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टाटा स्टील कर्मचारियों को क्वार्टर आवंटन पर बढ़ी परेशानी, ये है खास वजह Jamshedpur News

Tata Steel. टाटा स्टील में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देते हुए क्वार्टर आवंटन की व्यवस्था ऑनलाइन की गई। इसे लेकर इस्टेट विभाग ने यूनियन के शीर्षस्थ नेतृत्व ने सभी 214 कमेटी मेंबरों को इसके फायदे गिनाए थे। लेकिन अब यही व्यवस्था मैनुअल से दोगुना सुस्त हो गई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 09:22 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 01:48 PM (IST)
टाटा स्टील कर्मचारियों को क्वार्टर आवंटन पर बढ़ी परेशानी, ये है खास वजह  Jamshedpur News
टाटा स्‍टील कर्मचारियों को क्‍वार्टर आवंटन की नई व्‍यवस्‍था परेशानी का सबब बन गई है।

जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील में क्वार्टर आवंटन को लेकर कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई है। अब इसका असर टाटा वर्कर्स यूनियन कार्यालय से लेकर यूनियन की आधिकारिक वेबसाइट पर भी देखने को मिल रहा है जहां कमेटी मेंबर अपनी तीखी टिप्पणियों से शीर्षस्थ नेतृत्व को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

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टाटा स्टील में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देते हुए क्वार्टर आवंटन की व्यवस्था ऑनलाइन की गई। इसे लेकर इस्टेट विभाग ने यूनियन के शीर्षस्थ नेतृत्व ने सभी 214 कमेटी मेंबरों को इसके फायदे गिनाए थे। लेकिन अब यही व्यवस्था मैनुअल से दोगुना सुस्त हो गई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन कर्मचारियों को जनवरी 2020 में क्वार्टर आवंटन हुआ था उन्हें अभी तक क्वार्टर हैंड ओवर तक नहीं मिल पाया है। हालांकि, कंपनी प्रबंधन ने कोविड 19 को देखते हुए आदेश जारी किया था कि वैसे कर्मचारी जो पहले से क्वार्टर या फ्लैट में रह रहे हैं उन्हें कोविड अवधि में नया क्वार्टर आवंटित नहीं किया जाएगा। लेकिन जिन क्वार्टरों में न्यू डेकोरेशन जॉब (एनडीजे) का काम शुरू हो गया है या स्वीकृत हो चुका है उसे समयवधि में पूरा किया जाएगा। इस पर यूनियन नेतृत्व ने भी सकारात्मक हामी भरी थी। लेकिन इन्हें भी ये नहीं पता था कि जो कर्मचारी किसी कंटेनमेंट जोन में फंसना नहीं चाहते हैं और अपने परिवार के लिए अस्थायी क्वार्टर चाहते हैं, उनका क्या होगा। 

क्वार्टर एक्सटेंशन तोड़ने की प्रक्रिया सबसे धीमी

टाटा स्टील के 95 फीसदी क्वार्टर दो बेडरूम वाले हैं। ऐसे में वैसे कर्मचारी जिनका संयुक्त परिवार है या जिनके बच्चे बड़े हो रहे हैं। वे पहले अपनी सुविधानुसार गैराज का एक्सटेंशन कर नया रूम बना लेते थे। सेवानिवृत्त होने पर कर्मचारी जिन्हें उनका क्वार्टर आवंटित होता था। उसे ही कुछ कीमत पर बेच देते थे। लेकिन कंपनी प्रबंधन ने फिक्सअप की पुरानी व्यवस्था को बंद कर दिया है। नई व्यवस्था के तहत जिन कर्मचारी एक्सटेंशन किया है उसे कंपनी प्रबंधन तोड़ देगा। बदले में प्रबंधन प्रतिवर्ष पांच फीसद की दर से ह्मास नियम के तहत इसका पैसा कर्मचारी को देगी। लेकिन यह व्यवस्था भी इतनी सुस्त है कि जिन्होंने आठ माह पूर्व क्वार्टर जमा कर दिया उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला। वहीं, प्रबंधन द्वारा एक्सटेंशन का जो मूल्यांकन किया जा रहा है उसका रिव्यू कराने के लिए कर्मचारी के पास कोई तंत्र नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों में इसे लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। चर्चा है कि अब यूनियन का शीर्षस्थ नेतृत्व जल्द ही इस मसले को कंपनी के वरीय अधिकारियों के समक्ष उठाने वाले हैं। 

ये कहते यूनियन पदाधिकारी

कोविड के कारण क्वार्टर आवंटन में थोड़ी परेशानी हो रही है। जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया जाएगा। इस मामले में यूनियन के शीर्षस्थ नेतृत्व भी प्रबंधन से बात कर रही है।

-शाहनवाज आलम, क्वार्टर मूल्यांकन समिति सदस्य सह उपाध्यक्ष, टीडब्ल्यूयू


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