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मोहन आहूजा स्टेडियम का लीज खत्म, जेबीए पर संकट

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पिछले 55 साल से झारखंड बैडमिंटन का मक्का कहे जाने वाला मोहन आहू

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jan 2018 02:59 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jan 2018 02:59 AM (IST)
मोहन आहूजा स्टेडियम का लीज खत्म, जेबीए पर संकट

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पिछले 55 साल से झारखंड बैडमिंटन का मक्का कहे जाने वाला मोहन आहूजा स्टेडियम पर आने वाला समय में किसका कब्जा होगा, यह तो वक्त के गर्भ में छिपा है, लेकिन अभी से ही खिलाड़ियों के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। 1960 में टाटा स्टील ने मोहन आहूजा स्टेडियम को सब लीज पर झारखंड बैडमिंटन एसोसिएशन (जेबीए, तत्कालीन बिहार बैडमिंटन एसोसिएशन) को दिया था। वर्ष 2012 में अनुबंध खत्म होने के बाद सब लीज को पांच साल के लिए नवीकरण किया गया था। 31 दिसंबर 2017 को अनुबंध खत्म हो गया। अब टाटा स्टील मोहन आहूजा स्टेडियम को अपने कब्जे में करना चाहती है, लेकिन झारखंड बैडमिंटन संघ इसे छोड़ना नहीं चाहता। झारखंड बैडमिंटन संघ के सचिव प्रभाकर राव ने अनुबंध की अवधि बढ़ाने के लिए कई बार टाटा स्टील को पत्र लिखा, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी। अंत में प्रभाकर ने निचली अदालत का रूख किया। सूत्रों के अनुसार, अगर निचली अदालत में निराशा हाथ लगती है तो झारखंड बैडमिंटन संघ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है।

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उधर, झारखंड बैडमिंटन संघ ने मदद के लिए भारतीय बैडमिंटन संघ के पास गुहार लगाई। भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष व असम से भाजपा के सांसद हेमंता बिस्वा शर्मा ने टाटा स्टील को पत्र लिख खेल व खिलाड़ियों को ध्यान में रखते हुए अनुबंध बढ़ाने की सिफारिश की। झारखंड बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष दीपक वर्मा ने बताया कि पत्र के मार्फत राज्य संघ ने टाटा स्टील के समक्ष अपनी चिंता जाहिर की है। हमने भी टाटा स्टील के साथ बैठकर मामले को सुलझाने का प्रस्ताव दिया है। आशा है, जल्द ही मामला सुलझ जाएगा।

झारखंड बैडमिंटन संघ का एक शीर्षस्थ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अगर टाटा स्टील इंडोर स्टेडियम को खाली कराने पर आमदा हो जाती है तो फिर हम दूसरे स्थान पर जगह मुहैया कराने के लिए दबाव बनाएंगे।

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एक रुपये लीज पर मिली थी जगह

टाटा स्टील में कार्यरत मोहन आहूजा तत्कालीन बिहार के जाने-माने बैडमिंटन खिलाड़ी थे। थोड़े ही दिनों में वे राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप में अपनी छाप छोड़ी। उनके निधन के बाद इंडोर स्टेडियम का नाम मोहन आहूजा के नाम से रख दिया गया। 1960 में टाटा स्टील ने तत्कालीन बिहार बैडमिंटन संघ को वार्षिक एक रुपये की लीज पर जमीन मुहैया कराई। 2012 में पहली बार सब लीज का नवीनीकरण किया गया। अनुबंध में यह शामिल किया गया कि इस जगह को किसी भी प्रकार के वाणिज्यिक प्रयोग नहीं होगा। इसके बावजूद झारखंड बैडमिंटन संघ ने स्टेडियम को शादी व रिसेप्शन के लिए देता रहा। एक बैडमिंटन खिलाड़ी ने नाम न छापने की शर्त पर अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा कि हम निराश है और भविष्य को लेकर चिंतित है। टाटा स्टील खेल विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि शीर्ष प्रबंधन इस मामले को देख रहा है।


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