नेगेटिव फीडबैक से ही हम सीखकर सुधार ला सकते हैं : कनाग्रज
करीम सिटी कॉलेज के इनोवेशनल इकोसिस्टम एंड इनक्यूबेशन सेल के तत्वाधान में तीन दिवसीय ऑनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य रूप से शहर के युवाओं में नवोन्मेष विचारधारा डिजाइन को कई तरह की चर्चाएं हुई। दूसरे दिन इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. सी कनाग्रज रहे ।
जमशेदपुर, जासं। करीम सिटी कॉलेज के इनोवेशनल इकोसिस्टम एंड इनक्यूबेशन सेल के तत्वाधान में तीन दिवसीय ऑनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य रूप से शहर के युवाओं में नवोन्मेष, विचारधारा, डिजाइन को कई तरह की चर्चाएं हुई। दूसरे दिन इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रथिनाम कॉलेज ऑफ आर्ट एंड साइंस के बायोटेक्नोलॉजी हेड और आईआईसी संयोजक डा. सी कनाग्रज रहे जिन्होंने नवोन्मेष से जुड़े तमाम बातें कहीं। उन्होंने समझाते हुए कहा कि किस तरीके से हमें प्रश्नों को समझकर डिजाइन और मॉडल से नई तर्क का निर्माण करना सीखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि टेस्ट करना ज़रूरी हैं केवल इससे ही हम और नई तकनीकों का निर्माण कर सकते है। साथ ही उपयोगकर्ता के बारे में भी जान सकते हैं। डिज़ाइन के बारे में बार-बार समझाने के वजह उपयोगकर्ता से पूछे की उनके अनुभव के मुताबिक उनकी क्या प्रतिक्रिया रही। नेगेटिव फीडबैक से ही हम सीखकर सुधार ला सकते हैं। सर केन रोबिंसन द्वारा कहीं लाइन को कोट करते ही उन्होंने कहा दि आप गलत होने के लिए तैयार नहीं हैं तो आप कभी भी कुछ भी मौलिक नहीं लेकर आएंगे। उन्होंने आविष्कार और नवीनीकरण में भेद बताते हुए उसे कल्पना और विचार के सूत्रपात से जोड़ा। कल्पना आविष्कार को जन्म देती है और नवीनीकरण अथार्त नवोन्मेष अथार्त आविष्कार के सदुपयोग से नए सूत्र बांधना। इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण है रचनात्मकता। सृजनशैली व्यवसायी का पहला बड़ा कदम कहा जा सकता है। इन सब महत्वपूर्ण कड़ियों का समूह होता है एक सफल व्यवसायी। दूसरे दिन के कार्यक्रम के समापन से पहले धन्यवाद प्रस्ताव अर्णव कांति गिरी ने रखा।