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Tata Steel : नहीं रहे स्टील मैन आफ इंडिया, जेजे ईरानी के निधन के बाद कारपोरेट जगत में शोक की लहर

Tata Steel टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक जेजे ईरानी का सोमवार देर रात निधन हो गया। वह पिछले कई दिनों से टाटा मुख्य अस्पताल में भर्ती थे। घर में गिर जाने के कारण उनके सिर में गंभीर चोट आई थी।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Mon, 31 Oct 2022 11:36 PM (IST)Updated: Tue, 01 Nov 2022 10:22 AM (IST)
Tata Steel : नहीं रहे स्टील मैन आफ इंडिया, जेजे ईरानी के निधन के बाद कारपोरेट जगत में शोक की लहर
Tata Steel : टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक जेजे ईरानी का निधन, जमशेदपुर में शोक की लहर

जमशेदपुर : टाटा स्टील के पूर्व प्रबंधक निदेशक डा. जेजे ईरानी (86 वर्ष) सोमवार रात नौ बजकर 59 मिनट पर टाटा मेन हास्पिटल के क्रिटिकल केयर यूनिट में अंतिम सांस ली। 2011 में टाटा स्टील से सेवानिवृत्त होने के बाद डा. ईरानी अपनी पत्नी के साथ बेल्डीह लेक स्थित सात नंबर बंगले में रहते थे। वे अपने पीछे पत्नी डेजी ईरानी व तीन बच्चे जुबिन निलोफर व तनाज को पीछे छोड़ गए हैं। मंगलवार सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर उनका अंतिम संस्कार पारसी रीति-रिवाजों के अनुसार होगा।

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स्टील मैन आफ इंडिया के नाम से थे मशहूर

स्टील मैन आफ इंडिया के नाम से मशहूर डा. ईरानी की पहचान दूरदर्शी नेता के रूप में थी जिन्होंने 1990 के दशक में भारत के आर्थिक उदारीकरण के दौरान टाटा स्टील का नेतृत्व किया और भारत में स्टील इंडस्ट्री के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए 43 सालों तक टाटा स्टील को अपनी सेवा देते हुए कंपनी को अंतराष्ट्रीय पहचान दिलाई। उनके निधन की सूचना मिलने के बाद टीएमएच में कंपनी के वरीय अधिकारी पहुंचे।

छह अक्टूबर से थे टीएमएच में भर्ती

डा. जेजे ईरानी छह अक्टूबर की सुबह अपने घर पर गिर गए थे इसके कारण उन्हें स्पाइनल कोड में चोट आई थी। इसके बाद से ही वे टाटा मेन हास्पिटल में इलाजरत थे। पिछले दिनों वे कोविड पाजिटिव व निमोनिया से ग्रसित हो गए थे जिसके बाद उनका इलाज सीसीयू में चल रहा था।

दो जून 1936 को नागपुर में हुआ था जन्म

डा. ईरानी का जन्म दो जून 1936 को नागपुर के जीजी ईरानी व खोरशेद ईरानी के घर हुआ था। 1956 में नागपुर साइंस कालोज से विज्ञान में स्नातक व 1958 में नागपुर यूनिवर्सिटी से भू-विज्ञान में मास्टर आफ साइंस की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे आगे की पढ़ाई करने यूनाइटेड किंग्डम गया जहां उन्होंने 1960 में मेटालर्जी में मास्टर्स व 1963 में पीएचडी की उपाधि हासिल की। इसके बाद इसी वर्ष शेफील्ड में ब्रिटिश आयरन एंड स्टील रिसर्च एसोसिएशन के साथ अपने पेशेवर कैरियर की शुरूआत की।

टाटा स्टील में बतौर सहायक किया था ज्वाइन

1968 में भारत लौटे और टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटेड (अब टाटा स्टील) में अपना योगदान बताैर सहायक के पद पर दिया। इसके बाद रिसर्च एंड डेवलपमेंट में एक्टिंग डायरेक्टर, 1978 में जनरल सुपरिटेंडेंट, 1979 में जनरल मैनेजर और 1985 में टाटा स्टील के डायरेक्टर बने। 1988 में वे टाटा स्टील के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर व 1992 में मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर अपनी सेवा दी। इसके अलावा डा. ईरानी 1981 में टाटा स्टील के बोर्ड में शामिल हुए और 2001 तक नान एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी रहे। टाटा स्टील के अलावा वे टाटा संस, टाटा मोटर्स व टाटा टेली सर्विसेज सहित टाटा समूह की कई कंपनियों में निदेशक के रूप में भी अपनी सेवा दी थी।


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