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CGPC Dispute: तख्त हरमंदिर साहिब का बडा फैसला, गुरमुख सिंह मुखे को सीजीपीसी प्रधान पद से हटाया

सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) जमशेदपुर के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे को पटना साहिब स्थित तख्त श्री हरमंदिर साहेब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रंजीत सिंह ने हटा दिया है। जत्थेदार ने सीजीपीसी की वर्तमान कमेटी को भंग कर दिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 09:46 AM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 10:32 AM (IST)
CGPC Dispute: तख्त हरमंदिर साहिब का बडा फैसला, गुरमुख सिंह मुखे को सीजीपीसी प्रधान पद से हटाया
झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन के नेतृत्व में कमेटी को कमान सौंप दी है।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। जमशेदपुर स्थित सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे को पटना साहिब स्थित तख्त श्री हरमंदिर साहेब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रंजीत सिंह ने हटा दिया है। जत्थेदार ने सीजीपीसी की वर्तमान कमेटी को भंग करते हुए झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी को कमान सौंप दी है। वहीं जत्थेदार ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार को भी इस बाबत सूचना देकर प्रशासन से सहयोग मांगा है।

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जिन पांच सदस्यों को कमान सौंपी गई है, उसमें सीजीपीसी के उपाध्यक्ष सह मानगो गुरुद्वारा के प्रधान भगवान सिंह, वरीय उपाध्यक्ष सह साकची के प्रधान हरविंदर सिंह मंटू के अलावा टिनप्लेट गुरुद्वारा के महासचिव सुरजीत सिंह खुशीपुर और सेंट्रल सिख नौजवान सभा के पूर्व प्रधान सतिंदर सिंह रोमी शामिल हैं। लंबे अरसे से जमशेदपुर के सिख समाज की निगाह विवाद को लेकर हरमंदिर साहेब के फैसले पर टिकी थी।

पटना साहिब से जारी पत्र का मजमून

पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह द्वारा जारी पत्र में लिखा है कि पूर्वी भारत के सिखों के सामाजिक एवं धार्मिक मामलों पर सिख पंथ की महान मर्यादा, परंपरा और विरासत के अनुसार तख्त साहिब फैसले लेती है, ताकि संगत और संगत के बाहर सदस्यों के बीच आपसी प्यार, मोहब्बत, भाईचारा, एकता, दया, न्याय की भावना प्रबल हो। जमशेदपुर में एक सिख गुरचरण सिंह बिल्ला पर उस वक्त गोलियां चलाई गईं, जब वो पत्नी के साथ गुरुघर माथा टेकने जा रहे थे। पुलिस की तफ्तीश में गुरमुख सिंह मुखे को साजिश का दोषी ठहराते हुए जेल भेजा गया, जो उस वक्त सीजीपीसी प्रधान थे। फरियादी बिल्ला की शिकायत पर तख्त साहिब ने हुक्मनामा जारी किया था कि मुखे के बरी होने तक वे किसी भी पद पर नहीं नहीं रहेंगे। ना किसी धार्मिक मंच पर बोल सकते हैं। ना ही किसी धार्मिक मंच पर सिरोपा देकर मुखे को सम्मानित किया जाएगा। हाल के दिनों में उनकी शिकायतें मिली हैं कि जेल से आकर वह पद बैठकर सामाजिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। यह पंथ और सभ्य समाज के मान्य आदर्श के अनुसार नहीं है। कोविड को लेकर पांच सदस्यीय कमेटी बना रहा हूं। मुखे से भी सहयोग की अपील करते हुए जत्थेदार ने कहा कि वे पंथ के इस महान काम के लिए आगे आएं। पंथ, कौम, संगत की सेवा कर समाज में भाईचारा की एकता को मजबूत करें। अगर वह सच्चा सिख हैं तो मिसाल पेश करें। पत्र की प्रति एसएसपी, सिटी एसपी, एसडीएम, तख्त कमेटी के महासचिव इंदरजीत सिंह व गुरमुख सिंह मुखे को भी प्रेषित की गई है।

पटना साहिब से बुलावा आएगा तो पूरी बात रखूंगा : मुखे

सीजीपीसी प्रधान गुरमुख सिंह मुखे ने कहा कि 2015 में श्री अकाल तख्त साहिब से जो हुक्मनामा जारी हुआ था, उसके आलोक में मैं सही हूं। हरमंदिर साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा था कि अदालती और कानूनी पेंच में तख्त साहिब को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। ये जो निर्णय लिया गया है वह पटना साहिब के जत्थेदार रंजीत सिंह ने कमेटी के महासचिव इंदरजीत सिंह के दबाव में लिया है। इस कारण जो उनके प्रति श्रद्धा व सत्कार थी, अब शंका में बदल रही है। जब भी पांच सिंह साहिबान इस मामले में उन्हें अमृतसर तलब करेंगे, वहां उपस्थित होकर अपना पक्ष रखूंगा। पटना के जत्थेदार के एक-एक शब्द बहुमूल्य हैं, इसलिए उन्हें ऐसे निर्णय लेने चाहिए जिससे की समाज में एकता कायम हो न कि उसमें फूट पड़े।


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