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हत्या की थी योजना, किसी तरह जान बचा कर भागा

पूर्व सीएम मधु कोड़ा की भतीजी सोनारी के सदगुरू टावर निवासी निशा कोड़ा का अपहरण कर उनसे नकदी व जेवर लूटपाट के आरोपित ताजदार आलम ने एसपी सिटी के यहां सरेंडर करने के बाद अपना पक्ष रखा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 08:46 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 06:44 AM (IST)
हत्या की थी योजना, किसी तरह जान बचा कर भागा
हत्या की थी योजना, किसी तरह जान बचा कर भागा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पूर्व सीएम मधु कोड़ा की भतीजी सोनारी के सदगुरू टावर निवासी निशा कोड़ा का अपहरण कर उनसे नकदी व जेवर लूटपाट के आरोपित ताजदार आलम ने एसपी सिटी के यहां सरेंडर करने के बाद अपना पक्ष रखा है। ताजदार ने अलग ही कहानी पुलिस को बताई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस घटना में उनकी हत्या करने की योजना बनी थी। किसी तरह, उन्होंने भाग कर अपनी जान बचाई। ताजदार ने पुलिस को बताया है कि लगता है कि निशा कोड़ा और घटना को अंजाम देने वाले बदमाश आपस में मिले हुए थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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ताजदार आलम ने पुलिस को दिए अपने आवेदन में लिखा है कि बुधवार को दोपहर बाद एक बजे विजय लक्ष्मी कोड़ा उर्फ निशा कोड़ा उन्हें बिष्टुपुर स्थित छगनलाल ज्वैलरी शॉप ले गई। यहां डेढ़ घंटे तक रहीं। इसके बाद निशा के कहने पर हम दोनों बिक्री की एक जमीन देखने सोनारी से मरीन ड्राइव होते हुए कांदरबेड़ा आ गए। उक्त जमीन के पास पहुंचे तो अचानक दो कार व एक बाइक पर नकाबपोश लोग गाड़ी के पास आए। ताजदार ने लिखा है कि पिस्तौल के बल पर उन्हें भी पीछे बैठा दिया। निशा भी पीछे आकर बैठ गई। एक युवक गाड़ी चलाने लगा। ये लोग कार चांडिल जंगल की तरफ ले जाने लगे। ताजदार को कहा कि उनकी हत्या करनी है। निशा से कहा कि वो कुछ दे देगी तो छोड़ देंगे। निशा ने युवकों से पूछा कि उन्हें किसने भेजा है। फिर निशा ने ताजदार से कहा कि कांग्रेस नेत्री शिखा चौधरी का भाई अमित पैसे के लिए धमका रहा था कि नहीं दोगी तो बच्चों को किडनैप कर लेंगे और दोस्त ताजदार को मार देंगे। उसे पहले दो लाख दे चुकी हूं। तब निशा ने युवकों से कहा कि अमित ने जितना पैसा तुम्हें दिया है उससे ज्यादा दूंगी तुम अमित व शिखा को मार दो। ताजदार ने अपने आवेदन में लिखा है कि युवकों ने 50 लाख रुपये मांगे। तब निशा ने कहा कि उसके पास 12 लाख रुपये बैंक खाते में हैं। एफडी है। वहीं से निशा ने आइसीआइसीआइ बैंक में फोन कर एफडी तोड़ने की बात की। ताजदार के अनुसार अपराधी उसे निशा के घर से एफडी व गहने लाने को कार से ले गए। बदमाश आपस में बात कर रहे थे कि ताजदार को मार देना है। ताजदार ने पुलिस को बताया कि वो पेशाब का बहाना कर कार से उतरा और मौका पाकर भाग कर चांडिल रोड पर निकला। वहां से एक ट्रक पर सवार होकर पुरुलिया चला गया। वहां से एक स्कार्पियो रिजर्व कर बाबू रजवार नाम के ड्राइवर के साथ बुधवार की ही रात तकरीबन दो बजे रांची पहुंच गया। एसएसपी व एसपी सिटी को घटना की जानकारी दी। गुरुवार को सुबह साढ़े सात बजे मीडिया के जरिए जाना कि जिस महिला की वो मदद कर रहा था उसने उसी पर अपहरण व लूट का केस दर्ज करा दिया है।


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