Jharkhand की नई सरकार से उद्यमियों की ये हैं उम्मीदें, स्थानीय कंपनियों से खरीदारी करे टाटा मोटर्स
झारखंड में बनने वाली नई सरकार से उद्यमियों को काफी उम्मीदें हैं। जानिए क्या चाहते हैं उद्योग चलानेवाले। पेश है बातचीत के मुख्य अंश।
जमशेदपुर, जासं। 19 वर्ष के इस युवा राज्य झारखंड में एक बार फिर नई सरकार है। पिछली बार की रघुवर सरकार की तरह इस बार भी हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने वाली है। ऐसे में कोल्हान के उद्यमियों को सरकार से बहुत उम्मीदें है। ऐसे में जमशेदपुर व आसपास के औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमी नई सरकार से किस तरह की उम्मीदें कर रहे हैं? पेश है उनसे बातचीत के मुख्य अंश...।
उद्यमियों की नई सरकार से उम्मीदें
- एनएच-33 जल्द बने जिससे विकास की गति तेज हो।
- झारखंड में एक नई ऑटो इंडस्ट्री लगे जिससे टाटा मोटर्स पर निर्भरता कम हो।
- कोल्हान की कंपनियों को दामोदर वैली कॉरपोरेशन की बिजली मिले।
- नए रोजगार के लिए एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने वाली नीति बनाई जाए।
- झारखंड में लैंड बैंक बने जिससे नई कंपनियों के लिए जमीन मिल सके।
- धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का निर्माण जल्द हो।
- छोटी कंपनियों को बिना बिडिंग के जमीन मिले।
- सिंगल विंडो सिस्टम के तहत नई कंपनी स्थापित करने में लगने वाली प्रशासनिक देरी कम हो।
- फूड प्रोसेसिंग प्लांट को बढ़ावा मिले और किसानों के लिए बाजार विकसित हो।
- आयुर्वेदिक औषधियों के कुटीर उद्योग को महत्व दिया जाए।
इनकी सुनें
पुरानी सरकार से उद्यमियों को काफी उम्मीदें थी लेकिन जो काम उस समय नहीं हो पाया उसे नई सरकार पूराकरे। लघु, सूक्ष्म व मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पहल हो। टाटा मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियां स्थानीय कंपनियों से ही माल खरीदे, इसके लिए सरकार पहल करे। इससे कंपनियों को आर्डर मिलेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा।
-अशोक भालोटिया, अध्यक्ष, सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
नई सरकार से व्यापार व उद्योग जगत आशान्वित हैं। अपने पिछले कार्यकाल में हेमंत सोरेन ने एक परिपक्व राजनेता की झलक दिखाई थी। उम्मीद है कि उनकी पूर्ण बहुमत की सरकार में राज्य तेजी से औद्योगिकीकरण की राह पर आगे बढ़ेगा। उद्यमियों की बिजली, जमीन और लॉ एंड आर्डर की समस्याओं का समाधान होगा।
-आलोक चौधरी, अध्यक्ष, जमशेदपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स
कोल्हान झारखंड की औद्योगिक राजधानी है। इसलिए नई सरकार औद्योगिकीकरण में और तेजी लाए। नई सरकार सबका साथ और सबका विकास की नीति पर काम करे। किसी एक समुदाय विशेष की सरकार बनकर न रह जाए। टाटा लीज एरिया में रजिस्ट्री फिर से शुरू कराए और पूरे राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करे।
-भरत वसानी, महासचिव, सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
पिछली सरकार में औद्योगिक विकास का जो माहौल बना था, उसमें कई बाहरी निवेशक झारखंड में निवेश करने का मन बना चुके हैं। उसमें ग्रहण नहीं लगना चाहिए। राज्य में औद्योगिक शांति की स्थापना हो। सिस्टम ऑनलाइन हो ताकि छोटे-बड़े किसी काम के लिए सरकारी कार्यालयों में चक्कर न लगाना पड़े।
-इंदर अग्रवाल, अध्यक्ष, एसिया
हम सभी उद्योगपतियों की नई सरकार से एक ही मांग है कि झारखंड में ऐसी व्यवस्था विकसित हो जिससे औद्योगिक क्षेत्र की कोई कंपनी बंद न हो। कंपनी मालिक और मजदूर, दोनो को रोजगार मिले। क्योंकि कंपनी ही अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पूरे राज्य में औद्योगिक शांति का माहौल कायम हो।
-संतोष खेतान, उपाध्यक्ष, एसिया
टाटा मोटर्स और टाटा स्टील अपना सारा ट्रेड दूसरे राज्यों में शिफ्ट कर रही है। सरकार पहल करे कि बड़ी कंपनियां स्थानीय कंपनियों से 75 फीसदी तक माल खरीदे। जब कंपनियों को नियमित काम मिलेगा तभी तो वे दूसरों को नौकरी दे पाएंगे। सरकार यदि कंपनियों को बंद होने से बचाना चाहती है तो डीवीसी को कोल्हान में बिजली वितरण की मंजूरी दे।
-सुरेश सोंथालिया, राष्ट्रीय सचिव, कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स