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तंत्र के गण : बच्चों को मामूली फीस पर शिक्षा उपलब्ध करवा रहे मनोज, खुद भरते असमर्थ बच्चों की फीस

पिछले 15 सालों से आदर्श बाल मध्य एवं उच्च विद्यालय सोनारी तथा नागरिक संघ स्कूल सोनारी के अध्यक्ष के रूप में पूर्व क्रिकेटर सह समाजसेवी मनोज यादव अपना दायित्व निभा रहे हैं। स्कूल के विकास के लिए वे कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 05:38 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 05:38 PM (IST)
पूर्व क्रिकेटर व समाजसेवी मनोज यादव। जागरण

वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर : भारतीय तरुण संघ सोनारी द्वारा आदर्श बाल मध्य विद्यालय, आदर्श बाल उच्च विद्यालय का संचालन किया जाता है। इस विद्यालय के बच्चे जैक बोर्ड से परीक्षा देते हैं। कक्षा एक से दसवीं तक की पढ़ाई होती है। वर्ष 1970 से यह स्कूल चल रहा है। इस स्कूल में बच्चों से मात्र 120 रुपया महीना फीस लिया जाता है। इसमें से 25 प्रतिशत बच्चे ऐसे होते हैं, जो फीस नहीं दे सकते। उनका फीस स्कूल की प्रबंधन समिति पूरी तरह माफ कर देती है।

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इसके अलावा ऐसे कई बच्चे होते हैं जो फीस देने में असमर्थता व्यक्त करते हैं। हर साल ऐसे बच्चों की संख्या 30-35 होती है। इन बच्चों की फीस कई ऐसे लोग है जो अपने पॉकेट से भर देते हैं। वे एक साथ तीन-चार साल का फीस जमा कर देते हैं, ताकि बच्चे आराम से पढ़ सके। इस स्कूल के अध्यक्ष मनोज यादव बताते हैं कि यहां के शिक्षक भी मानदेय पर कार्य करते हैं। उन्हें उनका मेहनताना भी नहीं मिलता, फिर भी स्कूल का रिजल्ट जैक बोर्ड में शत प्रतिशत है। उनका उद्देश्य है कि इस क्षेत्र के बच्चे शिक्षा से वंचित न हो। दोनों स्कूल मिलाकर लगभग 500 बच्चे अध्ययनरत है। पूर्व क्रिकेटर सह समाजसेवी मनोज यादव के नेतृत्व में सोनारी नागरिक संघ की ओर से एक स्कूल चलता है। इसमें बच्चों की फीस मात्र 50-60 रुपया है। इस स्कूल में लगभग 200 बच्चे अध्यनरत हैं। बकौल मनोज बताते हैं कि फीस लेने का मतलब यह है कि बच्चों एवं उनके अभिभावकों के बीच गरीबी का बोध न हो तथा उन्हें कोई यह नहीं कह सकें कि वे फ्री में पढ़ते हैं।

स्कूल को नहीं मिलता कोई आर्थिक सहयोग

आदर्श बाल मध्य एवं उच्च विद्यालय सोनारी जैक बोर्ड से प्रस्वीकृति प्राप्त है। इन स्कूलों को कोई सरकारी अनुदान नहीं मिलता। आपसी जनसहयोग से यह स्कूल 50 साल से अधिक समय से चला आ रहा है। इस क्षेत्र के अगल-बगल कई सरकारी व निजी विद्यालय हैं। इसके बावजूद इन स्कूलों में छात्रों की संख्या कम नहीं है। स्कूल के शिक्षक भी बच्चों में ज्ञान का दीप जलाने का हर संभव प्रयास करते हैं।

पंद्रह सालों में हुआ व्यवस्थागत सुधार

पिछले 15 सालों से आदर्श बाल मध्य एवं उच्च विद्यालय सोनारी तथा नागरिक संघ स्कूल सोनारी के अध्यक्ष के रूप में पूर्व क्रिकेटर सह समाजसेवी मनोज यादव अपना दायित्व निभा रहे हैं। स्कूल के विकास के लिए वे कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जहां तक हो सके स्कूल के विकास के लिए आवश्यक सामग्रियों, उपकरणों एवं आधारभूत संरचना के विकास के लिए पूंजीपतियों एवं सहयोग की ईच्छा रखने वाले लोगों तथा संस्थाओं से संपर्क साधते हैं तथा स्कूल के विकास के लिए सहयोग करने की अपील करते हैं। उनकी अपील का ही नतीजा है कि पिछले 15 सालों में स्कूलों में व्यवस्थागत सुधार हुआ है। शिक्षकों को भी समय पर निर्धारित मानदेय मिलता है। भले ही वह अन्य स्कूलों से कम हो, लेकिन जितना मानदेय निर्धारित है उतना समय पर मिल जाता है। स्कूल के शिक्षक भी बच्चों के भविष्य के निर्माण में बहुमूल्य समय दे रहे हैं। आदर्श बाल मध्य एवं उच्च विद्यालय में 25 शिक्षक व पांच गैर शैक्षणिक कर्मचारी है। नागरिक संघ के स्कूल में पांच शिक्षक है। यहां कोई गैर शैक्षणिक कर्मचारी नहीं है। सब कुछ शिक्षक अपने ही करते हैं। शिक्षकों का समर्पण ही स्कूल को पहचान दिलाने में सहायक सिद्ध हो रहा है।


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