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DIG साहब! ये है जमशेदपुर पुलिस का असली चेहरा, आपको जानना जरूरी है

अब जबकि नए डीआइजी चार्ज लेनेवाले हैं उनके लिए जानना जरूरी है कि उनकी पुलिस टीम का सही चेहरा क्या है। खासकर जमशेदपुर पुलिस का। जमशेदपुर पुलिस का असली चेहरा पहचान लेंगे तो शायद कुछ बेहतर कर पाएं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 10:09 PM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 03:10 PM (IST)
DIG साहब! ये है जमशेदपुर पुलिस का असली चेहरा, आपको जानना जरूरी है
अब जांच के नाम पर मामले को लटकया नहीं जा रहा।

जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील कर्मचारी प्रीतपाल सिंह ने बेटी बलजीत सैनी के साथ 30 जून को मालगाड़ी से कटकर खुदकुशी कर ली थी। घटना के बाद से पुलिस रेस है। अब जांच के नाम पर मामले को लटकया नहीं जा रहा। नामजद आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जा रहा। जो आरोपित गिरफ्त से दूर हैं, उनके घर पर दस्तक दे रही है।

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काश, ऐसी सक्रियता पुलिस प्रीतपाल सिंह के भाई परमजीत सिंह सैनी जिस पर गंभीर आरोप है, की गिरफ्तारी में दिखाई होती तो शायद मामला खुदकुशी तक नहीं पहुंचता। पीड़ित पक्ष को कोई धमकी नहीं मिलती। दबाव नहीं देता। मृतक ने गिरफ्तारी और कार्रवाई को लेकर गुहार लगाई थी। यह उसकी सुसाइड नोट भी बयां करता है। खुदकुशी मामले में जब पुलिस पर आंच आने लगी। सवाल उठने लगे तो कार्रवाई होनी लगी। परमजीत सैनी मामले के अनुसंधान अधिकारी निलंबित कर दिए। जो आरोपित पकड़े नहीं जा रहे थे उसने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। उसकी पत्नी जसवीर कौर को आदित्यपुर से पुलिस ने खोज निकाला। आत्महत्या के लिए प्रेरित किए जाने के मामले की प्राथमिकी में जेल भेज दिया गया।

एक आरोपी ने किया आत्मसमर्पण

प्रीतपाल सिंह एवं उसकी बेटी बलजीत सैनी।

इसी मामले में दबाव के बाद मृतक के भाई हरजीत सिंह उर्फ राजेंद्र सिंह बिट्टू ने पत्नी हरजीत कौर के साथ जुगसलाई थाना में आत्मसमर्पण कर दिया। खुदकुशी की घटना के बाद मृतक की पत्नी की शिकायत पर स्वजनों को धमकी देने, केस उठाने का दबाव देने को लेकर सरदार शैलेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू, हरजीत कौर समेत अन्य पर बिष्टुपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज हाे गई। सबकुछ खुदकुशी की घटना के बाद हुई। ऐसा नहीं है कि यह पहला मामला है जब घटना के बाद पुलिस की सक्रियता देखने को मिली।

ये रहे कुछ मामले

  • मानगो के उलीडीह थाना क्षेत्र के सुभाष कालोनी में युवक अर्पित कश्यप की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मामले का नामजद आरोपित डेविड टोप्पो वाहन चोरी मामले में वांटेड रहा है। चोरी मामले में वह पकड़ा जाता, तो शायद अर्पित की हत्या नहीं होती। वांटेड होने के बावजूद वह उलीडीह शंकोसाई रोड नंबर पांच में घूमता रहा। पुलिस की निगाह उस पर नहीं पड़ी। हत्या के बाद भी वह नहीं पकड़ा गया। तलाश जारी है।
  • सीतारामडेरा के भुइयांडीह गैंगवार में अखिलेश सिंह का गुर्गा हरीश सिंह फरार है। गिरफ्तारी और कुर्की वारंट जारी है। वांटेड होने के बावजूद पुलिस से बचते हुए विगत पांच मार्च को अदालत में अधिवक्ता की ड्रेस में उपस्थित हो गया। ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह की हत्या मामले में गवाही देकर भी निकल गया। पुलिस को भनक तक नहीं लगी। उसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस कितनी सक्रिय थी। इसका पता चल गया। बाद में उसके खिलाफ सीतारामडेरा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई।
  • एक मंत्री का पूर्व चालक मुन्ना सिंह पर शादी का झांसा देकर आठ साल से यौन शोषण करने, धमकी देने और गर्भपात कराने के आरोप को लेकर महिला ने न्याय की गुहार डीजीपी से डीआइजी और एसएसपी से कदमा थाना प्रभारी तक को पत्र लिखकर लगाई। मामले की जानकारी दी। जब उसकी कहीं नहीं सुनी गई, तो अदालत का दरवाजा खटखटाया। आरोपित के खिलाफ न्यायालय में शिकायतवाद दाखिल कराया। न्यायालय ने कदमा थाना को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। प्राथमिक दर्ज की गई। अब जांच शुरू हो गई। महिला का अदालत में 164 के तहत बयान दर्ज कराया गया। इस बीच आरोपित भाग निकला।
  • बिरसानगर के अधिवक्ता प्रकाश यादव की विगत जुलाई 2020 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री और जमीन माफिया का विरोध करते थे। थाना से लेकर एसएसपी और उपायुक्त को पत्र लिखा। उन्हाेंने अपने साथ गलत होने की आशंका जताई। किसी ने ध्यान नहीं दिया। अधिवक्ता की हत्या हो गई।

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