Jharkhand : डीलर आगे-आगे कार्डधारी पीछे-पीछे, यहां मोबाइल नेटवर्क की तलाश में दस किलोमीटर का सफर
जनवितरण प्रणाली की दुकानों में गड़बड़ी रोकने के मकसद से की गई ई-पोस मशीन की व्यवस्था डीलर और कार्डधारी दोनों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। पूर्वी सिंहभूम के गांवों मेंं नेटवर्क की तलाश में डीलर और कार्डधारी भटकने को मजबूर हैं।
डुमरिया (पूर्वी सिंहभूम), जासं। राशन की राह में नेटवर्क का रोड़ा।आगे-आगे डीलर, पीछे-पीछे राशन कार्डधारी। यह रोज की बात है। तकनीक इनके लिए परेशानी का कारण बन गई है। नेटवर्क नहीं होने की वजह से यहां राशन वितरण टेढी खीर बन चुका चुका है।
पूर्वी सिंहभूम के डुमरिया के आस्ता कोवाली पंचायत के राशन कार्डधारियों के लिए मंगलवार को नेटवर्क एकबार फिर मुसीबत का सबब बना। घर के बगल में डीलर का घर, लेकिन कार्डधारी दस किलोमीटर पैदल चलने को मजबर हुए। शुक्र रहा कि निराशा नहीं मिली। नेटवर्क मिल जाने के कारण राशन मिलने की राह की बाधा दूर हो गई। मंगलवार को चाईडीहा की श्रमिक महिला समिति एवं अस्ति के डीलर अशोक साव कार्डधारियों के साथ नेटवर्क की तलाश में दस किलोमीटर दूर बड़ाबोतला पहुंच गए। वहां किसी तरह नेटवर्क मिला तो कार्डधारियों को भी राहत मिली। श्रमिक महिला समिति के 264 कार्डधारी हैं।
बड़ाबोतला में ही मिलता नेटवर्क
समिति की अध्यक्ष उर्मिला साव ने बताया कि चाईडीहा, रामागोड़ा व महालडेरा गांव के कार्डधारी पिछले तीन दिनों से बड़ाबोतला ई -पोस मशीन में अंगूठा पंच करने के लिए आ रहे हैं। डीलर अशोक साव के पास 340 कार्डधारीं हैं जिनमें कई बुजुर्ग भी हैं। बताते हैं कि नियमित रूप से अब इतनी दूर कार्डधारीयों को बुलाना संभव नहीं है। इसलिए प्रखंड विकास पदाधिकारी साधुचरण देवगम को जानकारी देकर वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है। डीलरों के अनुसार उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह सर्वर कीजांच कराकर रास्ता निकालेंगे।