चार्टर्ड एकाउंटेंट विपिन गर्ग बोले, बेनामी एक्ट अंधा कानून
बेनामी एक्ट में कार्रवाई नवंबर 2016 के पहले के मामलों पर हो रही है।2004 में भाई-भतीजे के नाम पर खरीदी गई प्रापर्टी पर भी कार्रवाई हो रही है।
जमशेदपुर, जेएनएन। देश के जाने-माने चार्टर्ड एकाउंटेंट विपिन गर्ग का मानना है कि केंद्र सरकार ने जो बेनामी एक्ट बनाया है, वह दुनिया में अनूठा है। यह एक्ट सबसे पहले 1988 में आया था, लेकिन यह अमल में नहीं आया क्योंकि कोई नियम-कानून ही नहीं बना था। इसके बाद इसे संशोधित करके नवंबर 2016 में लागू किया गया।
दिल्ली से आए गर्ग ने जमशेदपुर के सेमिनार में कहा कि नियम के मुताबिक कोई भी कानून जब से लागू होता है, उसके बाद से कार्रवाई होती है, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है। इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेट्स आफ इंडिया, जमशेदपुर ने सेमिनार का आयोजन किया।
अधिकांश कार्रवाई 1916 के पहले के मामले में
गर्ग ने कहा कि बेनामी एक्ट में अधिकांश कार्रवाई नवंबर 2016 के पहले के मामलों पर हो रही है। इसके तहत 2004 में भाई-भतीजे के नाम पर खरीदी गई प्रापर्टी पर भी कार्रवाई हो रही है, क्यों। जब सरकार ने उस वक्त यह कानून नहीं बनाया था, तो जनता को कैसे पता होगा कि भाई-भतीजा के नाम पर प्रापर्टी खरीदना गुनाह है। जब सरकार ही उस वक्त सोई थी, तो जनता से कैसे उम्मीद रखती है।
कानून में है खोट
आज का कानून इसे अवैध मानता है। गर्ग ने कहा कि इस सेमिनार के माध्यम से यह आवाज सरकार तक यह बात पहुंचनी चाहिए कि उसके कानून में खोट है। यह शायद देश का इकलौता कानून है, जिसमें समयसीमा नहीं है कि यह कब से प्रभावी होगा।