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ग्रेड रिवीजन समझौते पर यूनियन नेतृत्व ने की गलतियां, भुगतेंगे कर्मचारी

टाटा स्टील में सात वर्षो के ग्रेड रिवीजन समझौते पर ढेर सारे कर्मचारी व नेता सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया में भी यूनियन नेतृत्व टीका-टिप्पणी की जा रही है। कहा जा रहा है कि यूनियन नेतृत्व की गलतियां को कर्मचारी भुगतेंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 06:36 AM (IST)
ग्रेड रिवीजन समझौते पर यूनियन नेतृत्व ने की गलतियां, भुगतेंगे कर्मचारी
ग्रेड रिवीजन समझौते पर यूनियन नेतृत्व ने की गलतियां, भुगतेंगे कर्मचारी

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील में सात वर्षो के ग्रेड रिवीजन समझौते पर ढेर सारे कर्मचारी व नेता सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया में भी यूनियन नेतृत्व टीका-टिप्पणी की जा रही है। कहा, जा रहा है कि यूनियन नेतृत्व की गलतियां को कर्मचारी भुगतेंगे।

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स्टील वेज व एनएस ग्रेड कर्मचारी कह रहे हैं कि ग्रेड रिवीजन समझौता सुविधाएं बढ़ाने के लिए होता है न कि घटाने के लिए। सात वर्षो के लिए समझौता हुआ है। इसमें कर्मचारियों को 12.75 प्रतिशत मिनिमम गारेटेंड बेनीफिट (एमजीबी) मिलना है। जबकि पीएन सिंह ने छह वर्षों के लिए 18.25 प्रतिशत एमजीबी दिलाया था। कर्मचारियों की माने तो वर्तमान ग्रेड रिवीजन कमियों भुगतान कर्मचारियों करना होगा।

इसका सबसे बड़ा उदाहरण डीए अपर सीलिंग का फ्रीज होना है। उनका कहना है कि अगर वर्तमान यूनियन नेतृत्व पीएन सिंह के कार्यकाल के ग्रेड रिवीजन समझौते को ही स्टडी कर लेती तो इतना आर्थिक नुकसान नहीं होता। नाराजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि समझौते के बाद यूनियन नेतृत्व के सम्मान के लिए 214 में से मात्र दर्जनभर कमेटी मेंबर और 11 में से मात्र पांच ऑफिस बियरर उपस्थित थे। कई कमियां उपलब्ध समझौते पत्र के हाईलाइट साइलेंट फीचर में ही हैं। मूल समझौते पत्र में इससे ज्यादा गड़बड़ियां होने की आशंका है। यूनियन अब तक अपने ऑफिस बियरर तक को समझौते की कॉपी उपलब्ध नहीं कराई है। जबकि पीएन सिंह ने समझौते के बाद सभी ऑफिस बियरर व कमेटी मेंबरों के बीच इसे बंटवा दिया था। अपर सीलिंग से स्टील वेज को नुकसान

पहली जनवरी 2020 के बाद यदि स्टील वेज कर्मचारी का बेसिक एक लाख रुपये है तो उन्हें दिसंबर 2019 में डीए 10 प्रतिशत मिलता था। अब उसके ग्रेड के अपर स्पैन सीलिंग पर 80 हजार रुपये मिलेगा। ऐसे में जब तक उसका 12.5 प्रतिशत डीए नहीं हो जाता, संबधित कर्मचारी को 10 हजार रुपये ही डीए मिलता रहेगा। भले ही बढ़े डीए को मेकअप करने में चार-पांच तिमाही क्यों न लग जाए और तब तक संबधित कर्मचारी को केवल इंक्रीमेंट से होने वाले तीन प्रतिशत या उससे कम ग्रोथ पर ही काम करना होगा। एनएस ग्रेड स्ट्रक्चर से नीचे भी बन गया एक नया ग्रेड

नए ग्रेड रिवीजन समझौते के तहत यूनियन ने एनएस ग्रेड से नीचे नया स्ट्रक्चर बनाकर सबसे बड़ी भूल की है। नए समझौते के तहत जो नया ग्रेड स्ट्रक्चर बना है उसमें पूर्व की तरह बेसिक व डीए में एमजीबी जोड़ा ही नहीं गया है। जबकि पहली जनवरी, 2012 में लंबित ग्रेड में एनएस-1 का 6500 रुपये से 200 रुपये इंक्रीमेंट के बाद स्पैन बढ़कर 10100 रुपये होता था। जो समझौते के बाद बढ़कर उसे 11,220 -340 से 18020 रुपये किया गया। इसमें 11,220 में तब उस समय का 2239 रुपये डीए व 2481 रुपये एमजीबी जोड़ा गया था। जबकि वर्तमान वर्तमान ग्रेड स्ट्रक्चर में एमजीबी नहीं जोड़ा गया है। एनएस ग्रेड में व्यक्ति विशेष को ही एमजीबी का लाभ दिया गया जबकि इसे उनके ग्रेड स्ट्रक्चर में नहीं जोड़ा गया है। इसका नुकसान भविष्य में कंपनी ज्वाइन करने वाले और प्रमोशन पाने वाले दोनो कर्मचारियों को होगा। ग्रेड रिवीजन में न्यू सीरीज को होने वाला नुकसान

