सुंदरनगर में एक किमी लंबी सुरंग बन कर तैयार
जमशेदपुर के सुंदरनगर में 1.30 किलोमीटर लंबी सुरंग (टनेल) बन कर तैयार हो गई है। 150 करोड़ रुपये की लागत से बन कर तैयार इस सुरंग को देखने वालों की भीड़ लगने लगी है। जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख हेमंत कुमार ने शुक्रवार को सुंदरनगर जाकर इस सुरंग का जायजा लिया। उन्होंने इसकी फिनिशिंग का काम अगले साल मार्च तक हर हाल में पूरा करने का निर्देश ईचा-गालूडीह कांप्लेक्स के मुख्य अभियंता पीएन सिंह को दिया है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जमशेदपुर के सुंदरनगर में 1.30 किलोमीटर लंबी सुरंग (टनेल) बन कर तैयार हो गई है। 150 करोड़ रुपये की लागत से बन कर तैयार इस सुरंग को देखने वालों की भीड़ लगने लगी है। जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख हेमंत कुमार ने शुक्रवार को सुंदरनगर जाकर इस सुरंग का जायजा लिया। उन्होंने इसकी फिनिशिंग का काम अगले साल मार्च तक हर हाल में पूरा करने का निर्देश ईचा-गालूडीह कांप्लेक्स के मुख्य अभियंता पीएन सिंह को दिया है।
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ये टनेल जमशेदपुर में कीच तालाब, टाटा-हाता मुख्य मार्ग और रेलवे ट्रैक के नीचे से गुजरी है। सुंदरनगर में बनी ये टनेल स्वर्णरेखा परियोजना का एक हिस्सा है। स्वर्णरेखा परियोजना के तहत गजिया बैराज से जादूगोड़ा तक प्रस्तावित खरकई दायीं नहर का निर्माण हो रहा है। ये नहर खरकई नदी से निकल कर जमशेदपुर प्रखंड के गांवों के खेतों को सिंचित करेगी। नहर जमशेदपुर शहर के बीचोबीच से निकल रही है। इसलिए शहर में टनेल बनाई गई है। ये टनेल शहर के दोनों छोर पर खरकई दायीं मुख्य नहर से मिला दी जाएगी। टनेल का निर्माण 2016 में शुरू हुआ था।
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टनेल का निरीक्षण करने के बाद अभियंता प्रमुख ने 350 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे गजिया बैराज का मुआयना किया। बैराज बन कर तैयार हो गया है। रिवर प्रोटेक्शन बन रहा है। और भी कुछ काम बाकी है। अभियंता प्रमुख ने बैराज का काम भी इस वित्तीय साल में पूरा करने का निर्देश दिया। इसके बाद उन्होंने आदित्यपुर स्थित ईचा गालूडीह कांप्लेक्स के सभागार में बैठक कर योजनाओं की समीक्षा की। इंजीनियरों ने भूअर्जन की समस्या के चलते कई येाजनाओं के लटकने का जिक्र किया। इसे हल करने के लिए उन्होंने राजस्व विभाग के सचिव से वार्ता करने की बात की।