपने कब्जे में कर लिया, लेकिन इस मैच में फैंस का उत्साह देखते ही बनता था। शुरुआत में केरल से आए ब्लास्टर्स के आए 20-30 फैंस गैलरी मेजबान के फैंस पर भारी पड़ रहे थे। लेकिन जैसे ही मेन ऑफ स्टील ने गोल दागा, जेएफसी के फैंस हावी होने लगे। हाल ही में विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी में एक नारा बड़ा चर्चित हुआ था, 'चुपेचाप गोबर साफ।Ó जैसे ही जेएफसी ने गोल दागा, प्रशंसक केरला के फैंस को घेरकर कहने लगे, 'चुपेचाप केरला साफ।Ó थोड़ी ही देर बाद मेजबान टीम के प्रशंसक 'मोदी-मोदी' के भी नारे लगाने लगे। उतार-चढ़ाव वाले इस मैच में भले ही जमशेदपुर एफसी ने मैच जीत दर्ज की, लेकिन दिल तो दोनों टीमों के प्रशंसकों ने जीत लिया।
एडीएम के फूलने लगे हाथ-पांव
आखिरकार क्रिकेट की गुगली में डीसी और एडीएम उलझ ही गए। हाईकोर्ट से झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े मामले में पक्ष रखने का फरमान आया तो फाइल की खोज शुरू हुई, जो अंतहीन प्रक्रिया हो गई। फाइल नहीं मिलने से दोनों अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे। दरअसल 2015 में एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष अमिताभ चौधरी ने कुछ सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। रांची जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव सुनील सिंह व जीतू पटेल हाईकोर्ट चले गए। बीसीसीआइ के साथ पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त और एडीएम को भी पक्षकार बना दिया। पिछले पांच साल से फाइल दबी हुई थी। केस खुला तो कोर्ट ने उपायुक्त को पक्ष रखने को कहा। फाइल की खोज शुरू हुई। बाबू खोज नहीं पाए तो दूसरे जिलों के पदस्थापित पुराने अधिकारियों को संपर्क किया गया, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। तनाव में डीसी साहब के पेशानी से पसीने टपक रहे हैं।
घुस गए बॉस के चेंबर में
फरजान हीरजी की टाटा स्टील खेल विभाग के चीफ पद पर हाल ही में वापसी हुई। वहीं हेड आशीष कुमार अपने पद पर जमे हुए हैं। कर्मचारियों की तो बात ही मत कीजिए, बेचारे हर दिन पीस रहे हैं। बड़े साहब के चेंबर में जाकर हाजिरी लगाने का बहुत मन करता है, लेकिन डर है कि किसी ने देख लिया और छोटे साहब को खबर हो गई तो आफत ही समझे। खैर बड़ा तो बड़ा है, वहीं वीटो लगाकर अच्छा इंक्रीमेंट दिलाएगा। सो बिग बॉस के चेंबर के सामने जाकर पहले इधर-उधर झांकते हैैं, फिर धीरे से घुस जाते हैं। निकलते हुए कोई मिल गया तो सधा सा जवाब मिलता है, बुलाने पर गया। वहीं एक जनाब ऐसे भी हैैं, जो गला फाड़कर चिल्ला-चिल्लाकर कहते हैैं, हां हम हैैं चाटुकार। कुल मिलाकर सभी येन-केन-प्रकारेण अच्छी वेतन बढ़ोतरी के चक्कर में घनचक्कर हुए चीफ-हेड के चेंबर की परिक्रमा कर रहे हैं।