टाटा मोटर्स के अस्थायी कर्मियों की धड़कनें तेज, प्रबंधन पर निगाहें
टाटा मोटर्स में ज्यों-ज्यों बोनस समझौते का समय निकट आ रहा है अस्थायीकर्मी स्थायी की टकटकी लगाए हैं।
अरविंद श्रीवास्तव, जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में ज्यों-ज्यों बोनस के समझौते का समय निकट आ रहा है कंपनी के अस्थायी कर्मियों की धड़कनें बढ़ती जा रही हैं। कारण, इसी समझौते में अस्थायी कर्मियों को स्थायीकरण का तोहफा मिलता रहा है। पिछली बार 300 अस्थायी कर्मियों को स्थायी किया गया था। फिलहाल 4,800 अस्थायी कर्मी टाटा मोटर्स में कार्य कर रहे हैं। इन्हीं अस्थायी कर्मियों को बाइ सिक्स कहा जाता है।
दुर्गापूजा से पूर्व स्थायीकरण होने से कर्मचारियों के घरों की खुशियां दोगुनी हो जाती है। मजदूर नेता गोपेश्वर ने इस बोनस के साथ स्थायीकरण की प्रक्रिया शुरू कराई थी। इस परंपरा का निर्वाह यूनियन के पूर्व महामंत्री चंद्रभान प्रसाद ने किया। फिर प्रकाश कुमार ने भी अस्थायी कर्मियों को स्थायीकरण कराने का काम किया। इधर, दो साल से टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के महामंत्री आरके सिंह भी पुरानी परंपरा को निर्वाह करने में लगे हुए हैं। उधर, कंपनी के अस्थायी कर्मी भी स्थायीकरण को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। हालांकि इस बार भी यूनियन ज्यादा से ज्यादा स्थायीकरण कराने के लिए प्रयासरत है।
बीते वर्ष में हुए बोनस व स्थायीकरण का ब्योरा
वित्तीय वर्ष- फीसद- स्थायीकरण सं.
2009-10- (17.6)- 250
2010-11- (16.65)-260
2011-12- (17) - 250
2012-13-(13.4) - 250
2013-14-(10.5) - 280
2014-15-(10) - 321
2015-16-(12) - 250
2016-17-(10) - 301
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शुरू हुई बोनस वार्ता
टाटा मोटर्स में वित्तीय वर्ष (2017-18) की बोनस वार्ता शुरू हो गई है। प्रबंधन-यूनियन की पहली वार्ता कंपनी के जनरल ऑफिस में शुक्रवार को एक घंटे चली। प्रबंधन की ओर से कंपनी की आय-ब्यय की जानकारी दी गई तो यूनियन भी अपना पक्ष रखा। वार्ता में प्लांट हेड संपत कुमार, ई-आर हेड दीपक कुमार, एचआर हेड रवि सिंह व यूनियन से महामंत्री आरके सिंह शामिल थे। यूनियन प्रवक्ता संतोष सिंह ने कहा कि वार्ता सकारात्मक रही। अगले सप्ताह फिर बात होगी। स्थायीकरण उन्होंने कहा कि यूनियन अपनी परंपरा को बरकरार रखते हुए इस बार भी बाई सिक्स कर्मियों को स्थायी कराने का काम करेगी।