चालू नहीं होगी टायो रोल्स : चेयरमैन
गम्हरिया स्थित टायो रोल्स लिमिटेड अब चालू नहीं होगी। यह बात टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कही।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गम्हरिया स्थित टायो रोल्स लिमिटेड अब चालू नहीं होगी। यह बात टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने यूनियन नेताओं से साफ-साफ कह दी। टाटा स्टील की एजीएम में शामिल होने के बाद टायो वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने चेयरमैन से टायो को खोलने का आग्रह किया, जिस पर चेयरमैन ने कहा कि अब हमें इसकी जरुरत नहीं है। इससे पूर्व पांडेय ने चेयरमैन से कहा कि टाटा स्टील 24 मिलियन टन की कंपनी हो गई है, लिहाजा बड़े पैमाने पर रोल्स की आवश्यकता होगी। हमने (प्रबंधन-यूनियन ने) जिस तरह जेम्को को बंद होने से बचा लिया, उसी तरह टायो रोल्स को बचा सकते हैं। इससे वहां कार्यरत रहे कर्मचारियों और उनके परिवार की बहुत मदद होगी। मुंबई में हुई इस मुलाकात के दौरान टाटा स्टील के एमडी व सीइओ टीवी नरेंद्रन व वाइस प्रेसिडेंट (एचआरएम) सुरेश दत्त त्रिपाठी के अलावा टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर. रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय व महासचिव सतीश कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
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भूषण में 18 नहीं 20 हजार करोड़ लगेंगे
चेयरमैन ने अपने भाषण में टाटा स्टील के विकास और विस्तार पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमने हाल ही में भूषण स्टील का अधिग्रहण किया है। इसके तहत हमें 18,000 करोड़ रुपये देने थे, लेकिन अब हमें 20,000 करोड़ रुपये देने होंगे। कुछ तकनीकी कारणों की वजह से दो हजार करोड़ रुपये ज्यादा लग रहे हैं। हालांकि हमें उम्मीद है कि मौजूदा आधारभूत संरचना में ही इस कंपनी की उत्पादन क्षमता बढ़ा लेंगे। इससे पूर्व उन्होंने थाइसेनक्रप के साथ मिलकर टाटा स्टील के विस्तार कार्यक्रम पर संतोष व्यक्त किया।
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कंपनी को 38 रुपये मुनाफा तो हमें 10 रुपये क्यों
टाटा स्टील की 111वीं वार्षिक आमसभा के दौरान शेयरधारकों ने भी अपने विचार रखे। इसी क्रम में एक शेयरधारक ने कहा कि जब कंपनी को प्रति शेयर 38 रुपये लाभांश मिला है, तो हमें 10 रुपये क्यों दिए जा रहे हैं। इस तरह की बात कुछ अन्य शेयरधारकों ने भी रखी। हालांकि प्रबंधन की ओर से इसका कोई जवाब नहीं मिला।
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आरएंडडी पर 181 करोड़ खर्च क्यों
एजीएम के दौरान एक शेयरधारक ने कहा कि कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हम आरएंडडी पर 181 करोड़ रुपये खर्च करते हैं। लेकिन इतने खर्च के बावजूद आरएंडडी के मामले में कहीं भी शीर्ष पर नहीं दिखती है, तो इतना खर्च क्यों किया जाता है।
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प्रमोशन पालिसी में हो सुधार
एक शेयरधारक ने कहा कि कंपनी की प्रमोशन पालिसी में सुधार होना चाहिए। जैसा कि अन्य कंपनियों में होता है, कर्मचारी की प्रोन्नति अधिकारी के साथ-साथ कस्टमर फीडबैक को भी बराबर महत्व दिया जाता है। टाटा स्टील में भी ऐसा होना चाहिए। इससे ना केवल प्रमोशन पालिसी में पारदर्शिता आएगी, बल्कि कर्मचारियों को भी संतोष होगा।
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