कॉपर के कचरे से निकलेगा यूरेनियम, यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया लगाएगा मुसाबनी में प्लांट Jamhsedpur News
झारखंड के मुसाबनी में कॉपर के कचरे से यूरेनियम निकालने की कवायद तेज हो गई है। यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया यहां प्लांट लगाएगा।
जमशेदपुर, जासं। झारखंंड के पूर्वी सिंंहभूम के मुसाबनी में कॉपर से यूरेनियम निकालने की कवायद तेज हो गई है। मुसाबनी में यह प्लांट यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से लगाने की योजना है। इस योजना को धरातल पर उतारने से पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके लिए वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन प्लान बनाकर मांगा गया था।
यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसिल) ने अपनी ओर से वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन प्लान बनाकर भेजा था। उस प्लान को देखने के लिए मंगलवार को झारखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी पीके वर्मा जमशेदपुर पहुंचे। जमशेदपुर से पीसीसीएफ पीके वर्मा, आरसीसीएफ विश्वनाथ साह, सीएफ जब्बार सिंह तथा डीएफओ डा. अभिषेक कुमार के साथ मुसाबनी गए। जहां स्थल निरीक्षण करने के पश्चात यूसिल भी गए। क्षेत्र भ्रमण के पश्चात पीसीसीएफ पीके वर्मा वन व यूसिल के अधिकारियों के साथ बैठक की।
वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन प्लान पर खुश
बैठक में वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन प्लान पर संतुष्ट थे, लेकिन मृदा व जल संरक्षण, पानी स्टोरेज के साथ ही प्रकृति उन्नयन के लिए और बेहतर प्लान बनाकर जल्द से जल्द भेजने को कहा ताकि उसे पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के पास भेजा जा सके। जानकारी हो कि यूसिएल मुसाबनी में नया यूरेनियम प्लांट स्थापित करने जा रहा है। एचसीएल (हिंंदुस्तान कॉपर लिमिटेड) के प्लांट से कॉपर (तांबा) निकालने के बाद उसके बचे हुए बेकार कचरा से यूसिल यूरेनियम निकालेगा।
प्लांट स्थापित करने के लिए करना होगा यह काम
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) का कॉपर निकालने के बचे हुए कचरा से यूसिल यूरेनियम निकालने का प्लांट मुसाबनी में स्थापित करने जा रहा है। प्लांट स्थापित करने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की शर्त थी कि प्लांट के 10 किलोमीटर के दायरे में कोई शिड्यूल वन के जानवर, भालू, अजगर, भेड़िया, वज्रकीट, हाथी, पक्षी जैसे वन्य प्राणी पाए गए। वन्य प्राणियों के पानी के लिए यूसिल तालाब बनाएगा, पक्षियों के लिए बड़े-बड़े कृत्रिम घोषले बनाए जाएंगे, जिसे सेल्प-हेल्प महिला समूह द्वारा तैयार किए जाएंगे। रात के समय किसी भी प्रकार के भारी वाहनों का आवागमन नहीं होगा, चहारदीवारी के चारों ओर फायर लाइन का निर्माण कराया जाएगा। जहां गर्मी के दिनों में चार माह तक मजदूर रहेंगे। इसके अलावा पौधरोपण के बाद इस क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित किया जाएगा।
कॉपर के साथ रहता है यूरेनियम का भी अंश
कॉपर के अयस्क के साथ यूरेनियम के कुछ अंश भी पाए जाते हैं। यूसिल के मुख्य अधीक्षक आरके मिश्रा कहते हैं कि एचसीएल जब अपनी खदान से निकले अयस्क से कॉपर निकाल कर बचे कचरे को टेलिंग पॉड में डाल देता हैं, तो उसमें यूरेनियम का भी अंश होता है। यही कारण है कि यूसिल मुसाबनी में यूरेनियम का प्लांट स्थापित किया जा रहा है।