Move to Jagran APP

Tata Steel का फिर बजा डंका, खास पहल करनेवाली बनी दुनिया की पहली कंपनी, जानिए

Tata Steel Big achievement टाटा स्टील ने एकबार फिर दुनिया को अपना लोहा मनवाया है। जमशेदपुर प्लांट में कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए खास पहल कर यह दुनिया की पहली कंपनी बन गयी है। नई पहल से कोक की खपत में भी 10 किलोग्राम प्रति टन की कमी आएगी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 01:36 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 01:36 PM (IST)
Tata Steel का फिर बजा डंका, खास पहल करनेवाली बनी दुनिया की पहली कंपनी, जानिए
नई पहल से ब्लास्ट फर्नेस संचालन में मदद मिलेगी।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील ने जमशेदपुर प्लांट में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ई ब्लास्ट फर्नेस में कोल बेड मिथेन (सीबीएम) गैस के निरंतर इंजेक्शन के लिए परीक्षण शुरू किया है। टाटा स्टील दुनिया की पहली ऐसी कंपनी बन गई है जो पर्यावरण स्नेही पहल के तहत किसी स्टील कंपनी में सीबीएम को इंजेक्टेट रूप में इस्तेमाल किया है।

loksabha election banner

टाटा स्टील की इस नई पहल से कोक की खपत में भी 10 किलोग्राम प्रति टन की कमी आएगी। साथ ही कच्चे स्टील के 33 किलोग्राम सीओ 2 प्रति टन कम करने में मदद मिलेगी। यह परीक्षण अगले कुछ सप्ताह होगा।  सीबीएम इंजेक्शन की सुविधा के लिए ई-ब्लास्ट फर्नेस में पूरे सिस्टम की तकनीक, डिजाइन को टाटा स्टील की इन हाउस टीम द्वारा किया गया है।

जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए नई पहल : वीपी

टाटा स्टील के टेक्नोलाॅजी व न्यू बिजनेस मटेरियल के वाइस प्रेसिडेंट देवाशीष भट्टाचार्य का कहना है कि जलवायु परिवर्तन को कम करने की दिशा में यह नई पहल है। सभी स्टील कंपनियों में कार्बन उत्सर्जन को कम करना बड़ी चुनौती है। इसके लिए जरूरी है कि सभी कंपनियां अपने यहां उत्सर्जन को कम करने के लिए पहले उसके लिए स्थायी विकल्प का पता लगाए। टाटा स्टील कार्बन उत्सर्जन को कम करने की यात्रा पर है और यह नई पहल इसी दिशा में है। इस तरह की पहल से हम बेहतर और सतत निर्माण की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

नई पहल से ब्लास्ट फर्नेस संचालन में मदद मिलेगी : उत्तम

टाटा स्टील के आयरन मेकिंग विभाग के वाइस प्रेसिडेंट उत्तम सिंह का कहना है कि स्टील उद्योग के क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की तकनीक अभी तरह पूरी तरह से तैयार नहीं है। ऐसे में टाटा स्टील इस दिशा में पहल करते हुए नए संसाधनों का पता लगाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इस नई पहल से ब्लास्ट फर्नेस में सीबीएम इंजेक्शन की यह पहल हमें हाइड्रोजन आधारित इंजेक्टेट्स के साथ ब्लास्ट फर्नेस के संचालन में मदद करेगी। साथ ही कार्बन उत्सर्जन को भी कम करेगी। हम 2030 तक सीओ 2 उत्सर्जन को प्रति टन स्टील उत्पादन में 1.8 टन तक सीओ 2 के स्तर तक के मिशन पर हैं।

इस तरह से करता है काम

यह परीक्षण ब्लास्ट फर्नेस में उपयुक्त होने वाली कोक दर में कमी के साथ-साथ उत्पादकता को भी बढ़ाने में मदद करेगा। साथ ही हाइड्रोजन आधारित इंजेक्टरों के साथ ब्लास्ट फर्नेस के संचालन में मदद करेगा। जो भविष्य में हमें हाइड्रोजन युक्त हरित ईंधन के साथ ब्लास्ट फर्नेस के संचालन में नई रूपरेखा तैयार करने में मदद करेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.