एमजीएम में हुआ था दुष्कर्म, सीएम व स्वास्थ्य मंत्री के कहने पर दर्ज हुआ मामला Jamshedpur News
मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस ने मामले की जांच की तो घटना सही पाई गई। इसके बाद पुलिस की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गई।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) अस्पताल में चार तल्ला वार्ड में महिला मरीज के साथ विगत छह मार्च को दुष्कर्म हुआ था। वारदात को छिपाने की काफी कोशिश हुई।
अस्पतााल प्रबंधन पर इस जघन्य मामले में लीपापोती के आरोप लगते रहे। मामला तब उजागर हुआ जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के संज्ञान में आया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस ने मामले की जांच की तो घटना सही पाई गई। इसके बाद पुलिस की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गई।
आसपास के बेड की महिलाओं ने दी घटना की जानकारी
गौरतलब है कि छह मार्च की रात को इस महिला मरीज के साथ एमजीएम अस्पताल में दुष्कर्म हुआ था। महिला ने अपने आसपास बेड पर मौजूद महिला मरीजों को आपबीती सुनाई थी। महिला मरीजों ने पुलिस को बताया कि उस रात पीडि़त महिला काफी बेचैन थी। किसी तरह रात कटी। सुबह उसने अपने साथ हुई वारदात की जानकारी अन्य लोगों को दी तो बात फैल गई। इसके बाद एमजीएम अस्पताल प्रशासन ने सीसीटीवी वगैरह खंगालने का काम शुरू किया।
सीसीटीवी फुटेज में रोती दिखाई दी महिला
सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में महिला रोती हुई दिखाई दी थी। बाद में एमजीएम अस्पताल प्रशासन ने वार्ड में भर्ती सभी महिला मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया। उसके इस कदम से एमजीएम अस्पताल प्रबंधन शक के दायरे में आ गया। सवाल उठने लगे कि आखिर एमजीएम अस्पताल प्रबंधन ने सभी महिला मरीजों को क्यों छुट्टी दे दी है। इस तरह, अस्पताल प्रबंधन ने मामले की लीपापोती में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। मामले में अधिकारियों को अंधेरे में रखा गया।
ट़वीट पर सीएम ने दिए जांच के आदेश
लेकिन, बाद में इस घटना के बारे में सीएम हेमंत सोरेन को ट्वीट कर बताया गया। इसके बाद उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए। पुलिस ने जांच शुरू की और वो पीडि़त महिला तक पहुंच गई। इसके बाद पीडि़त महिला ने पुलिस को अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया। तब जाकर एफआइआर दर्ज हुई है।