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Pathalgadi in jharkhand: झारखंड के बंदगांव में पत्थलगड़ी अभियान से स्थिति काफी विस्फोटक

Pathalgadi in jharkhand. झरखंड में बंदगांव प्रखंड के 23 गांव अब तक विवादित पत्थलगड़ी के प्रभाव में आ गए हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 01:35 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 07:40 PM (IST)
Pathalgadi in jharkhand: झारखंड के बंदगांव में पत्थलगड़ी अभियान से स्थिति काफी विस्फोटक
Pathalgadi in jharkhand: झारखंड के बंदगांव में पत्थलगड़ी अभियान से स्थिति काफी विस्फोटक

जमशेदपुर [अन्वेष अंबष्ट]। खूंटी में पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा पुलिस के चार जवानों को अगवा किए जाने के ठीक एक साल बाद वैसी ही स्थिति पश्चिमी सिंहभूम के पोराहाट (चक्रधरपुर) अनुमंडल के बंदगांव प्रखंड में है। पत्थलगड़ी समर्थक लोगों को बरगला रहे है। प्रखंड की चंपावा व सिंदुरीबेड़ा पंचायत में स्थिति विस्फोटक है। यहां कभी भी खूंटी जैसी अनहोनी हो सकती है। इस बात का जिक्र पुलिस के अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी, क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट) ने गत 20 जून को मुख्यालय को सौंपी रिपोर्ट में किया है। इस रिपोर्ट से पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त और आरक्षी अधीक्षक, कोल्हान के आयुक्त व उप महानिरीक्षक (डीआइजी) को अवगत कराया गया है।

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रिपोर्ट में जिक्र है कि सरकारी योजनाओं के विरोध के लिए ग्रामीणों को उकसाया जा रहा है। बंदगांव प्रखंड के 23 गांव अब तक विवादित पत्थलगड़ी के प्रभाव में आ गए हैं। बहिष्कार के एलान के साथ भेजे गये कई लिफाफों पर भारत सरकार, गुजरात, कटासवाण, पोस्ट- व्यारा, जिला- सूरत (तापी), पिन कोड- 394650 का पता लिखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीणों को उकसाने और सरकारी योजनाओं के विरोध में जोसेफ पूर्ति उर्फ यूसुफ पूर्ति और बिरसा ओडेया का हाथ है। दोनों के खिलाफ देशद्रोह समेत कई आपराधिक मामले खूंटी में दर्ज हैं।

क्या है रिपोर्ट में

बंदगांव के 23 गांवों में जोसेफ पूर्ति व बिरसा ओडेया ने बना लिया है नेटवर्क

भय के कारण मानकी-मुंडा भी नहीं कर रहे पत्थलगड़ी अभियान का विरोध

सरकारी योजनाओं के विरोध के लिए ग्रामीणों को उकसाया जा रहा है

यूसुफ व बिरसा की गिरफ्तारी नहीं हुई तो अन्य हिस्सों में फैलेगा अभियान

दोनों की गिरफ्तारी से नेताओं का मनोबल टूटेगा, आंदोलन कमजोर होगा

पुलिस-प्रशासन जनता से दूर, नहीं हो रहा लोगों की समस्याओं का हल

अंदरूनी इलाकों में बेखौफ चल रही ग्रामीणों को भड़काने की साजिश

क्या हुआ था 26 जून 2018 को खूंटी में

सामूहिक दुष्कर्म के आरोपितों को पकड़ने के लिए गई पुलिस टीम को ग्रामीणों ने खदेड़ दिया था। ग्रामीणों का तर्क था कि कोई भी व्यक्ति पारंपरिक ग्राम प्रधान की अनुमति के बिना गांव में प्रवेश नहीं कर सकता है। एक जवान का एके 47 राइफल छीनने के बाद वहां से लौटते हुए पत्थलगड़ी समर्थकों ने खूंटी के तत्कालीन सांसद कड़िया मुंडा के आवास पर हमला कर चार सुरक्षाकर्मियों को अगवा कर लिया था। तीन दिन की कवायद और हजारों जवानों द्वारा चलाए गए सर्च ऑपरेशन के बाद इन सुरक्षाकर्मियों को मुक्त कराया गया था।

प्रभावित गांव : बंदगांव प्रखंड के कारू, कातिदिरी, कारला, गुंडय, सौलय गुंडय, किता, बुनूगउली, लोटा, हेस्साडीह, किलुम, बरजो, कुल्डा, कुंदरूगुटू, एरकोडा, दिग्गी, जिकीलता, सियाकेला, कोमडेला, लुंबाई, जाटंग हेस्सा, कुकुरूबारू, कोमान, मुरूमबुरा।

क्या है पत्थलगड़ी : पत्थलगड़ी सदियों से चली आ रही एक प्रथा है। इसमें गांव के बाहर पत्थर लगाकर सीमांकन किया जाता था। अब सीमांकन की आड़ में ग्राम सभा को अधिकार दिलाने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेदों की गलत व्याख्या करते हुए पत्थरों पर लिखकर ग्रामीणों को आंदोलन के लिए उकसाया जा रहा है।

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