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World Health Day 2020 : इनकी सेवा है अनमोल, मां की तरह मरीजों का दर्द समझ सेवा कर रही नर्सें

World Health Day 2020. अस्पताल में तमाम खामियां के बावजूद नर्से मरीजों के चेहरे पर मुस्कान लौटाने का काम कर रही हैं। यहां 276 नर्सों की जरूरत है लेकिन मात्र 48 स्थायी नर्सें ही तैनात हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 06:15 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 06:15 PM (IST)
World Health Day 2020 : इनकी सेवा है अनमोल, मां की तरह मरीजों का दर्द समझ सेवा कर रही नर्सें
World Health Day 2020 : इनकी सेवा है अनमोल, मां की तरह मरीजों का दर्द समझ सेवा कर रही नर्सें

जमशेदपुर, अमित तिवारी। World Health Day 2020 मां के कदमों के नीचे अगर जन्नत है तो भगवान के बाद दुनिया में डाक्टर व नर्स ही इंसान के लिए भगवान हैं। इनके लिए मनुष्य की सेवा ही धर्म है। अस्पताल में नर्स ही मरीज की मां की तरह सेवा करती है। उसके दुख व दर्द को महसूस करती है। अभी कोरोना वायरस संक्रमण से लोग जूझ रहे हैं। अस्पतालों में नर्स ही सेवा भाव से जुटी हैं।

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महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तमाम खामियां के बावजूद नर्से मरीजों के चेहरे पर मुस्कान लौटाने का काम कर रही हैं। यहां 276 नर्सों की जरूरत है लेकिन मात्र 48 स्थायी नर्सें ही तैनात हैं। इसी तरह से खासमहल सदर अस्पताल और जुगसलाई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित अन्य जगहों पर भी नर्सों की भारी कमी है। लेकिन, वह मरीजों को थोड़ा भी अहसास नहीं होने देतीं। दिन-रात सेवा में जुटी रहती हैं।
एमजीएम की इमरजेंसी संभाल रही सिस्टर एलिस
एमजीएम अस्पताल में तैनात सिस्टम एसिस के कंधों पर बड़ी जिम्मेवारी है। इस समय कोरोना की वजह से ओपीडी बंद है। सिर्फ इमरजेंसी विभाग चल रहा है। इसके बावजूद वह मरीजों के साथ पूरी व्यवस्था को बेहतर ढंग से संचालित कर रही हैं। उनकी सेवा-भाव देखकर ही अस्पताल प्रंबधन ने उनको इमरजेंसी विभाग का इंचार्ज बनाया है। 24 घंटे वह सेवा-भाव में जुटी रहती हैं।
शर्मिला सदर में संभाली है कोरोना की कमान
सदर अस्पताल की सीनियर नर्स शर्मिला ठाकुर फिलहाल कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में जुटी हुई हैं। उनके अनुभव को देखते हुए सदर अस्पताल में बने कॉमन ओपीडी में वह तैनात की गई हैं। वहां मरीजों की बेहतर देखभाल करने में जुटी हैं। उनकी बात करने की शैली से कोई भी मरीज खुश हो जाता है। मरीजों का दर्द वह बखूबी समझती हैं।
शिशुओं की जान बचा रहीं सपना सिन्हा
सिस्टर सपना सिन्हा चंदा एमजीएम अस्पताल के शिशु रोग विभाग की इंचार्ज हैं। वह सुबह आती हैं तो शाम में जाती हैं। विभाग में नर्सों की भारी कमी होने के बावजूद वह मरीजों को अहसास नहीं होने देतीं। वर्ष 2008 से एमजीएम अस्पताल से जुड़ी हुई हैं। 1983 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद करीब 20 वर्ष तक पश्चिमी सिंहभूम स्थित गोइलकेरा में सेवा देती रहीं।
जुगसलाई में तैनात हैं रानी सिंह
रानी सिंह जुगसलाई स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के महिला एवं प्रसूति रोग विभाग में तैनात हैं। कर्मचारियों की कमी होने की वजह से उनको थोड़ा परेशानी होती है, लेकिन वह अपने काम से समझौता नहीं करती। गांवों से आने वाली महिलाओं को वह उनकी भाषा में समझाती हैं। इससे महिला मरीज खुश नजर आती हैं।
सदर अस्पताल की इमरजेंसी संभाल रहीं फीबे सुरीन
फीबे सुरीन खासमहल सदर अस्पताल का इमरजेंसी विभाग संभाल रही हैं। यहां फिलहाल कोरोना वायरस की वजह से ओपीडी बंद है। जिससे इमरजेंसी विभाग में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में फीबे सुरीन बड़ी भूमिका निभा रही हैं। वह मरीजों को बेहतर सेवा देने को समर्पित हैं।
 

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