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    Tata Airbus : उत्तर प्रदेश व गुजरात में टाटा एयरबस का लगेगा प्लांट, केंद्र से हो चुकी है 22 हजार करोड़ की डील

    By Jitendra SinghEdited By:
    Updated: Thu, 23 Sep 2021 09:12 AM (IST)

    Tata Airbus टाटा समूह ने सैन्य विमानों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से 22000 करोड़ की डील की है। सभी सैन्य विमान भारत में ही बनेंगे। इसके लिए टाटा समूह उत्तर प्रदेश गुजरात सहित कई अन्य जगहों पर प्लांट लगाने पर विचार कर रहा है।

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    उत्तर प्रदेश व गुजरात में टाटा एयरबस का लगेगा प्लांट, केंद्र से हो चुकी है 22 हजार करोड़ की डील

    जमशेदपुर : टाटा समूह देश की पहली निजी कंपनी होगी जो मेक इन इंडिया के तहत सैन्य विमानों का निर्माण करेगी। टाटा समूह अब तक इन सैन्य विमानों को हैदराबाद या बेंगलुरु में तैयार करने की योजना बना रही थी लेकिन अब चर्चा है कि टाटा समूह अपने इस महत्वकांक्षी योजना के लिए उत्तर प्रदेश व गुजरात जैसे राज्यों का भी रुख कर रही है ताकि औद्योगिक शांति वाले इन राज्यों में समूह अपने प्रोजेक्ट को आसानी से बिना किसी व्यवधान के शुरू कर सके।

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    टाटा सी 295 व एयरबस विमानों का करेगी निर्माण

    टाटा समूह मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत सी 295 एयरबस विमानों का निर्माण करेगी। सैन्य परिवहन में इस्तेमाल होने वाले इन एयरबस को केंद्र सरकार ने अपनी अनुमति दे दी है। इस परियोजना के तहत इंडियन एयर फोर्स को 56 एयरबस मिलेंगे। जिसका भारतीय वायुसेना लंबे समय से इंतजार कर रही थी। आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में एवरो 848 मालवाहक विमान है जिसने अपनी पहली उड़ान वर्ष 1961 में यानि 60 साल पहले उड़ान भरी थी। ऐसे में केंद्र सरकार अपने पुराने सैन्य मालवाहक विमानों के स्थान पर सी 295 को लेकर आ रही है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा कैबिनेट कमेटी ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है।

    टाटा कंर्सोर्टियम करेगी सैन्य विमानों का निर्माण

    केंद्र सरकार और टाटा समूह के साथ हुए करार के तहत स्पेन से 48 माह के अंदर 16 परिवहन विमान भारत आएगा। 60 दशक के बाद यह केंद सरकार का पहला यूरोपियन फर्म से रक्षा अनुबंध समझौता हुआ है। इसके बाद अगले 10 वर्षो में शेष 48 विमानों का निर्माण टाटा कंसोर्टियम कंपनी मेक इन इंडिया के तहत सैन्य विमानों का निर्माण करेगी। हालांकि केंद्र सरकार और टाटा समूह के बीच छह साल पहले ही इस परियोजना पर सहमति बन गई थी। लेकिन वित्तीय मामलों और राफेल सौदों के कारण परियोजना अटक गया था। संभवत: इस वर्ष के अंत तक केंद्र सरकार और टाटा समूह के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएगा।

    छोटे एयरपोर्ट में भी उतर सकता है सी-295

    टाटा द्वारा तैयार किए जा रहे सी-295 एक बहु भूमिका परिवहन वाला विमान होगा। जिसकी अधिकतम पे लोड क्षमता 9.25 टन है। इस विमान की खासियत होगी कि यह छोटे रनवे वाले एयरपोर्ट पर भी आसानी से उतर व उड़ान भर सकता है।

    भारत में एयरोस्पेस उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

    रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि सभी 56 विमान स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट के साथ स्थापित किए जाएगा। यह परियोजना भारत में एयरो स्पेस पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगी। जिसमें देश भर में फैले कई एमएसएमई विमान के उपकरण निर्माण में काम कर सकेंगे। स्पेन से जिन 16 विमानों की डिलीवरी के पूरा होने से पहले, सी-295 एमडब्ल्यू विमान के लिए 'डी' लेवल सर्विसिंग सुविधा (एमआरओ) भारत में स्थापित की जाएगी। उम्मीद है कि यह सुविधा क्षेत्रीय एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और ओवरऑल मेंटेनेंस) हब के रूप में कार्य करेगी। मंत्रालय का कहना है कि एयरबस भारतीय ऑफसेट भागीदारों से योग्य उत्पादों और सेवाओं की सीधी खरीद के माध्यम से अपने ऑफसेट दायित्वों का निर्वहन करेगी।

    इंडियन एयरफोर्स के पास हैं छोटे परिवहन विमान

    वर्तमान में इंडियन एयरफोर्स के पास सी-130जेएस, सी-17एस और आइएल-76एस जैसे कई छोटे मालवाहक वाले परिवहन विमान है जो छोटी हवाई पट्टियों पर भी उतर सकती है लेकिन सी-295एस छोटे एयरपोर्ट पर नहीं उतर सकती है।

    इस परियोजना से देश की स्वदेशी कंपनियों को भी होगा फायदा

    रक्षा मंत्रालय का कहना है कि टाटा को मिली इस परियोजना का फायदा स्वदेशी कंपनियों को भी मिलेगा। क्योंकि टाटा विमानों के पार्टस, उपकरण सहित अन्य जरूरी सामान भी स्वदेशी कंपनियों से ही खरीदेगी। सब असेंबली लाइन और एयरो स्ट्रक्चर के लिए प्रमुख कंपोनेंट असेंबली भी भारत में निर्मित होने वाली है। ऐसे में इस परियोजना से एयरो स्पेस परिस्थितिकी तंत्र में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। प्रत्यक्ष रूप से 600 अत्यधिक कुशल और 3000 अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेंगे। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस परियोजना से देश में सी-295 एस के लिए हैंगर, एप्रन, टैक्सी-वे सहित विशेष बुनियादी ढ़ांचे का निर्माण होगा। हमें उम्मीद है कि टाटा कंसोर्टियम अपनी आपूर्ति के दौरान नेशनल एयरो स्पेस और एनएडीसीएपी से मान्यता प्राप्त करेंगे।