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Weekly News Roundup Jamshedpur : आइपीएल के लिए तैयार सट्टेबाज,पढ़‍िए पुलिस महकमे की अंदरूनी खबर

Weekly News Roundup Jamshedpur. फटाफट क्रिकेट के इस खेल में कोई राजा बनता है ओर कोई रंक। सट्टेबाजी को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन कितना गंभीर है यह देखने वाली होगी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 10:33 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 10:33 AM (IST)
Weekly News Roundup Jamshedpur : आइपीएल के लिए तैयार सट्टेबाज,पढ़‍िए पुलिस महकमे की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur : आइपीएल के लिए तैयार सट्टेबाज,पढ़‍िए पुलिस महकमे की अंदरूनी खबर

जमशेदपुर, अन्‍वेश अंम्‍बष्‍ठ। आइपीएल 19 सितंबर से शुरू हो गया है। इसके साथ ही शहर में सट्टेबाज भी तैयार हो गए हैं। सुरक्षित ठिकानों के साथ ग्राहकों से भी संपर्क साधने का कार्य हो चुका है। सेटअप तैयार कर लिए हैं। अपने लड़कों को स्थानीय स्तर पर सक्रिय कर दिए हैं जो हर दिन पेमेंट लेने -देने का काम करेंगे।

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टॉस जीतने-हारने से लेकर हर रन, बॉल, ओवर और टीम पर दांव लगेगा। गली-मुहल्लों की परचून दुकानों से लेकर होटलों तक में चोरी का ये पूरा धंधा ईमानदारी के साथ किया जाता है। किसी को इसकी कानोकान खबर नहीं लगती। ऑनलाइन या फेस टू फेस, कौन होगा मैन आफ द मैच, कौन सी टीम मैच जीतेगी -हारेगी सब पर सट्टा लगते हैं । फटाफट क्रिकेट के इस खेल में कोई राजा बनता है ओर कोई रंक। सट्टेबाजी को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन कितना गंभीर है यह देखने वाली होगी।

इतनी जांच करो कि घटना ही भूल जाएं

पुलिस महकमें में बहुत प्रचलित बोली है। जांच हो रही है। आगे की कार्रवाई होगी। देखते हैं। मामले में क्या सामने आता है। विशेषकर वर्दी पर जब आरोप लगते हैं तो कई जांच एक साथ शुरू कर दी जाती हैं। प्रक्रिया लंबी खिंचने लगती है। ये देख समय बीतने के साथ सूचक भूल जाता है। कुछ हुआ था। इस बीच इतने खेल होंगे। परिस्थिति को देख वह समझौते को बाध्य हो जाएगा। चुप हो जाना ही बेहतर समझेगा। गोलमुरी निवासी मो. नौशाद की मौत के मामले को देखिए। पत्नी का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से पति की मौत हुई है। वरीय अधिकारी दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करें। बकायदा लिखित शिकायत दी गई। हालात ऐसे कर दिए गए। मृतक के स्वजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक उपलब्ध नहीं हो पाए। मौत के एक माह होने वाले हैं। कहा गया एसआइटी जांच हो रही हैं। जांच अभी पूरी नहीं हो पाई है। इंतजार कीजिए।

वर्दी वाले बाबू दे रहे चालान

सुना है न आपने, कानून के हाथ लंबे होते हैं। ये हाथ खुद कानून तोड़े तो चुप रहियेगा, क्योंकि कानून के रखवालों को ऊंची आवाज वाले पसंद नहीं। ये इन दिनों भीड़ न लगने देने के मिशन में लगे हैं। साहबों के आदेश का पालन करवा रहे हैं। यही आपके हेलमेट-मास्क का हिसाब भी रख रहे कि कहीं आप लापरवाही में अपनी जान के दुश्मन तो नहीं बन रहे। यहां तक तो बात ठीक थी, लेकिन जहां-तहां ये अनावश्यक भीड़ भी लगवा रहे। परसुडीह से निकलिये तो जहां-तहां चौक-चौराहों में चेकिंग करते दिख जाएंगे। चालान काटने के इस चक्कर में सड़क किनारे सैकड़ों की भीड़ जुटी रहे। घंटों खड़ा करवा रख रहे। इस भीड़ में खुद तो शारीरिक दूरी उल्लंघन करते ही हैं, भीड़ को भी संक्रमण बांटने का पूरा मौका देते नजर आते हैं। लेते और देते रहो। इसे कहते हैं चालान के साथ वायरस मुफ्त ऑफर...।

मामले को संज्ञान में लिया गया श्रीमान

सोशल मीडिया से समाज का बहुत बड़ा हिस्सा जुड़ा हुआ है। अब मुख्यमंत्री, डीजीपी, आइजी और डीआइजी तक चोरी-डकैती, छेड़ा-छेड़ी हुई नहीं कि कर दिए टैग ट्विटर तक प्रचार तंत्र के माध्यम से लोग अपनी बातों को पहुंचा दे रहे हैं। घटना की वीडियो-ऑडियो भी टैग कर भेज रहे हैं। बस फिर क्या। पहले केस करने जैसे ही थाने पहुंचते थे, वैसे ही जिस रौब से थानेदार हड़काता था। अब थोड़े हड़का पाते हैं। अब तो डीजीपी-डीआइजी तड़ाक से ट्विटर पर ही जवाब-तलब कर देते हैं। जमशेदपुर पुलिस मामले का संज्ञान लें। अधिकारी परेशान हो जाते हैं। संदेश पहुंचाने वाला मन ही मन खुश, लेकिन इसपर एक लाइन में जमशेदपुर पुलिस का जवाब आता है मामले को संज्ञान में लिया गया है... जांच चल रही है। कुछ काम गंभीरतापूर्वक हो जाते हैं। कुछ लटक जाते है। जिनका कुछ नहीं होता वे कहते हैं- जवाब तो रिकॉर्डेड है...।


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