टाटा स्टील को मिला 'मोस्ट एथिकल कंपनी' का सम्मान Jamshedpur News
टाटा स्टील के सीईओ एंड एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि विश्व की सर्वाधिक नैतिक कंपनियों में से एक के रूप में एक बार फिर मान्यता मिलना हमारे लिए गर्व की बात है।
जमशेदपुर (जासं)। नैतिक व्यापार अभ्यासों को परिभाषित और प्रोत्साहित करने वाली विश्व की अग्रणी संस्था 'एथिस्फयर इंस्टीट्यूट ने टाटा स्टील को वर्ष 2020 के लिए विश्व की 'मोस्ट एथिकल कंपनीजासं, (सर्वाधिक नैतिक कंपनी) का सम्मान दिया है। कंपनी को यह सम्मान नौवीं बार दिया गया है। एथिस्फयर ने 2020 में 21 देशों और 51 उद्योगों की 128 कंपनियों को सम्मानित किया है।
बोले एमडी टीवी नरेंदन - हमारे लिए गर्व की बात
टाटा स्टील के सीईओ एंड एमडी टीवी नरेंद्रन ने इस पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व की सर्वाधिक नैतिक कंपनियों में से एक के रूप में एक बार फिर मान्यता मिलना हमारे लिए गर्व की बात है। यह सम्मान हमें टाटा समूह के दूरदर्शी संस्थापक नेतृत्वकर्ताओं द्वारा प्रचलित मूल्यों और संचालन और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध रहने के लिए प्रोत्साहित करता है।
टाटा का नाम भारत और विदेशों में हमारे लाखों स्टेकहोल्डरों में विश्वास, विश्वसनीयता और अखंडता की भावना पैदा करता है। इस विरासत का हिस्सा होना और इस नींव पर आगे का निर्माण करना एक सौभाग्य है, जो वर्षों के दौरान नैतिक आचरण के माध्यम से बड़ी शिद्धत से हासिल की गई है।
एथिस्फेयर के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर ने दी टाटा स्टील को बधाई
एथिस्फेयर के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर टिमोथी एर्लिच ने कहा कि यह सम्मान अर्जित करने में लिए टाटा स्टील में सभी को बधाई देता हूं।
यह ईमानदारी द्वारा परिभाषित कॉरपोरेट संस्कृतियों को आगे बढ़ाने के लिए काम करने वाले लीडरों को मान्यता देने और व्यापक सामाजिक अनिवार्यताओं में कंपनियों के योगदान एवं उनके अधिक अच्छे कार्य की पुष्टि करने का क्षण है।
टाटा स्टील अपने मूल्यों व सिद्धांतों के प्रति है सजग
टाटा स्टील प्रबंधन अपने स्थायी व अस्थायी कर्मचारियों से लेकर कंपनी से जुड़े हर छोटे-बड़े कर्मचारियों को कंपनी के मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति सजग रखना चाहता है, ताकि कंपनी के गौरवमय इतिहास को बेहतर ढंग से आगे बढ़ाया जा सके। इसी के तहत प्रबंधन की ओर से अभी टाटा वर्कर्स यूनियन के कमेटी मेंबरों को समूह में टाटा स्टोरी नामक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कार्यक्रम के तहत मंगलवार को ट्राइबल कल्चर सेंटर सोनारी में कॉरपोरेट सर्विसेस के 30 कमेटी मेंबरों को प्रशिक्षित किया गया। इस दौरान कमेटी मेंबरों को कंपनी की स्थापना से लेकर अब तक की कहानी के साथ उस समय की परिस्थिति में कंपनी द्वारा कई विकल्प के बावजूद जो विकल्प चुना गया उसकी वजह व असर के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही तत्कालीन दूसरे विकल्प चुनने पर कंपनी के शीघ्र क्या फ ायदा और घाटा होता इसकी भी जानकारी दी जा रही है।