टीबी मरीजों की अब होगी कोरोना जांच, ये है खास वजह Jamshedpur News
सभी टीबी मरीजों की अब कोविड जांच होगी ताकि पता चल सके कि उनमें कहीं कोरोना तो नहीं है। क्योंकि दोनों बीमारी के लक्षण कमोबेश एक ही है।
जमशेदपुर, जासं। फरवरी माह के बाद से पूर्वी सिंहभूम जिले में टीबी मरीजों की संख्या में कमी आई है। इसे लेकर जिले में सभी टीबी मरीजों की अब कोविड जांच होगी ताकि पता चल सके कि उनमें कहीं कोरोना तो नहीं है। क्योंकि दोनों बीमारी के लक्षण कमोबेश एक ही है। कोरोना की वजह से बहुत से लोग डर के मारे टीबी की जांच कराने भी डॉट्स सेंटर नहीं पहुंच रहे हैं। यह भी चिंता का विषय है।
जिले में कुल 71 एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) व चार हजार 218 टीबी के मरीज हैं। जिन मरीजों का खान-पान सही नहीं है और जिन्हें सही से पोषण नहीं मिल रहा है उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है। वैसे लोगों को कोरोना होने का खतरा अधिक है। इस मामले को स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी गंभीरता से लिया है। मंत्रालय ने सभी टीबी मरीजों के लिए कोरोना वायरस की जांच को महत्वपूर्ण बताया है। जिन लोगों को कोरोना काल में टीबी हुआ है या फिर जो अभी भी टीबी के मरीज हैं उनमें इस वायरस की चपेट में आने की ज्यादा संभावना है। जो लोग टीबी के साथ-साथ कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं उनको दोनों की दवा एक साथ चलेगी।
कोरोना की तुलना में बहुत धीरे सामने आते हैं टीबी के लक्षण
टीबी और कोविड-19 दोनों ही संक्रमण रोग है, जो मुख्यरूप से फेफड़ों पर हमला करते हैं। इन दोनों में ही खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण सामने आते हैं। हालांकि, टीबी की इंक्यूबेशन अवधि ज्यादा होती है जिससे इस बीमारी के लक्षण बहुत धीरे-धीरे सामने आते हैं। जबकि इसके विपरीत कोरोना वायरस के लक्षण दो से 14 दिनों में सामने आ जाते हैं।
निगेटिव पाए जाने वाले लोगों की भी होगी कोरोना जांच
कोरोना की जांच में निगेटिव पाए जाने वाले लोगों के घरों पर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचेगी और उनके बारे में टीबी के लक्षण से संबंधित जानकारी लेगी। अगर टीबी पाया जाता है तो उसका निश्शुल्क उपचार शुरू किया जाएगा।
- विभाग का आदेश मिलने के बाद सभी प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे टीबी मरीजों की कोरोना जांच कराएं और इसकी रिपोर्ट भेजे ताकि उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सके। लोगों को भी खुद पहल करते हुए कोरोना की जांच करा लेनी चाहिए।
- डॉ. एके लाल, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम।