टिमकेन प्रबंधन ने अंतरिम बोनस का दिया प्रस्ताव, यूनियन ने किया सिरे से खारिज Jamshedpur News
टिमकेन यूनियन का कहना है कि पहले प्रबंधन लंबित ग्रेड रिवीजन करे फिर बोनस समझौता कर एक साथ सभी राशि कर्मचारियों के बैंक खाते में भेजे।
जमशेदपुर, जासं। टिमकेन इंडिया लिमिटेड कर्मचारियों का सालाना बोनस हाईकोर्ट के पेच में फंस कर रह गया है। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि यूनियन का आपसी विवाद रांची हाईकोर्ट में चल रहा है। ऐसे में फैसला आने के बाद ही वह समझौता करेगा। उससे पूर्व वह एक समान राशि (अंतरिम) बोनस मद में कर्मचारियों को देना चाहता है। फिर समझौते के बाद वह शेष राशि कर्मचारियों के बैंक खाते में भेजेगा।
यूनियन ने प्रबंधन के इस प्रस्ताव को खारिज किया है। शनिवार को कंपनी के प्लांट जीएम गौरीशंकर राय व यूनियन के महामंत्री गिरवरधारी के बीच हुई वार्ता का कोई निष्कर्ष नहीं निकला। यूनियन का कहना है कि पहले प्रबंधन लंबित ग्रेड रिवीजन करे फिर बोनस समझौता कर एक साथ सभी राशि कर्मचारियों के बैंक खाते में भेजे। मामले को लेकर प्रबंधन-यूनियन में घंटो मशक्कत हुई लेकिन फैसला नहीं हुआ।
क्या है यूनियन का मामला
टिमकेन वर्कर्स यूनियन में मान्यता को लेकर दो खेमा बना हुआ है। दोनो खेमा में मान्यता को लेकर आपस में जोर-अजमाइश शुरू कर दी है। यूनियन के पूर्व महामंत्री विजय यादव ने यूनियन विवाद को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है। कोर्ट ने फैसला आने तक यूनियन में यथास्थिति बनाए रखने का फरमान दिया है। ऐसे में प्रबंधन के समक्ष दुविधा है, उसे कर्मचारियों को बोनस देना है लेकिन वह यूनियन के किसी गुट के साथ फिलहाल समझौता नहीं कर सकता। ऐसे में वह बोनस की आधी राशि कर्मचारियों के बैंक खाते में भेजना चाहता है जिसका यूनियन ने विरोध किया है।