Tata Steel के बैलेंस शीट के बारे में कंपनी के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने कही ये बात, जानिए
टाटा स्टील अपने शुद्ध ऋण में लगातार कटौती कर रही है। कंपनी ने बीते वित्तीय वर्ष में 104779 करोड़ के शुद्ध ऋण में 29390 करोड़ की कटौती की। वर्तमान में कंपनी का शुद्ध ऋण अब घटकर 75389 करोड़ रुपये पहुंच गया है। पढिए पूरी खबर
जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील अपने शुद्ध ऋण में लगातार कटौती कर रही है। कंपनी ने बीते वित्तीय वर्ष में 1,04,779 करोड़ के शुद्ध ऋण में 29,390 करोड़ की कटौती की। वर्तमान में कंपनी का शुद्ध ऋण अब घटकर 75,389 करोड़ रुपये पहुंच गया है। वर्तमान बाजार की स्थिति को देखते हुए कंपनी अपने शुद्ध ऋण में लगातार कटौती करने की तैयारी कर रहा है।
यह कहना है टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन का। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने ये बातें कहीं। बकौल नरेंद्रन, हम अपने शुद्ध ऋण को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले तीन वर्षों में हमने लगभग तीन बिलियन डॉलर अपने शुद्ध ऋण में कमी लाई है। यदि सबकुछ हमारे मुताबिक चलता रहा तो प्रतिवर्ष एक बिलियन डॉलर की कमी हमारे शुद्ध ऋण में आएगी। वहीं, उन्होंने बताया कि 11 हजार करोड़ रुपये में से 7500 करोड़ रुपये भारतीय ऑपरेशन के विकास पर खर्च करेंगे।
उत्पादन लागत पर है पूरा नियंत्रण
बकौल टीवी नरेंद्रन, हमने हमेशा लागत पर फोकस किया क्योंकि लागत पर लगाम लगाना हमारी नियंत्रण में है लेकिन स्टील की कीमत में नहीं। दरअसल हमारी उत्पादन लागत काफी प्रभावशाली है जो हमें वर्तमान समय में मजबूती प्रदान करती है। वर्तमान में हम विश्व में सबसे कम उत्पादन लागत में स्टील निर्माण करने वाली कंपनी है। हालांकि यूरोपियन ऑपरेशन में हमें अब भी काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रांसफार्म बिजनेस के लिए हमने काफी काम किया है। नतीजन विगत वर्षों से हमारे उत्पादों की डिमांड बढ़ी है। इसके लिए हमने काफी सुधार किया।
स्थिर रहेगी स्टील प्राइज
टीवी नरेंद्रन का कहना है कि मुझे लगता है कम या मध्यम समय के लिए ही सही स्टील की कीमत वर्तमान दर पर स्थिर रहेगी क्योंकि चीन से आयातित स्टील की कमी आई है। आयरन ओर की कीमतों पर 200 डाॅलर प्रति टन होने, पर्यावरण संरक्षण को लेकर बने नए नियम और कुकिंग कोल की कीमत भी उच्चतम स्तर पर पहुंचने से चीन में संचालित स्टील कंपनियां दबाव में है। इसके अलावा भारत ही नहीं चीन और अमेरिका भी इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार पर फोकस कर रही है। इससे लगता है कि स्टील की कीमतें कुछ दिनों के लिए स्थिर रहेगी।
भारत में ऑपरेशन बढ़ाने पर हमारा फोकस
टीवी नरेंद्रन का कहना है कि साउथ ईस्ट एशिया का व्यापार यूरोपियन बिजनेस की तुलना में हमेशा पॉजिटिव रहा। यहां कभी भी कैश का अभाव नहीं पड़ा। स्टील व्यापार में आए बदलाव के बाद तो अब हम भारत में ऑपरेशन बढ़ाने की दिशा में विचार कर रहे हैं। इसके लिए हम नई कंपनियों की तलाश कर रहे हैं।
स्टील की कीमतें गिरने पर भी विस्तारीकरण को असर नहीं
एमडी का कहना है कि यदि स्टील की कीमतों में गिरावट आती भी है तो इसका उनके विस्तारीकरण प्रोजेक्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम दुनिया के सबसे प्रतियोगी स्टील उत्पादक कंपनी में से एक हैं। यदि स्टील की कीमतें कम भी हुई तो हम वो अंतिम कंपनी होंगे जिस पर इसका असर पड़ेगा। वर्तमान समय में स्टील की कीमत ऊंचाई पर है तो हम अपने बैलेंस शीट को बेहतर करने का काम कर रहे हैं। हमने अपने शुद्ध घाटे को कम किया है।
तीन इंडियन ऑपरेशन कंपनियों का होगा विस्तार
एमडी का कहना है कि कंपनी प्रबंधन अपने तीन कंपनियों का विस्तार करने की योजना है। इसमें वर्ष 2024 तक कलिंगनगर प्रोजेक्ट की उत्पादन क्षमता को तीन मिलियन टन से बढ़ाकर आठ मिलियन टन करना है। इसके अलावा जमशेदपुर प्लांट की उत्पादन क्षमता को 11 मिलियन टन से बढ़ाकर 14 मिलियन टन करना है और अंगुल प्लांट की उत्पादन क्षमता को पांच मिलियन टन से बढ़ाकर 10 मिलियन टन करना है। वर्तमान में हमारी उत्पादन क्षमता 20 मिलियन टन है जिसे भविष्य में बढ़ाकर 40 मिलियन टन करने की योजना है। इसके लिए पहले हम 25 मिलियन टन के लक्ष्य को पूरा करेंगे।