दो करोड़ 23 लाख रुपये के साथ धराया ट्रेन में चोरी करनेवाला गिरोह, रांची का है सरगना
thief gang. ट्रेन में चोरी करनेवाले अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा हुआ है। इसके तीन सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं। इनके पास से दो करोड़ 23 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं।
जमशेदपुर/चक्रधरपुर, जेएनएन। ट्रेन में चोरी करनेवाले अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा हुआ है। इसके तीन सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं। इनके पास से दो करोड़ 23 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं। चक्रधरपुर रेल मंडल के राउरकेला में चोरी का यह बड़ा खुलासा हुआ है।
गिरोह के सदस्य बड़े शातिरदिमागी से चोरी को अंजाम देते थे। ये यात्री बनकर ट्रेन की एसी कोच में सफ़र करते थे और सहयात्री को शिकार बनाते थे। इस गिरोह का मुख्य सरगना रांची का राजन श्रीवास्तव है। इसे भी गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए तीनों सदस्यों के पास से सेकेंड एसी के 17 रेल टिकट भी बरामद हुए है। आरपीएफ को गिरोह को दबोचने में सफलता दो मामले की जांच के दौरान हुई। तीन मार्च को हावड़ा-पोरबंदर ट्रेन ट्रेन से 3.14 करोड़ की चोरी हुई थी। जिस व्यक्ति के रुपये चोरी गए उन्होंने शक जताया था कि चोरी राउरकेला स्टेशन के आसपास ही हुई है। सीसीटीवी फुटेज के जरिए पुलिस को सफलता मिली। आरपीएफ तीनों को दबोचने में कामयाब रही। रांची का सरगना राजन बिहार के पटना के दो भइयों के साथ ट्रेन में चोरी करता था।
दो मामले हुए थे दर्ज
ट्रेन में चोरी के दो मामले दर्ज हुए थे। इसी वर्ष 29 जनवरी को हावड़ा-पोरबंदर आराधना सुपरफास्ट एक्सप्रेस की एसी बोगी से दो ट्रॉली बैग की चोरी हो गयी थी। बैग में सोने के गहने एवं 25 हजार नकद सहित कुल 2.79 लाख रुपये की चोरी की शिकायत अहमदाबाद के जीआरपी कार्यालय में दर्ज कराई गई थी। दूसरा मामला 10 मार्च को हावड़ा स्टेशन पर जीआरपी में दर्ज कराइ गई। शिकायत में हावड़ा-पोरबंदर आराधना सुपरफास्ट एक्सप्रेस की एसी बोगी के यात्री ने बताया कि टाटा और राउरकेला के बीच किसी ने 3.14 करोड़ रुपये की चोरी कर ली। शिकायत के आधार पर राउरकेला के पोस्ट इंचार्ज एवं आरपीएफ की टीम ने आरक्षण चार्ट एवं सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की।
सीसीटीवी फुटेज से आए पकड़ में
इसके बाद एक व्यक्ति पर शक गहराया। फुटेज से प्राप्त बैग और संदिग्ध व्यक्ति का फोटो पीड़ित पार्टी को भेजकर मिलान कराया गया। पार्टी ने संदिग्ध की पहचान कर ली, तो हर दिन उस संदिग्ध पर पैनी नजर रखी जाने लगी।आरपीएफ ने बताया कि 21 मार्च को संदिग्ध दो अन्य साथियों के साथ राउरकेला के दो-तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर देखा गया। आरपीएफ ने तीनों को पकड़कर पूछताछ की। दोनों ने चोरी में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। इनके बैग की तलाशी लेने पर उसमें से 2 करोड़ 23 लाख रुपये मिले।
ये अपनाते थे तरीका
गिरोह के सदस्य चोरी के लिए खास तरीका अपनाते थे। सभी एसी बोगी में आरक्षण कराकर यात्रा करते थे। सभी फर्जी नाम से टिकट कटवाते थे। मोबाइल नंबर भी टिकट कटाने में फर्जी देते थे। सभी देश के अलग-अलग भागों में चोरी करते हैं। चक्रधरपुर रेल मंडल में हाल ही में दो बार हावड़ा और राउरकेला के बीच चोरी कर ट्रेन से उतर गए। ट्रेन से उतरने के बाद दूसरी ट्रेन से वापस लौट गए। हालांकि, हर बार ट्रेन संख्या एक ही थी।