IPL AUCTION : विराट सिंह को यूं ही नहीं कहा जाता क्रिकेट का कोहिनूर, जानिए सफरनामा
IPL Auction . पिछले साल भी आइपीएल नीलामी की सूची में विराट सिंह का नाम था लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी थी। इस बार सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें 1.90 करोड़ में खरीदा।
जमशेदपुर, जितेंद्र सिंह। IPL विराट सिंह को यूं ही क्रिकेट का कोहिनूर नहीं कहा जाता। पिछले एक दशक से झारखंड बल्लेबाजी के आधारस्तंभ रहे विराट सिंह देर से किंतु दुरुस्त आए। पिछले साल भी आइपीएल नीलामी की सूची में उनका नाम था, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी थी। इस बार सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें 1.90 करोड़ में खरीदा।
जब कोलकाता में आइपीएल में खिलाडिय़ों की नीलामी हो रही थी तो 418 किलोमीटर दूर रांची में अपने साथियों के साथ टीवी से चिपके विराट सिंह की धड़कनें तेज हो गई थी। जब उनकी बारी आई तो पहले पांच मिनट तक कोई भी टीम बोली नहीं लगा रही थी। विराट को लगा, इस बार भी निराशा हाथ लगेगी। विराट कहते हैैं, वह पांच सेकेंड जीवन का सबसे लंबा पल था। तभी अचानक हैदराबाद ने बोली लगाना शुरू किया। धीरे-धीरे बोली आगे बढऩे लगी। विराट को यह संतुष्टि हुई, चलो अब तो किसी भी टीम में शामिल हो जाऊंगा। लेकिन यह क्या, बोली रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी।
जब दो टीमों में ठन गई
देखते ही देखते किंग्स इलेवन पंजाब व सनराइजर्स हैदराबाद के बीच विराट को लेकर ठन गई। दोनों में से कोई झुकने का नाम नहीं ले रहा था। किंग्स इलेवन पंजाब के मेंटर अनिल कुंबले किसी भी सूरत में विराट को अपनी टीम में शामिल करना चाहते थे। देखते ही बोली एक करोड़ के पास पहुंच गई। कुंबले ने अंतिम बोली एक करोड़ 80 लाख लगाई। लेकिन सनराइजर्स ने एक करोड़ 90 लाख की बोली लगा उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया।टीम के साथियों ने कहा, वेलडन, तू अब करोड़पति बन गया
जैसे ही अंतिम बोली के साथ नीलामीकर्ता ने अंतिम हथौड़ा मारा, झारखंड रणजी टीम के साथियों ने बधाई देनी शुरू कर दी। साथियों ने कहा, वेलडन विराट, तू अब करोड़पति बन गया। जब उनकी बोली लग रही थी तो वे रांची में ही थे। नीलामी शुरू होते ही मोबाइल की घंटी घनघनाने लगी। खिन्न होकर विराट ने फोन ही बंद कर दिया।
मां रेणु सिंह भावुक हो गईं
कदमा के रहने वाले विराट की मां रेणु सिंह व पिता विनोद सिंह भी नीलामी के समय टीवी से चिपके थे। विराट के भाई विशाल ने बताया कि जैसे ही अंतिम बोली लगी, मां की आंखों से आंसू बहने लगे। वह मां का लाड़ला है। पिता विनोद सिंह व्यवसायी है, जबकि भाई विशाल सिंह भी क्रिकेटर हैैं। विशाल ने बताया कि हमलोगों को लग रहा था कि विराट की बोली एक करोड़ तक जा सकती है, लेकिन दो करोड़ के करीब पहुंच जाएगी, हमने भी नहीं सोचा था।
कभी पिता ने विराट की बैट छुपा दी थी
विराट जब चौथी या पांचवीं क्लास में थे, तब परीक्षा में उनके पेपर खराब गए थे। इसके बाद उनके पिता ने गुस्से में विराट का बल्ला छुपा दिया था। जैसे ही कोच वी वेंकटराम को पता चला, विराट के पिता को भरोसा दिलाया कि एक दिन यह बड़ा क्रिकेटर बनेगा। दो साल बाद ही विराट ने अंतर जिला अंडर-19 क्रिकेट में 500 रन बनाए। उसके बाद उन्हें झारखंड अंडर-16 के लिए चयन कर लिया गया।
विराट का बड़ा भाई विशाल भी क्रिकेटर
विराट सिंह तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनसे बड़े विशाल सिंह क्रिकेटर हैं जबकि सबसे बड़े भाई विवेक सिंह पेशे से कांट्रेक्टर हैं। पिता विनोद सिंह पेशे से बिजनेसमैन हैं जबकि मां रेणू सिंह गृहिणी हैं। विराट जमशेदपुर स्थित डीबीएमएस से 12वीं पास आउट हैं।
बड़े भाई की कप्तानी में विराट ने किया था पदार्पण
यह इत्तेफाक ही है कि विराट ने अंडर-16 टीम में अपने बड़़े भाई विशाल की कप्तानी में पदार्पण किया था। उस समय विराट की उम्र 13 साल थी। विराट बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, जिन्हें मध्यक्रम में खेलना पसंद है। विराट ने हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया है।