-डीए परप्वाइंट वाले कर्मचारियों का ग्रेड रिवीजन सात वर्ष होना जबकि टाटा मोटर्स में मात्र तीन वर्ष है।

-डीए परप्वाइंट तीन रुपये ही रहना। उसमें किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं होना।

-2012 के ग्रेड रिवीजन में न्यू सीरीज का मिनिमम गारेंटेड बेनीफिट औसतन 30 प्रतिशत था जो वर्तमान में 22 प्रतिशत है।

-सात वषरें के समझौते में एमजीबी न्यूनतम 3600 और अधिकतम 6750 रुपये होना।

-पहली जनवरी 2020 से जो कर्मचारी एनएस ग्रेड में ज्वाइन करेंगे उनका वीडीए शून्य रहेगा। केवल फिक्स डीए 800 रुपये से ही शुरू होगा।

-2011 में ज्वाइन करने वाले एनएस ग्रेड कर्मचारियों का औसतन सेवाकाल अगर 20 वर्ष बचा है तो अब सात वर्ष समझौता होने पर उन्हें दो समझौते का लाभ मिलेगा जबकि पांच वर्ष होने पर चार जबकि छह वर्ष होने पर तीन बार ग्रेड रिवीजन और इसके बाद होने वाली बढ़ोतरी का लाभ मिलता। यूनियन से एनएस ग्रेड कर्मचारियों का सवाल

न्यू सीरीज कर्मचारियों का फ्यूचर ग्रोथ इतना धीमा क्यों? पिछले ग्रेड समझौते से ही एमजीबी कम और वीडीए तीन रुपये प्रति प्वाइंट में क्यों फ्रीज किया गया? जब डीए परप्वाइंट बढ़ना ही नहीं था, एमजीबी 30 प्रतिशत से घटकर 22 प्रतिशत ही करना था और समझौता सात वर्षो के लिए ही करना था तो 21 माह का विलंब क्यों? इसकी वजह से हर माह कर्मचारियों का औसतन 5000 रुपये का आर्थिक नुकसान होगा। सभी भत्तों का एरियर भी उन्हें नहीं मिलेगा। एनएस ग्रेड कर्मचारियों का कहना है कि एसोसिएट का एक्टिंग शुरू होने से न्यू सीरीज में वरीयता को लेकर भी असमंजस्य है। कलिंगानगर में ग्रेड रिवीजन 2019 से ही लंबित हुआ तो प्रबंधन ने तत्काल समझौता कर कर्मचारियों को भत्तों में होने वाले नुकसान से बचा लिया। लेकिन जमशेदपुर व‌र्क्स में भत्तों पर एनएस ग्रेड कर्मचारियों को 21 माह का नुकसान क्यों उठाए। सीलिंग से बचने के लिए एनएस ग्रेड को कराया नुकसान

एनएस ग्रेड कर्मचारियों का तर्क है कि यूनियन नेतृत्व अगर यूनियन चुनाव बाद ही ग्रेड रिवीजन करती तो प्रबंधन उसी समय ही कर्मचारियों के बेसिक-डीए में सीलिंग लगा देती। इसलिए यूनियन ने इसे 21 माह तक लंबित रखा ताकि पहली जनवरी 2020 तक उसे प्रभावी कराकर स्टील वेज को 24 माह का लाभ दिलाकर अपनी पीठ थपथपा सके। लेकिन इसका नुकसान न्यू सीरीज ग्रेड को हुआ। न्यू सीरीज ग्रेड को औसतन 63 हजार रुपये का नुकसान

नए वेतन समझौते से न्यू सीरीज के लगभग साढ़े चार हजार कर्मचारियों को औसतन 63 हजार 35 रुपये का नुकसान हो रहा है। इसमें 21 माह के हिसाब से 35 रुपये नाइट एलाउंस, 35 रुपये का व्हीकल मेंटनेंस एलाउंस, एनएस-4 का 400 रुपये का परप्वाइंट इंक्रीमेंट (4.06 रुपये की बढ़ोतरी, जो डीडब्ल्यूआइबी 200 प्वाइंट होने पर प्रतिमाह 800 रुपये का न्यूनतम नुकसान), 500 रुपये के पर्सनल एलाउंस, मोबाइल व इंटरनेट पर 300 रुपये प्रतिमाह, 100 रुपये का यूटिलिटी एलाउंस व शिक्षा पर 815 रुपये का एलाउंस शामिल है। इन सभी को जोड़ने पर कर्मचारियों को औसतन 63 हजार रुपये तक का नुकसान होने की संभावना है।


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