Move to Jagran APP

प्रयागराज स्थित चंद्रशेखर आजाद पार्क में शव दफनाने, मजार व मस्जिद बनाकर दखल करने का काम जारी, भारतीय जन महासभा ने उठाया मुद्दा

भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मचंद्र पोद्दार ने बताया कि पहले इस पार्क का नाम अल्फ्रेड पार्क था। यहां चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों के हाथ लगने से पूर्व ही अपनी कनपटी में गोली मारकर अपने आप को शहीद कर लिया था।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 04:06 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 04:06 PM (IST)
प्रयागराज स्थित चंद्रशेखर आजाद पार्क में शव दफनाने, मजार व मस्जिद बनाकर दखल करने का काम जारी, भारतीय जन महासभा ने उठाया मुद्दा
प्रयागराज स्थित चंद्रशेखर आजाद पार्क, जहां मजार बना हुआ है।

जमशेदपुर, जासं। भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मचंद्र पोद्दार ने बताया कि पहले इस पार्क का नाम अल्फ्रेड पार्क था। यहां चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों के हाथ लगने से पूर्व ही अपनी कनपटी में गोली मारकर अपने आप को शहीद कर लिया था। अल्फ्रेड एक अंग्रेज अधिकारी था जो 1870 में भारत आया था। उसी के नाम पर पार्क का नाम पड़ा था। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात इस पार्क का नाम चंद्रशेखर आजाद पार्क किया गया। अब यह भारत वासियों के लिए एक ऐतिहासिक धरोहर के साथ-साथ तीर्थस्थल है। जमशेदपुर निवासी पोद्दार ने बताया कि कुछ वर्षों से इस पार्क में विधर्मियों द्वारा कब्र व मजार बनाई जा रही है। इस प्रकार इस पार्क को दखल करने की साजिश की जा रही है।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री योगी को किया था ट्वीट

पोद्दार ने 3 सितंबर 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को ट्वीट कर आग्रह किया है कि चंद्रशेखर आजाद पार्क में शव दफनाने, मजार व मस्जिद बनाने के कार्य को रोकने की कृपा करें। इसी ट्वीट में महंत योगी आदित्यनाथ के कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, प्रयागराज पुलिस, डीएम प्रयागराज, एडिशनल जनरल ऑफ पुलिस प्रयागराज, इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस प्रयागराज को भी ट्वीट किया गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहा मुकदमा

इस ऐतिहासिक धरोहर को नष्ट होने से बचाने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में मुकदमा भी चल रहा है। पोद्दार ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रयागराज नगर निगम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अमर बलिदानी चंद्रशेखर आजाद पार्क से जुड़े कागजात उद्यान विभाग से गायब हैं। इस प्रकार माना जा रहा है कि इसके पीछे वे जमीन जिहादी हैं, जिन्होंने इस पार्क पर कब्जा करके मस्जिदे एवं मजारें बनाई हैं। अब वहां शव भी दफनाए जा रहे हैं।

133 एकड़ में फैला है पार्क

विदित हो कि चंद्रशेखर आजाद पार्क 133 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। जानकारी के अनुसार लगभग 25-30 साल पहले वहां मजार बनाई गई थी। तब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तोड़ने का आदेश भी दिया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो सका, क्योंकि उस समय ऐसे लोगों की सरकार थी जो इनको बढ़ावा देते रहे हैं। मजार को तोड़ने के आदेश का पालन तो नहीं ही हुआ, बल्कि और मस्जिदें भी बना दी गईं। आज वहां लगभग 20 मजार व तीन मस्जिद बनाई जा चुकी है।

फिर हाईकोर्ट में हुआ मुकदमा

धर्मचंद्र पोद्दार ने बताया कि लगभग पांच माह पूर्व एक मुकदमा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हमारे परिचित सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र सिंह बिसेन द्वारा फिर से दाखिल कराया गया है। इतने महान स्वतंत्रता सेनानी से जुड़े इस पार्क पर अतिक्रमण होना मामूली घटना नहीं है। एक साजिश के तहत एक वर्ग ने इस पर कब्जा किया और जिनके ऊपर अतिक्रमण रोकने की जिम्मेदारी थी, उन्होंने अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर चुप्पी साध ली।

सीबीआई करे जांच

भारतीय जन महासभा ने मांग की है कि चंद्रशेखर आजाद पार्क से संबंधित जो कागजात गायब हुए हैं, उनकी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराकर दोषी अधिकारियों को कड़ा से कड़ा दंड दिया जाना चाहिए। यह भी मांग की है कि तत्काल प्रभाव से वहां कोई भी निर्माण कार्य रोका जाना चाहिए। भारतीय जन महासभा ने कहा है कि संबंधित पदाधिकारी एवं राज्य सरकार अगर हमारी मांगों पर आगामी तीन महीनों के अंदर ध्यान नहीं देती है, तो हमें बाध्य होकर माघ मेला की समाप्ति पर हजारों हिंदुओं के साथ डीएम प्रयागराज के कार्यालय का घेराव कर राज्य सरकार को प्रेषित विरोध पत्र देना पड़ेगा और इसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.