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Corona Fighter: हिम्मत व हौसले से जीती कोरोना से जंग, दस दिन बाद भागने को मजबूर हुआ वायरस

Corona Fighter कहा गया है कि हिम्मत व हौसले के साथ काम करने वालों की ही जीत होती है। समझदारी व सही सलाह पर आगे बढ़ने पर सफलता अवश्य मिलती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है समाजिक संस्था अस्तित्व की संस्थापक सदस्य और इंटक नेता मीरा तिवारी ने।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 05:04 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 08:45 PM (IST)
पने घर पर ही रहकर पति -पत्नी दोनों ने कोरोना से जंग जीता है।

जमशेदपुर, जासं। कहा गया है कि हिम्मत व हौसले के साथ काम करने वालों की ही जीत होती है। समझदारी व सही सलाह पर आगे बढ़ने पर सफलता अवश्य मिलती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है समाजिक संस्था अस्तित्व की संस्थापक सदस्य और इंटक नेता मीरा तिवारी ने। जो अपने घर पर ही रहकर पति -पत्नी दोनो ने कोरोना से जंग जीता है।

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आज कोरोना को लेकर जहां चारो ओर हाहाकार मचा हुआ है, अस्पतालों में बेड नहीं है, किसी तरह भर्ती हो भी जाएं तो वहां सही इलाज नहीं है। इन सभी बातों को देखते हुए उन्होंने घर पर ही आइसोलेट होकर सही इलाज कराकर कोरोना का मात दिया है, जो दूसरे के लिए एक सीख साबित हुआ है। कोरोना से मीता तिवारी की पति की स्थिति बहुत ही खराब थी लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दोनों एक कमरे में क्वारंटाइन होकर डॉक्टर से सलाह पर दवा खाना और 24 घंटे निगरानी में इलाज शुरू किया। ऑक्सीजन लेबल 79 से85 तक रहता था। योग, प्राणायाम,अनुलोम विलोम और दवाओं के नियमित सेवन से दस दिनों बाद स्वस्थ हो गए। इस दौरान उम्मीद और भगवान का रक्षा कवच उन्हें इस बीमारी से बाहर ले आया। डॉक्टर पारिख ने बहुत सहयोग किया। उनकी देखरेख में घर पर ही इलाज शुरू किया। प्रत्येक दिन में दस बार से भी ज्यादा व्हाट्स एप पर पल्स ऑक्सीमीटर पर ऑक्सीजन लेबल की जानकारी लेते हुए गाइड करते रहे। आज पूरे दस दिनों बाद दोनो पति-पत्नी स्वस्थ है।

अब कर रहे दूसरों की मदद

जानकारी हो कि रामनवमी पूजा के अवसर पर इंटक नेता मीरा तिवारी पति संग अपने पैतृक गांव बिहार के सासाराम रोहतास गई थी। इस दौरान गांव पर ही दोनो को ही कोरोना के लक्षण के साथ ही बुखार और खासी से ग्रसित हो गए थे। तब तबियत बिगड़ने पर पिछले सप्ताह एक मई को जमशेदपुर पहुंचे तो ऑक्सीजन का स्तर गिरने की जानकारी हुई किंतु हिम्मत और हौसले ने उन्हें तीसरे दिन से घर पर ही स्थिति में सुधार होने से उम्मीद की रोशनी से कोरोना से जंग में जीत हासिल हुई। अब दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। मीरा तिवारी का मानना है कि गरीब और जरूरतमंदों की निस्वार्थ भाव से मदद करना ही आज उनके पति को दूसरी जिंदगी मिली है। इसलिए अब फिर से दुगने उत्साह से सबकी मदद और समाज में जनसेवा के लिए सबके बीच हूं और फिलहाल फोन पर ही सबकी मदद करने की यथासंभव कोशिश कर रही हूं।


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