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लौहनगरी के आंचल में लहलहा रही हरियाली

दस वर्षों में जुस्को शहर के विभिन्न हिस्सों में 10 लाख 20 हजार से अधिक पौधे लगा चुकी है।

By Edited By: Published: Tue, 29 May 2018 10:23 PM (IST)Updated: Wed, 30 May 2018 05:11 PM (IST)
लौहनगरी के आंचल में लहलहा रही हरियाली

मनोज सिंह, जमशेदपुर। टाटा स्टील की इकाई जुस्को नागरिक सुविधाओं के साथ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी अहम रोल निभा रही है। पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर कंपनी ने एक अलग विभाग खोल रखा है, जिसके तहत शहर के पार्कों की देखभाल की जाती है। दस वर्षों में जुस्को शहर के विभिन्न हिस्सों में 10 लाख 20 हजार से अधिक पौधे लगा चुकी है। जुस्को का दावा है कि लगाए गए 100 पौधों में 90 पौधे तैयार हो जाते हैं।

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यही कारण है कि देश के किसी भी औद्योगिक शहरों की तुलना में जमशेदपुर में हरियाली सर्वाधिक 37.2 प्रतिशत है। इस कारण जमशेदपुर को ग्रीन सिटी के नाम से भी जाना जाता है। आज शहर में हर सड़क के दोनों ओर पेड़ों का जाल बिछा है, जिसके कारण हरियाली ही हरियाली नजर आती है।

दो लाख से अधिक फलदार पौधों का निश्शुल्क वितरण
जुस्को की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करनेवाली स्वयंसेवी संस्थाओं को दो लाख से अधिक फलदार पौधे का निश्शुल्क वितरण किया गया है। फलदार पौधों में आम, अमरूद, जामुन आदि के पौधे शामिल हैं। ये पौधे संस्थाओं को निश्शुल्क दिए जाते हैं।

बागीचा के माध्यम से रोजगार से भी जोड़ा
जुस्को ने साकची में पेड़-पौधा व खाद बिक्री के लिए बागीचा नामक केंद्र खोला है। यहां सस्ते दर पर पौधा, खाद उपलब्ध कराया जाता है। बागीचा के जरिए सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला है। यहां पांच से 10 रुपये तक का विभिन्न प्रकार का चारा मिलता है, जबकि बड़े पौधे 150 रुपये से 200 रुपये में बिकते हैं। जुस्को के वरीय जीएम कैप्टन धनंजय मिश्रा कहते हैं कि बागीचा शहरवासियों में पेड़-पौधों के प्रति रूझान बढ़ाने का काम कर रहा है। यदि लोग पैसे देकर पौधे खरीदेंगे तो वे उनकी देखभाल भी ठीक तरह से करेंगे। यदि फ्री देंगे तो मन से देखभाल नहीं करेंगे।

शहर के कचरा से तैयार हो रहा
स्वर्ण शक्ति खाद टाटा स्टील ने कचरे से खाद बनाने के लिए प्रमोद उद्यान के पास एक प्लांट भी लगाया है। यहां तैयार होने वाले खाद का नाम स्वर्ण शक्ति है। यह बाजार में 2.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है। गुणवत्ता अच्छी होने के कारण शहर तथा आसपास के इलाकों की नर्सरी में इसका भरपूर उपयोग हो रहा है।

बंजर भूमि पर पार्क बना लोग को कर रहे सिपुर्द
वरीय जीएम कैप्टन धनंजय मिश्रा ने बताया कि अब टाटा स्टील खाली और बंजर जमीन को चिह्नित कर पार्क में विकसित करती है। फिर स्थानीय लोगों की कमेटी बनाकर इसे सिपुर्द कर देती है। समय से इसे खोलने व बंद करने का काम कमेटी करती है। यदि पार्क में कहीं कुछ नया बनाना है या कोई टूट-फूट हो गई तो कमेटी के लोग जुस्को को पत्र लिखते हैं। जुस्को की टीम जाकर उस कमी को दूर करती है। इस तरह का शहर में अब तक 15 पार्क का निर्माण हो चुका है।


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