ट्रेलरो का 10 साल से नहीं बढ़ा किराया
जासं जमशेदपुर टाटा स्टील में 10 साल से ट्रेलर का एक रुपये भी किराया नहीं बढ़ा है यह स
जासं, जमशेदपुर : टाटा स्टील में 10 साल से ट्रेलर का एक रुपये भी किराया नहीं बढ़ा है, यह सुनकर टाटा स्टील के चीफ (कारपोरेट रिलेशंस) ऋतुराज सिन्हा भी हैरान हो गए। यह बात उन्हें खुद ट्रेलर मालिकों ने सुनाई।
अपर उपायुक्त सौरव कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में बुधवार को जमशेदपुर लोकल ट्रेलर ऑनर यूनियन की बैठक हुई। इसमें ऋतुराज सिन्हा भी मौजूद थे। यूनियन के संरक्षक डॉ. पवन पांडेय ने बताया कि ये ट्रेलर मालिक पिछली तीन पीढि़यों से टाटा स्टील में गाड़ियों का परिचालन कर रहे हैं। इसके बावजूद इन्हें पिछले 10 साल से कंपनी के वेंडर या ठेकेदार प्रताड़ित कर रहे हैं। इससे पहले वेंडर ट्रेलर मालिकों को उचित किराया देते थे। माल भी उपलब्ध कराते थे, लेकिन अब वेंडरों ने खुद की गाड़ियां बढ़ा ली हैं। इस वजह से वेंडर ना तो किराया बढ़ा रहे हैं, ना माल दे रहे हैं। ट्रेलर मालिकों के सामने संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। डॉ. पांडेय ने बताया कि इस पर ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि टाटा स्टील 4-5 बड़े वेंडरों द्वारा काम कराती है। पहले वेंडरों को 70:30 के अनुपात में काम कराना होता था। इसमें 70 फीसद माल अपनी गाड़ियों से ढोना था, जबकि 30 फीसद स्थानीय ट्रेलर मालिकों द्वारा परिवहन कराया जाना था, लेकिन अब टाटा स्टील ने यह अनुपात 50:50 कर दिया है, ताकि स्थानीय ट्रक-ट्रेलर मालिकों को भी बराबर काम मिले। जब पवन पांडेय ने कहा कि 50 फीसद तो दूर, पांच फीसद भी माल नहीं मिल रहा है। इस पर सिन्हा ने कहा कि वे वेंडरों से माल ढुलाई का विवरण मंगाकर देखेंगे कि कितना माल वे अपनी गाड़ियों से और कितना स्थानीय ट्रेलरों को देते हैं। बैठक के अंत में अपर उपायुक्त ने यूनियन और टाटा स्टील से लिखित में अपनी बातों का विवरण देने को कहा, ताकि बैठक की पूरी रिपोर्ट कोल्हान आयुक्त को भेज सकें।