Weekly News Roundup Jamshedpur : ...और बॉस बन गया डीएवी , पढ़िए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur. डीएवी बॉस बना हुआ है। उसे आयोग की परवाह है न ही शिक्षा विभाग के निर्देश की। आइए पढि़ए पूरा क्या है मामला।
जमशेदपुर, वेंकटेश्वर राव। Weekly News Roundup Jamshedpur जिला शिक्षा विभाग के पत्र का स्पष्ट जवाब नहीं देने के कारण इन दिनों शहर का प्रतिष्ठित डीएवी बिष्टुपुर चर्चा में है। दरअसल, शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के निर्देशानुसार डीएवी को प्रवेश कक्षा में आरक्षित सीट पर यशराज शर्मा का नामांकन लेने का निर्देश दिया था।
इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से जांच कर निर्देश दिए गए थे। लेकिन, छह महीने इस बच्चे के अभिभावक को दौड़ाने के बाद भी स्कूल ने नामांकन नहीं लिया। इस मामले में जिला उपायुक्त तक को नोटिस हो चुका है। लेकिन, डीएवी स्कूल है कि इस बच्चे का किसी सूरत में दाखिला नहीं लेने पर अड़ा हुआ है। शिक्षा विभाग की जांच के बाद इस स्कूल ने अपने स्तर से इस बच्चे के अभिभावक के घर व अन्य चीजों की जांच कराई। यानी डीएवी बॉस बना हुआ है। उसे आयोग की परवाह है न ही शिक्षा विभाग के निर्देश की।
नैया पार करा दो मंत्री जी
निजी स्कूल का एसोसिएशन इन दिनों स्वास्थ्य मंत्री के कंधे पर बंदूक रखकर अपनी नैया पार लगाने की जुगत भिड़ा रहा है। इसके लिए इस एसोसिएशन ने ऑटो चालकों को हथियार बनाया है। तभी तो मंत्री बन्ना गुप्ता को डीबीएमएस स्कूल के ऑडिटोरियम में पदार्पण करना पड़ा, जबकि इस स्कूल के खिलाफ जांच का आदेश भी उन्होंने ही दिया था। मंत्री का इस स्कूल में जाना शिक्षा जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। एसोसिएशन ने इस दौरान मंत्री से कई तरह की समस्याओं का जिक्र भी कर दिया। फीस वृद्धि से लेकर स्कूली ऑटो व वैन की फीस वृद्धि पर चर्चा हुई। फीस वृद्धि पर निर्णय उपायुक्त की अध्यक्षता में बनी कमेटी को करना है। इस मामले में एसोसिएशन उपायुक्त के समक्ष कई बार आवेदन दे चुका है, लेकिन इस संबंध में कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि, मंत्री ने एसोसिएशन को स्पष्ट कुछ नहीं कहा है।
अब किस कॉलेज की बारी
इन दिनों बीएड की मान्यता रद होने और एडमिशन पर रोक की खबर शिक्षा जगत में चर्चा का विषय है। नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) अब तक जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज, नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट, इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, आशु किस्कु मेमोरियल एंड रवि किस्कु टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर में सत्र 2020-21 से अगले आदेश तक बीएड में एडमिशन पर रोक लगाते हुए मान्यता को समाप्त कर दिया है। इस तरह की कार्रवाई से अन्य कॉलेजों में भी हड़कंप मचा है। सब चर्चा कर रहे कि अब किस कॉलेज की बारी है। एनसीटीई ने डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन और रंभा बीएड कॉलेज को नोटिस जारी कर रखा है। दरअसल, कोल्हान के बीएड कॉलेजों की सबसे बड़ी समस्या नियमानुसार फैकल्टी सूची अपडेट नहीं होना है। कॉलेजों में अलग से स्थायी प्रिंसिपल न होना है। आधारभूत संरचना भी कई कॉलेजों की समस्या है। भवन निर्माण विभाग द्वारा अनुशंसित प्लान कई कॉलेजों के पास नहीं है।
कब होगी पीएचडी प्रवेश परीक्षा
कोल्हान विश्वविद्यालय में पिछले चार साल से पीएचडी प्रवेश परीक्षा नहीं हो पा रही है। कई छात्र प्रवेश परीक्षा की आस लगाए बैठे हैं। पर, विश्वविद्यालय की ओर से स्पष्ट जवाब अब तक नहीं मिल पा रहा है। अब तक एमफिल/पीएचडी नियमावली में यूजीसी कई संशोधन कर चुका है। कोल्हान विश्वविद्यालय कौन-सी नियमावली कब से लागू कर रहा है, कोई पूछने वाला नहीं है। इसका कोई स्पष्ट जवाब भी कोल्हान विश्वविद्यालय के पास नहीं है। विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी को लेकर नियम एवं उप नियमों को लागू करने के लिए एकेडमिक काउंसिल, सिंडिकेट से कई प्रस्ताव पारित कर रहा है। पीएचडी प्रवेश परीक्षा नहीं होने के पीछे का मुख्य कारण है कि वर्ष 2016 से कई शोधार्थियों का परिणाम लटका है। विश्वविद्यालय नई प्रवेश परीक्षा से पहले इन परिणामों को पूर्ण रूप से प्रकाशित करना चाहता है। पीएचडी में अनियमितता को लेकर राजभवन के निर्देश पर जांच भी हो चुकी है।