धालभूमगढ़ में हाथियों का आतंक, ग्रामीणों ने की शुरू की पूजा
धालभूमगढ़ क्षेत्र में इन दिनों हाथियों का आतंक जारी है। रावताड़ा बासाझोर बेहड़ा पानीजिया के बाद नूतनगढ़ पंचायत के घासीडीह एवं बुरुडीह गांव में बीते छह दिन से हाथियों के आतंक से ग्रामीण परेशान दिख रहे हैं।
संसू, धालभूमगढ़ : धालभूमगढ़ क्षेत्र में इन दिनों हाथियों का आतंक जारी है। रावताड़ा, बासाझोर, बेहड़ा, पानीजिया के बाद नूतनगढ़ पंचायत के घासीडीह एवं बुरुडीह गांव में बीते छह दिन से हाथियों के आतंक से ग्रामीण परेशान दिख रहे हैं। लगातार हाथियों के झुंड के विचरण एवं हाथियों द्वारा फसलों के नुकसान को लेकर अब ग्रामीण पूजा पाठ के सहारे इस पर अंकुश लगाने की कवायद कर रहे हैं। इन क्षेत्रों के लोग शाम के छह के बाद घरों से निकलना बंद कर दे रहे हैं। इन गांवों को जाने वाले रास्तों से लोग गुजरना नहीं चाह रहे हैं। हाथियों के आतंक से परेशान ग्रामीण बुरुडीह के ग्राम प्रधान सनातन हांसदा एवं घासीडीह के ग्राम प्रधान धनु राम सोरेन के नेतृत्व में ग्रामीण हवाई पट्टी स्थित कालापाथर पहाड़ पहुंचे एवं पहाड़ी माई से हाथियों से जानमाल की सुरक्षा के लिए मन्नत मांगी। नायके हाड़ी राम मुंडा ने पारंपरिक रीति-रिवाज से पूजा अर्चना की एवं मन्नत रखा। पूजा कराने पहुंचे धानु राम किस्कु, बगान सोरेन, मानसिंह हांसदा, सोमाय हांसदा, खुदीराम मुर्मू ने बताया कि वन विभाग द्वारा कोई सकारात्मक प्रयास अभी तक प्रयास नहीं किया गया है। हाथी आए-दिन रात में घुस जाते हैं। इस कारण ग्रामीण कालापाथर पर आस्था रखते हुए पूजा अर्चना की गई तथा मन्नत रखा गया। मालूम हो कि लगभग 20 मौजा के ग्रामीणों की आस्था इस कालापाथर पहाड़ से जुड़ी हुई है। पूजा अर्चना के समय देवशोल ग्राम के प्रधान दाखिन हांसदा एवं अन्य ग्रामीण भी उपस्थित थे। हाथी प्रभावित क्षेत्र में खर्च होंगे 14 लाख : प्रखंड विकास पदाधिकारी अभय द्विवेदी ने जानकारी दी है कि पंचायत समिति की बैठक में वित्त वर्ष 2021-22 में हाथी प्रभावित क्षेत्र के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की गई है। इसके तहत हाथियों के आतंक वाले क्षेत्रों में 14 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इस राशि से चौक-चौराहों पर सोलर लाइट, स्ट्रीट लाइट आदि लगाई जाएगी। साथ ही बांस बगान और केला बगान को भी विकसित किया जाएगा।