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थम जाएंगे बस-ट्रक के पहिए, फूटा परिवहन व्यवसायियों का आक्रोश, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस 28 जून को मनाएगी काला दिवस

डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि और सड़क परिवहन क्षेत्र की बिगड़ती स्थिति के कारण भारत के लगभग 20 करोड़ देशवासियों और आम जनमानस की परिस्थिति बद से बदतर हो गई है। इससे परिवहन व्यवसायियों का आक्रोश फूट रहा है लिहाजा वे 28 जून को काला दिवस मनाएंगे।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 01:13 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 01:14 PM (IST)
जमशेदपुर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव की फाइल फोटो

जमशेदपुर, जासं। डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि और सड़क परिवहन क्षेत्र की बिगड़ती स्थिति के कारण भारत के लगभग 20 करोड़ देशवासियों और आम जनमानस की परिस्थिति बद से बदतर हो गई है। इससे परिवहन व्यवसायियों का आक्रोश फूट रहा है, लिहाजा वे 28 जून को काला दिवस मनाएंगे। इसमें बस-ट्रक के पहिए थम जाएंगे।

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जमशेदपुर मोटर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष व ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस में प्रबंध समिति के सदस्य अखिलेश सिंह यादव ने कहा कि देश में 85 प्रतिशत से अधिक छोटे ऑपरेटर हैं, जिनके पास एक से पांच वाहन हैं। इनमें से लगभग 65 प्रतिशत व्यवसायिक वाहनों के मालिक, स्व-नियोजित, मालिक-चालक हैं। आज अपनी आजीविका खो रहे हैं और अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

       आज की परिस्थिति में वाहन मालिक अपनी किस्त जमा नहीं कर पाने से वित्तीय संस्थानों द्वारा जबरन वसूली एवं दबाव के कारण सदस्यों में नाराजगी एवं चिंता पैदा हो रही है। सरकार की उदासीनता के कारण ब्लैंकेट मोरेटोरियम, बीमा शुल्क में वृद्धि समेत अन्य करों व शुल्क के साथ ही साथ सरकारी अधिकारियों के माध्यम से सड़कों पर व्याप्त भ्रष्टाचार में कोई राहत नहीं मिल रही है। परिवहन व्यवसाय आर्थिक रूप से अपंग हो चुका है। ज्वलंत समस्याओं के प्रति सरकार के अकर्मण्य व्यवहार ने भारत के परिवहन व्यवसाय को मौजूदा संकट से निपटने के लिए एक ठोस निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया। 16 जून को डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि एवं परिवहन क्षेत्र की दुर्दशा के प्रति सरकार की उदासीनता के विरोध में 28 जून को पूरे देश में शांतिपूर्ण राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन और काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन प्रधानमंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री को उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें सड़क परिवहन व्यवसाय जो अपने अस्तित्व और जीविका के लिए संघर्ष कर रहा है, उसकी मौजूदा करुणामय स्थिति से अवगत कराते हुए ज्वलंत समस्याओं से सम्बंधित मांगपत्र दिया जाएगा।

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बस-ट्रक संचालकों की मांग

देश भर के सदस्यों से विचार-विमर्श करने के पश्चात सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया, जो मांगें निम्नलिखित हैं :-

- केंद्र सरकार और राज्यों द्वारा डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क ओर वैट में कटौती की जाए, डीजल और पेट्रोल को जीएसटी के तहत लाया जाए, ताकि पूरे देश में डीजल और पेट्रोल का दाम समान रहे, इसकी कीमतों में तिमाही संशोधन किया जाए।

- मौजूदा परिदृश्य में छह महीने के लिए ईएमआई मोरेटोरियम की घोषणा की जाए।

- ई-वे बिल की वैधता के लिए निर्धारित समय सीमा को प्रत्येक 100 किलोमीटर के लिए एक दिन के पहले स्तर पर बहाल किया जाए।

- आरटीओ, पुलिस और जीएसटी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए।

- सड़क परिवहन क्षेत्र के अन्य लंबित मांगों को तुरंत हल किया जाए।

सरकार को उपरोक्त मांगों का जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए, अन्यथा पूरे भारतवर्ष में सड़क परिवहन व्यवसाय जो घाटे में चल रहा है उसे बंद करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा।


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