बाघिन के भय से भाड़े के वाहन से स्कूल पहुंचे शिक्षक
सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूल के शिक्षक भी बाघिन की दस्तक से भयभीत हैं। शुक्रवार को मकर संक्रांति के बाद स्कूल खुलने पर उत्क्रमित उच्च विद्यालय झांटीझरना के उर्दू शिक्षक डॉ कमर अली आनंदमय बारिक प्रभारी प्रधानाध्यापक नवदीप बिहारी करण उच्च विद्यालय लिपिक सोमनाथ सोरेन एकजुट होकर टाटा सूमो से अपने नियत समय पर विद्यालय पहुंचे।
संवाद सहयोगी, घाटशिला : सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूल के शिक्षक भी बाघिन की दस्तक से भयभीत हैं। शुक्रवार को मकर संक्रांति के बाद स्कूल खुलने पर उत्क्रमित उच्च विद्यालय झांटीझरना के उर्दू शिक्षक डॉ कमर अली, आनंदमय बारिक, प्रभारी प्रधानाध्यापक नवदीप बिहारी करण उच्च विद्यालय लिपिक सोमनाथ सोरेन एकजुट होकर टाटा सूमो से अपने नियत समय पर विद्यालय पहुंचे। पिछले कुछ दिनों से विद्यालय के आस-पास के क्षेत्रों में बाघिन के नाम का आतंक है। ऐसे में लोग बाइक या अन्य वाहन से जाने से कतरा रहे हैं। इसलिए बंद गाड़ी से विद्यालय पहुंचे। विद्यालय पहुंचने पर पता चला कि आधे से अधिक बच्चे दहशत के कारण घर में ही हैं। जो बच्चे विद्यालय पहुंचे थे उनके चेहरे पर भी खौफ साफ झलक रहा था। आसपास के लोगों से बात करने पर पता चला कि सभी लोग बाहर निकलने से घबरा रहे हैं। इस संबंध में शिक्षक डॉ. कमर अली ने कई ग्रामीणों से बात किए परंतु कोई ऐसा नहीं मिला जिसने यह कह कि उसने अपनी आंखों से बाघिन को देखा है परंतु दहाड़ सुने जाने के बारे में कई लोगों ने बताया। शिक्षकों को यह चिता सता रही है कि यदि प्रतिदिन भाड़े के गाड़ी से विद्यालय जाना पड़ा तो काफी महंगा पड़ेगा। ज्ञात हो कि पूरे जनवरी महीना बुरूडीह डैम से लेकर धरागिरी तक पर्यटकों का तांता लगा रहता है। सड़क पर पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ था डैम के पास इक्का-दुक्का गाड़ी ही दिखाई दे रही थी जो लोग गलती से आ भी गए थे उनके चेहरे पर भी दहशत का खौफ छाया हुआ था।