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टायो ने धोखे से टाटा स्टील को हस्तांतरित कर दी जमीन, जानिए क्या है मामला

Tata steel. टायो रोल्स प्रबंधन ने ऑपरेशन सस्पेंड करने के बाद आदित्‍यपुर औद्योगिक विकास प्राधिकार (आयडा) को बिना जानकारी दिए टाटा स्टील को धोखे से जमीन हस्तांतरित कर दी है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 12:55 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 12:55 PM (IST)
टायो ने धोखे से टाटा स्टील को हस्तांतरित कर दी जमीन, जानिए क्या है मामला
टायो ने धोखे से टाटा स्टील को हस्तांतरित कर दी जमीन, जानिए क्या है मामला

जमशेदपुर [ निर्मल प्रसाद]। टायो रोल्स प्रबंधन ने ऑपरेशन सस्पेंड करने के बाद आदित्‍यपुर औद्योगिक विकास प्राधिकार (आयडा) को बिना जानकारी दिए टाटा स्टील को धोखे से जमीन हस्तांतरित कर दी है। नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) कोलकाता ब्रांच में आयडा ने पिछले दिनों शपथ पत्र जमा कर यह जानकारी दी है।

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आयडा ने बताया है कि बिहार सरकार और टाटा स्टील के बीच अगस्त 1969 में लीज डीड हुआ। इसके तहत टाटा को 349.81 एकड़ जमीन 99 वर्षो के लिए औद्योगिक विकास के लिए लीज पर दी गई। इसमें से 50 एकड़ जमीन टाटा स्टील ने मेसर्स टाटा योडोगावा को कंपनी स्थापित करने के लिए सबलीज पर दी। वर्ष 2016 तक टायो रोल्स उक्त जमीन को अपनी वित्तीय रिपोर्ट में परिसंपत्ति के तौर पर घोषित करती रही। लेकिन वर्ष 2017 में ऑपरेशन सस्पेंड (उत्पादन बंद) होने के बाद जमीन का ब्योरा कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट से गायब हो गया। शपथपत्र के अनुसार टायो रोल्स ने बिना सूचना दिए 50 एकड़ जमीन टाटा स्टील को हस्तांतरित कर दी है। इसमें ताज्जुब की बात है कि टाटा कंपनी व टाटा योडोगावा के बीच जमीन हस्तांतरण की आधिकारिक सूचना आयडा को नहीं दी गई।

रिकार्ड में नहीं है टायो रोल्स

शपथपत्र में बताया गया है कि मेसर्स टायो रोल्स (कॉरपोरेट ऋणी) लिमिटेड के नाम से आयडा के पास कोई रिकार्ड नहीं है। उस कंपनी को जमीन आवंटित करने के संबंध में भी आयडा के पास कोई रिकार्ड नहीं है। मालूम हो कि मेसर्स टाटा योडोगावा लिमिटेड को टाटा ने 50 एकड़ जमीन सबलीज पर दी थी। लेकिन दिसंबर 2008 में जब कंपनी का नाम बदलकर टायो रोल्स हुआ तो सबलीज का नाम बदलने की जानकारी आयडा को नहीं दी गई। इसलिए आयडा के रिकार्ड में टायो रोल्स का कहीं नाम दर्ज नहीं है।

ये है मामला

टायो रोल्स के संबंध में सीपी (आइबी) नंबर 701/केबी/2017 व सीए नंबर 960/2018 मामला एनसीएलटी में मामला लंबित है। इस मामले में टायो संघर्ष समिति ने आयडा और झारखंड सरकार के श्रम विभाग को पार्टी बनाया है। साथ ही अपील की है कि जब 27 अक्टूबर 2016 को तत्कालीन प्रधान सचिव, श्रम नियोजन व प्रशिक्षण विभाग ने कंपनी को बंद करने का आदेश नहीं दिया तो प्रबंधन ने उत्पादन सस्पेंड कैसे कर दिया। प्रबंधन के ऐसे कदम पर श्रम विभाग ने कंपनी को टेकओवर क्यों नहीं किया। टायो रोल्स अगर दिवालिया हो चुकी है तो आयडा उक्त जमीन टाटा स्टील से लेकर नए प्रमोटर के नाम जमीन स्थानांतरित करे ताकि नया प्रबंधन आसानी से कंपनी चला सके। इस मामले में ही एनसीएलटी ने आयडा व श्रम विभाग से जवाब मांगा था। आयडा द्वारा सौंपे गए जवाब के बाद पूरा मामला उजागर हुआ। 


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